हरियाणा में 190 अवैध कॉलोनियों को किया जाएगा वैध, CM ने कहा नई अवैध कॉलोनियों के साथ होगा यह 

 

The Chopal: हरियाणा सरकार ने प्रदेश में 190 अवैध कॉलोनियों को वैध का आदेश जारी किया है. यह वे कॉलोनियां हैं, जो सभी सरकारी नियम पर खरा उतरती हैं. प्रदेश में करीब 600-700 कॉलोनियां वैध होने की लाइन में हैं. इस संबंध में शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होगी. इसके साथ साथ सरकार ने फैसला किया है कि नई अवैध कॉलोनियों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं होगा. केवल पहले से बनी कॉलोनियों, जिनमें कुछ हिस्सा और पैच अनियमित होगा, उन्हें तय मानदंड के मुताबिक नियमित किया जाएगा.

चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में बुधवार को सभी नगर निगम के मेयर, जिला परिषद चेयरमैन और जिला नगर आयुक्तों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के दौरान यह घोषणा की गई है. बैठक में कई अहम फैसले भी हुए है. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के कार्यालय भवन बनाने का खर्च राज्य सरकार देगी.

भवन के लिए यदि कहीं जमीन खरीदने और किसी विभाग से हस्तांतरित करने की जरूरत होगी तो उसका खर्च भी राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा. यदि कोई निकाय अपनी जमीन पर भवन बनाकर वाणिज्यिक गतिविधियां होती है, तो कर सकता है. ऐसे प्रोजेक्ट ऋण लेकर या पीपीपी मोड पर संचालित किए जा सकते हैं. बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता, प्रधान सचिव वी उमाशंकर, एसीएस अरुण गुप्ता आदि रहे.

निकायों में संपत्तियों की नीलामी के लिए एक पोर्टल द्वारा की जाएगी. नीलामी असफल होने पर एक माह में दूसरी बार नीलामी होगी. इसकी जिम्मेदारी जिला नगर आयुक्त की होगी.
जन्म-मृत्यु और विवाह प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने की समय सीमा 21 से बढ़ाकर 30 दिन करने के आदेश. इसके बाद विलंब शुल्क लगेगा.
प्रमाणपत्र आवेदन के समय ही सभी दस्तावेज चेक किए जाएं, आवेदन मंजूर हुआ है या रद्द, इसकी जानकारी ऑटो अपील सॉफ्टवेयर में दर्ज होगी.
काम में लापरवाही बरतने की शिकायत पर नरवाना के एक्सईएन एलसी चौहान को निलंबित कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2022-23 के राज्य के अपने कर राजस्व (एसओटीआर) लगभग 65 हजार करोड़ रुपये में से लगभग 3600 करोड़ रुपये नगर निकायों को दिए जाएंगे. इसके अलावा पिछला बकाया 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे. इस प्रकार 4100 करोड़ रुपये नगर निकायों को मिलेंगे, जिससे वे अपने स्तर पर विकास कार्य करवा पाएंगे. सभी निकायों में कुल मिलाकर पांच हजार करोड़ रुपये की राशि पहले से उपलब्ध है.

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