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खुशखबरी ! किसानों को 50 मुर्गियां और एक पिंजरा मुफ्त देगी सरकार, फटाफट यहां आवेदन करें

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खुशखबरी!किसानों को 50 मुर्गियां और एक पिंजरा मुफ्त देगी सरकार, फटाफट यहां आवेदन करें
किसानों के लिए पोल्ट्री फार्मिंग कृषि के पूरक के लिए एक अच्छा व्यवसाय माना जाता है और मोजूदा समय में चिकन अंडे की बाजार में अच्छी कीमत के साथ और मांग भी काफी है।

THE CHOPAL (सरकारी योजना) - आज हम सभी किसान भाइयों के लिए लेकर आए हैं  एक सरकारी योजना जिस से किसानों को होगा काफी फायदा । किसान भाई-बहनों कि जानकारी के लिए बता दे की यह योजना उन के लिए बहुत काम आने वाली है। क्योंकि आज के महगाईं के इस समय में हर कोई  कृषि के साथ अलावा  कुछ ना कुछ अलग आमदनी कि लिए उत्सुक रहते हैं । किसान भाइयों की बात कि जाए तो अधिकतर  किसान भाई पशुपालन और मुर्गी पालन के प्रति अधिक उत्साहित रहते हैं। आज हम आपको ऐसा ही एक नया प्लान के बारे में जानकारी देंगे । आप को बता दे की आप पोल्ट्री प्लान करके अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं और यही नहीं  इस योजना के अन्तर्गरत सरकार किसानों के लिए  50 मुर्गियां और उन के लिए  एक पिंजरा भी साथ फ्री मिलेगा। हम आप की जानकारी के लिए बता दे की आपको आवेदन कैसे करना है और किन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़गी और आपको कहाँ आवेदन करना है और आपको कैसे अनुदान प्राप्त होगा, इन सभी जानकारी और सभी सवालों के जवाब ,आज हम इस खबर के माध्यम से आपको देंगे -

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Poultry farm के लिए सरकार की योजना - 

किसानों के लिए पोल्ट्री फार्मिंग कृषि के पूरक के लिए एक अच्छा व्यवसाय माना जाता है और मोजूदा समय में चिकन अंडे की बाजार में अच्छी कीमत के साथ और मांग भी काफी है। आप को बता दे की महाराष्ट्र सरकार फिलहाल अंडा उत्पादन के लिए आपको सब्सिडी भी दे रही है। पोल्ट्री फार्मिंग को लेकर आधिकारिक सरकार का फैसला भी आया है। 

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यहां हम जानने जा रहे हैं कि वास्तव में अंडों की मांग कैसे बढ़ी है -

आप को बता दे की  कोरोना महामारी के दौरान अंडों की डिमांड काफी बढ़ोतरी हो गई थी । क्योंकि ऐसा इसलिए की अंडे में विटामिन होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। आप की जानकारी के लिए बता दे की कोरोना महामारी के दौरान कई लोगों ने  मुर्गे का मांस खाना ही बंद कर दिया और अपना मुर्गी पालन का धंधा भी बंद कर दिया. क्योंकि कोरोना महामारी के दिनों में मुर्गी पालन के व्यवसाय को भारी मात्रा में नुकसान हुआ था।  क्योंकि कोरोना महामारी के दिनों बीमारी के कारण चिकन और अंडे को बाजार में बेचना काफी मुश्किल हो गया था । इस व्यवसाय में कई किसानों को भारी मात्रा नुकसान भी उठना पड़ा था। 

राज्य में जिला वार्षिक सामान्य योजनान्तर्गत समेकित कुक्कुट पालन योजना वर्ष 2010 से संचालित किया गया था।  इस योजना से कई किसान और अन्य साथी को काफी फायदा मिला था। इस योजना के अन्तर्गरत कृषकों को अंडा उत्पादन हेतु तालंगा समूह 50 % उपदान के साथ आबंटित किया जाता है तथा इस समूह में 25 तालंगा एवं तीन नर मुर्गियाँ के साथ-साथ 100 एक दिवसीय उन्नत कुक्कुट समूह भी हैं तथा यह अनुदान इस प्रकार कृषकों को दिया जाता है। पोल्ट्री पार्टियों द्वारा आवश्यक दवाओं और परिवहन की लागत में वृद्धि कर देने के कारण सरकार के द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी में भी अब काफी वृद्धि हुई है।

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आप को बता दे की इस योजना अन्तर्गरत  तेलंगा और नरकोम्बाडे ​​तथा कुकुट पक्षी के समूह में एक दिन पहले मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर कुछ प्रावधान भी तय कर दिए गए हैं। इसके लिए सब्सिडी में अच्छी खासी बढ़ोतरी भी की गई है। जिला वार्षिक सामान्य समेकित विकास योजना के सहयोग से बटेरों के एक समूह एवं अण्डा उत्पादन हेतु एक मुर्गी का मूल्य 50 % अनुदान पर सरकार द्वारा वार्षिक सामान्य 50 %  तक अनुदान पर वितरित किये जाने का निर्णय सरकार ने लिया हैं ।