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चाणक्य नीति के मुताबिक दुःख में ना बताएं यह बातें, आपको होगा भारी नुकसान,

वैसे तो भारत में बहुत सारे विद्वान हुए परंतु आचार्य चाणक्य आज को समय में भी उनकी गिनती श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है चाणक्य बहुत ही कुशाग्र और तेज बुद्धि के विद्वान थे. आचार्य चाणक्य ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी बुद्धि का बखूबी प्रयोग करते हुए अपने दुश्मन को पराजित किया और बड़ी
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चाणक्य नीति के मुताबिक दुःख में ना बताएं यह बातें, आपको होगा भारी नुकसान,

वैसे तो भारत में बहुत सारे विद्वान हुए परंतु आचार्य चाणक्य आज को समय में भी उनकी गिनती श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है चाणक्य बहुत ही कुशाग्र और तेज बुद्धि के विद्वान थे. आचार्य चाणक्य ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी बुद्धि का बखूबी प्रयोग करते हुए अपने दुश्मन को पराजित किया और बड़ी बात आचार्य चाणक्य ने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर नीतिशास्त्र की रचना की. जिसको आज चाणक्य नीति भी कहा जाता है,

चाणक्य नीति के मुताबिक दुःख में ना बताएं यह बातें, आपको होगा भारी नुकसान,धन, संपति का में घाटा ना नाश होने पर,

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति को धन का नाश होने पर किसी के सामने इस बात का जिक्र नहीं करना चाहिए. आपकी इस स्थिति में लोग आपके सामने तो सहानुभूति प्रकट करते हैं परंतु वहीं इंसान सहायता करने से कतराते हैं. धन का नाश होने की स्थिति में कोई भी व्यक्ति फायदा उठा सकता है. आप समस्याओं में तो घिर ही सकते हैं साथ ही आपको अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है,

परिवारविवाद के बारे में

आचार्य चाणक्य बताते हैं कि परिवार में किसी प्रकार का दोष होने पर किसी के सामने इस बात का जिक्र नहीं करना चाहिए. अगर परिवार में किसी प्रकार की कलह है या फिर किसी सदस्य में कोई दोष है तो इस बात को भूलकर भी दूसरों के सामने कभी नहीं बोलना चाहिए. आपके परिवार के आपसी मतभेद का लोग फायदा उठाते हैं,

पति पत्नी विवाद

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी की बात को कभी भी तीसरे व्यक्ति के सामने नहीं कहना चाहिए. इससे आपके मान-सम्मान को ठेस पहुंच सकती है. पति-पत्नी का संबंध बहुत ही निजी होता है. यदि पति-पत्नी के बीच किसी प्रकार का विवाद हो और पत्नी कोई गलत व्यवहार कर दे तो इस बात का जिक्र भूलकर भी किसी के सामने नहीं करना चाहिए,

किसी के द्वारा अपमानित करने पर,

आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि कहीं पर आपको कटु और गलत शब्द सुनने पड़े हो और आपका अपमान हुआ हो तो इस बात के बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए. लोग सहानुभूति दिखाने के स्थान पर उपहास करते हैं. इसलिए इन बातों को जितना गुप्त रखा जाए उतना ही बेहतर रहता है,