उत्तर प्रदेश में बनेगें 6300 करोड़ की लागत से 146 नए सब स्टेशन, बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत  
 

ऊर्जा क्षेत्र में पावर कॉरपोरेशन बहुत कुछ बदलने भी जा रहा है। इसमें पूर्वांचल पर विशेष ध्यान दिया गया है। बता दे की 6 क्षेत्रीय क्षेत्र के 21 जिलों में बिजली के बुनियादी ढांचे की ज्यादा मजबूती देने के लिए करीब 6300 करोड़ रुपये खर्च भी होंगे।
 

The Chopal - ऊर्जा क्षेत्र में पावर कॉरपोरेशन बहुत कुछ बदलने भी जा रहा है। इसमें पूर्वांचल पर विशेष ध्यान दिया गया है। बता दे की 6 क्षेत्रीय क्षेत्र के 21 जिलों में बिजली के बुनियादी ढांचे की ज्यादा मजबूती देने के लिए करीब 6300 करोड़ रुपये खर्च भी होंगे। 15230 मेगावॉट से 20 हजार मेगावॉट की क्षमता होगी। 252 नए पावर ट्रांसफॉर्मर और 32 हजार डिस्ट्रीब्यूशन होंगे। वाराणसी में लगभग 80% डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर बदल जाएंगे। योजना 36 महीने में पूरी होगी। यह लगभग 92 लाख उपभोक्ताओं को बिजली संकट से बचाएगा। 

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शीर्ष प्रबंधन का दावा है कि परियोजना पूरा होने के अगले सात सालों तक संरचना पर बहुत पैसा खर्च नहीं होगा। डिस्कॉम ने सर्वे को समाप्त कर दिया है। कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। 

146 नए सब स्टेशन शुरू होंगे

उत्तर प्रदेश में 146 नए सब स्टेशन बनाए जाएंगे। 301 स्टेशनों को अपग्रेड किया जाएगा 146 सब स्टेशन पर 11 उपकेंद्र हैं, जिनमें वाराणसी के 11, गाजीपुर के 6 और चंदौली के 4 हैं। 33/11 केवी के 11 उपकेंद्रों के प्रस्ताव पर एक सप्ताह पहले मोहर लग चुकी है। 

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145 मुक्त लाइनें बन जाएंगी

ऊर्जा आपूर्ति को सुधारने के लिए 145 स्वतंत्र हाईटेंशन लाइनें बनाई जाएंगी। इमरजेंसी स्थिति में उनका उपयोग किया जाएगा। 98 किलोमीटर की नई लाइन वहीं बिछाई जाएगी। जर्जर लाइनें ठीक की जाएंगी। फीडरों की संख्या भी बढ़ा दी जाएगी। बिजली चोरी को नियंत्रित करने के लिए एरियल बंच कंडक्टर (ACB) बनाए जाएंगे। मुख्य अभियंता चंद्रजीत कुमार ने इस मामले में कहा कि इंफ्रा मजबूत होने के बाद बिजली व्यवस्था बेहतर होगी। लोक फॉल्ट समाप्त हो जाएगा।