गेहूं का भाव छु सकता आसमान, भारत का गेहूं खरीदने के लिए लाइन में खडे कई देश, जानें

New Delhi : रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) के कारण भारत के गेहूं निर्यात (India’s Wheat Exports) में वित्त वर्ष 2022 में भारी उछाल आया है। वैश्विक बाजारों में कम आपूर्ति के कारण गेहूं की कीमतों (wheat prices) में हुई बढ़ोतरी के कारण अचानक भारतीय गेहूं की मांग बढ़ गई है। भारत से अब वो देश भी गेहूं लेने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिन्होंने पहले कभी भारत से गेहूं नहीं लिया था।
मार्च 2022 तक भारत ने 7.85 मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया है। यह पिछले वित्त वर्ष के 2.1 मिलियन निर्यात से बहुत ज्यादा है। गेहूं व्यापारियों का कहना है कि पड़ोसी बांग्लादेश सहित भारत कई देशों को गेहूं निर्यात कर रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में भी गेहूं निर्यात में यह तेजी बरकरार रहने की उम्मीद है। बांग्लादेश के अलावा भारत ने दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, ओमान, और कतर सहित कई अन्य देशों को गेहूं निर्यात किया है। भारत ने ज्यादातर गेहूं 225 से 335 डॉलर प्रति टन के हिसाब से बेचा है।
नई दिल्ली के एक प्रमुख गेहूं व्यापारी राजेश पहाडिया जैन ने लाइव मिंट को बताया कि गेहूं का निर्यात खूब हो रहा है। मुंद्रा और कांडला पोर्ट पर गेहूं कार्गो की बहुत भीड़ लगी है। रूस और यूक्रेन में युद्ध छिड़ने से दोनों देशों से आने वाले गेहूं की सप्लाई ठप्प पड़ गई है। इससे वैश्विक बाजारों में गेहूं की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। रूस और यूक्रेन मिलकर 29 फीसदी गेहूं का निर्यात करते हैं।
मिस्र भी खरीदना चाहता है भारतीय गेहूं
गेहूं निर्यात को लेकर भारत की गेहूं के सबसे बड़े आयातक देश मिस्र (Egypt) के साथ बातचीत चल रही है। गौरतलब है कि मिस्र दुनिया में गेहूं का सबसे बड़ा आयातक देश है। पहले वह रूस और यूक्रेन से गेहूं खरीदता था। लेकिन, युद्ध के कारण अब वहां से गेहूं की सप्लाई नहीं हो रही है।
इसके अलावा चीन, तुर्की, बोसनिया, सूडान, नाइजीरिया, और ईरान भी भारत से गेहूं लेने के इच्छुक हैं। लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 महीनों में ही भारत के गेहूं निर्यात में चार गुणा बढ़ोतरी हुई है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बदली हुई वैश्विक परिस्थितियों में भारत को अफ्रीका और मिडल ईस्ट रीज़न में भी गेहूं निर्यात के नए बाजार मिलने की पूरी संभावना है।