कभी सोचा तक नहीं होगा आपने की जमीन और जायदाद में क्या फर्क होता है, ये बोलता है कानून
Zameen-and-Jaydaad : भारतीय कानून में "जमीन" एक भौतिक संपत्ति है, जबकि "जायदाद" एक व्यापक शब्द है, जो चल संपत्तियों को भी शामिल करता है। भारत के कानून में इन्हें नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट प्रावधान हैं।
The Chopal : भूमि विवाद अक्सर सुनने में आता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जमीन और संपत्ति दो अलग-अलग वस्तुएं हैं? बहुत कम लोगों ने सोचा होगा। भारतीय कानून में ये दो अलग-अलग अवधारणाएं हैं, लेकिन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। चलिए जानते हैं कि भारतीय कानून में इन दोनों शब्दों का क्या अर्थ है और किस शब्द का उपयुक्त उपयोग होता है।
पहले जमीन की बात करें। नाम से ही साफ है कि यह एक या अधिक जमीन के टुकड़े हो सकते हैं। जमीन एक भौतिक संपत्ति है जो किसी विशिष्ट स्थान पर स्थित है। यह एक अचल संपत्ति है, जिसका भूगोल, आकार और सीमा स्पष्ट हैं। भूमि खेत, बाग, रिहायशी भूमि, व्यापारिक भूमि आदि हो सकती है। किसी व्यक्ति या संस्था को जमीन मालिक हो सकती है। खरीदा जा सकता है, बेचा जा सकता है या लीज पर दिया जा सकता है।
अब जायदाद की बात आती है। अंग्रेजी में इसे प्रॉपर्टी या एसेट कहते हैं। जमीन से अधिक है। जायदाद में जमीन हो सकती है। इसमें चल (जैसे वाहन, आभूषण, बैंक बैलेंस, शेयर, आदि) और अचल (जैसे भूमि, भवन, मकान, अपार्टमेंट, आदि) संपत्तियां शामिल हैं। जायदाद में किसी भी भौतिक संपत्ति शामिल हो सकती है।
भारतीय कानून के अनुसार?
भारतीय कानून में जायदाद (property) शब्द में कई प्रकार की संपत्तियां शामिल हैं। इन संपत्ति को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है।
1 .अचल संपत्ति: भूमि और उस पर बनी इमारतें (जैसे अपार्टमेंट, मकान, दुकानें, कमर्शियल परिसर) जमीन का स्वामित्व होता है, बेचा जा सकता है या किराए पर दिया जा सकता है। अचल संपत्ति में अन्य संपत्ति भी शामिल हो सकती है, जैसे जलाशय, पार्क, और वन क्षेत्र।
2. चल संपत्ति: इसमें बैंक बैलेंस, वाहन, आभूषण, नगदी, शेयर, बॉन्ड्स और सामान शामिल हैं। वाहन, मशीनरी और अन्य व्यक्तिगत वस्तुएं चल संपत्ति हैं।
जायदाद की देखभाल और स्वामित्व
भारत में जायदाद और स्वामित्व को नियंत्रित करने के लिए कई कानूनी प्रणाली हैं। इनमें से एक भारतीय संपत्ति कानून है। तीसरा मुस्लिम पर्सनल लॉ और दूसरा हिंदू उत्तराधिकार कानून हैं। इसके अलावा राजस्व, भूमि अधिग्रहण और संपत्ति अधिनियम 1993 हैं। चलिए इन पांचों को भी जानें।
1. भारतीय संपत्ति कानून: भारतीय संपत्ति अधिनियम 1882, अचल संपत्ति के हस्तांतरण और संपत्ति संबंधित अन्य मामलों को नियंत्रित करता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) और भारतीय अनुबंध अधिनियम (Indian Contract Act, 1872) भी संपत्ति के लेन-देन और अन्य कानूनी मुद्दों को नियंत्रित करते हैं।
2. 1956 का हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (Hindu Succession Act): हिंदू परिवारों में संपत्ति का वितरण इस कानून के अधीन होता है। इसमें संपत्ति के उत्तराधिकार और स्वामित्व के नियम बताए गए हैं।
3. मुस्लिम पर्सनल लॉ: मुस्लिम समाज में संपत्ति के अधिकारों को बताने वाले शरीयत कानून लागू होते हैं।
4. राजस्व और जमीन अधिग्रहण अधिनियम: भूमि अधिग्रहण कानून (Land Acquisition Act) और अन्य संबंधित कानून सरकारी उद्देश्यों के लिए भूमि के स्वामित्व और अधिग्रहण को नियंत्रित करते हैं।
1993 में पारित संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम (The Transfer of Property Act, 1882): यह कानून संपत्ति के हस्तांतरण, बिक्री, किराये पर देने, लीज पर देने और अन्य संबंधित मामलों को नियंत्रित करता है।