Agri Drone Scheme: देश में हर किसान के पास होगा कृषि ड्रोन, यह सरकारी बैंक देगा कम दरों पर लोन, पूरी जानकारी

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देश में हर किसान के पास होगा कृषि ड्रोन

Agri Drone Loan: आज के तकनीक के दौर में तकनीकों और मशीनों ने खेती-किसानी को कई गुना अधिक सुविधाजनक बना दिया है. कभी खेतों की निगरानी और छिड़काव के कार्यों में बड़ी मशक्कत किसानों की लगती थी, लेकिन अब कृषि ड्रोन से चंद मिनटों में यह काम भी आसानी से निपट जाते हैं. केंद्र सरकार कई स्कीम्स के जरिए इन कृषि ड्रोन को 50 से 100% तक की सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है. हाल ही में किसानों को उचित कीमतों पर लोन उपलब्ध करवाने के लिए आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच साझेदारी का ऐलान भी हुआ है.

बिना कुछ गिरवी रखे मिलेगा ड्रोन लोन

बताते चलें कि आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन कंपनी का 'एग्रीबोट ड्रोन' देश में सबसे पहले डीजीसीए 'टाइप सर्टिफिकेशन' प्राप्त करने वाला ड्रोन भी है, जिसे केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जून, 2022 में सर्टिफिकेशन भी प्रदान किया था.

अपने बयान में ड्रोन निर्माणकर्ता आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन ने कहा कि सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से किसानों को ड्रोन की खरीद के लिए सस्ती दरों पर लोन भी उपलब्ध करवाया जाएगा. अब कंपनी के ग्राहकों को SBI की मदद से बिनी किसी जमानत के सस्ती ब्याज दर के लोन पर कृषि ड्रोन भी मिलेगा. 
 
अब देश के हर किसान तक पहुंचेगा ड्रोन

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो भारतीय स्टेट बैंक और आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन कंपनी के बीच 'एग्रीबोट ड्रोन'के लिए 1 फरवरी को समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी हुए. इस मामले में एविएशन कंपनी के सह-संस्थापक दीपक भारद्वाज ने कहा कि ड्रोन भारत में कृषि क्षेत्र के लिए वरदान भी साबित होंगे. इस कड़ी में एसबीआई की लोन सुविधा भी आर्थिक तौर पर कमजोर तबके के किसानों के लिए बहुत मददगार साबित होगी. ये किसान वित्तीय अभाव के चलते ड्रोन नहीं खरदी पा रहे थे, लेकिन SBI की लोन सुविधा के चलते अब यह मुमकिन हो पाया है.  

कीटनाशक-तरल उर्वरक के छिड़काव में बेहद मददगार

जाहिर है कि कृषि योग्य बड़े रकबे को कीट-रोगों से बचाने और पोषण की पहचान के लिए निगरानी और छिड़काव जैसे प्रबंधन की जरूरत होती है. इस काम में अब तक मानव श्रम से ही काम होता आ रहा है, लेकिन कैमिकलयुक्त कीटनाशक और उर्वरकों से मजदूरों की सेहत पर बुरा असर भी पड़ता है.

इस काम में समय और पैसा तो पूरा खर्च होता ही है, इनके संपर्क में आने से जान-माल की हानि का खतरा भी बहुत बना रहता है. यही वजह है कि अब सरकारें ड्रोन तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित कर रही हैं, ताकि समय रहते निगरानी और छिड़काव का काम हो सके और जोखिम को भी कम किया जा सके.

ड्रोन के इस्तेमाल से खेती की लागत तो कम होगी ही, समय और श्रम की भी बचत भी होगी. कई राज्यों में किसान ड्रोन खरीदने में सक्षम नहीं है, वहां कस्टम हायरिंग सेंटर के जरिए इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्लान बनाया जा है. 

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