UP में 2 जिलों में यहां बनेगा 26 किलाेमीटर का नया एक्सप्रेसवे, लाखों लोगों को फायदा

Greater Noida Gautam Buddha Nagar Hapur Expressway: ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में प्राधिकरण के मास्टर प्लान-2041 में एक 105 मीटर चौड़ा 26 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे (Expressway) बनाने की योजना बनाई गई है। यह एक्सप्रेसवे बोड़की जीटी रोड से होते हुए जारचा और हापुड़ तक बनाया जाएगा। इस पर दोनों तरफ रेजिडेंशियल स्कीम और इंडस्ट्री के सेक्टर बसाए जाएंगे।
 

UP : प्राधिकरण के मास्टर प्लान-2041 में 105 मीटर चौड़ा 26 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे (Expressway) बनाया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे (Expressway) बबोड़की जीटी रोड से होते हुए जारचा और हापुड़ तक बनाया जाएगा। इस पर दोनों तरफ रेजिडेंशियल स्कीम और इंडस्ट्री के सेक्टर बसाई जाएंगे। हालांकि पहले 2011 में भी इस एक्सप्रेसवे (Expressway) बको निकालने की तैयारी थी, लेकिन मास्टर प्लान तैयार नहीं होने के कारण यह प्रोजेक्ट ठंडा बस्ती में डाल दिया। अब इस एक्सप्रेसवे (Expressway) बको तेजी से बनाने पर काम शुरू होगा। इसके बाद ग्रेनो की तर्ज पर ग्रेटर नोएडा फेस-2 का जीटी रोड से लेकर हापुड़ तक विकास होगा।

बता दें कि ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) प्राधिकरण की बोर्ड मीटिंग में फेस टू मास्टर प्लान 2041 पर सहमति बन गई है। प्लानिंग विभाग ने फेस टू को डिवेलप करने के लिए प्लान बनाना शुरू कर दिया है। ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) से हापुड़ तक डेवलपमेंट करने के लिए 105 मीटर रोड बनाने की प्लानिंग बनी है। यह रोड 26 किलोमीटर लंबा और 105 मीटर चौड़ा होगा। यह ग्रेनो फेस-2 के विकास में सबसे अहम रोड माना जाएगा। इसके दोनों तरफ स्कूल, हॉस्पिटल, इंडस्ट्रियल सेक्टर और रेजिडेंस सेक्टर बसाए जाएंगे।

पहले भी बनी थी रोड को बनाने की प्लानिंग

ग्रेटर नोएडा  (Greater Noida) की कमर्शल बेल्ट से लेकर जारचा तक एक्सप्रेसवे बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा  (Greater Noida) अथॉरिटी ने साल 2011-12 में 11 गांवों के किसानों से सीधे जमीन खरीदी थी। जमीन को खरीदने पर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने करीब 2,500 करोड़ रुपये खर्च किए थे, लेकिन ग्रेटर नोएडा फेस-2 के डेवलपमेंट के मास्टर प्लान को मंजूरी नहीं मिलने के कारण यह हाईवे प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया था। इसके लिए ग्रेनो अथॉरिटी ने बोडाकी, दतावली, नई बस्ती उर्फ बैरंगपुर, फूलपुर, मिलक, खटाना, घनुबास, उपरालसी, गुलावठी खुर्द, मुढियानी और जारचा समेत 11 गांवों के किसानों से सीधे बैनामा से जमीन खरीदी थी।

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