Ballia News : बिना दूल्हा सैकडों दुल्हनों के करा दी शादी, 2 एडीओ समेत 15 लोग हुए गिरफ्तार, देखें क्या है पूरा मामला
Saamoohik Vivaah Yojana: समाज कल्याण विभाग के एक लिपिक, दो एडीओ (समाज कल्याण) और बारह बिचौलियों को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में ‘खेल’ के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों को पूछताछ के बाद पुलिस ने जेल भेज दिया।
Mukhyamantree Saamoohik Vivaah Yojana: समाज कल्याण विभाग के एक लिपिक, दो एडीओ (समाज कल्याण) और बारह बिचौलियों को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में ‘खेल’ के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार को पूछताछ के बाद आरोपियों को जेल भेज दिया गया। बुधवार रात कई जगह छापेमारी में सभी आरोपी गिरफ्तार किए गए। मामले में आरोपी एडीओ सुनील यादव को हटाया गया है। एडीओ भानु प्रताप, जो एक और आरोपी है, को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
जिले में बांसडीह, बेरुआरबारी व रेवती ब्लॉक के एडीओ (समाज कल्याण) भानु प्रताप, मनियर ब्लॉक के एडीओ (समाज कल्याण) सुनील यादव और समाज कल्याण विभाग के पटल सहायक (लिपिक) रवींद्र गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है। बहवल गांव में भानु प्रताप उससा (पकड़ी), सुनील यादव हल्दीरामपुर (उभांव) और रवींद्र गुप्त मेहनगर (आजमगढ़) के निवासी हैं। शिवरामपट्टी (बांसडीह) के आलोक श्रीवास्तव, धधरौली (रेवती) के दीपक चौहान और गायघाट के मुकेश गुप्त, उदहां (सहतवार) के अर्जुन वर्मा, पकहां के रामजी चौहान, डुमरिया के संतोष यादव और बिनहां के सर्वजीत सिंह, मनियर क्षेत्र में गौरी शाहपुर के अच्छेलाल वर्मा, घाटमपुर के धर्मेन्द्र यादव, मानिकपुर (बिजलीपुर) के गुलाब मुकेश और दीपक जनसेवा केंद्र के संचालक हैं।
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25 जनवरी को मनियर इंटर कॉलेज के परिसर में एक मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह हुआ। समाज कल्याण विभाग ने इसमें 568 जोड़ों की शादी का दावा किया। अगले दिन एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें शादी बिना दूल्हों के होती दिखी। तमाम कन्याएं स्वयं अपने गले में जयमाल डालती थीं। कुछ प्रधानों ने भी फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। इसके बाद मामले की जांच की गई। दो दिनों की जांच में लगभग 245 शादियां फर्जी पाई गईं। इसके बाद कार्रवाई हुई।
DM का क्या कहना
सामूहिक विवाह में खेल के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, डीएम रवींद्र कुमार ने बताया। अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को छूट नहीं दी जाएगी। सचिवों और बीडीओ की भूमिका भी विचाराधीन है।
क्लर्क बने छात्रावास अधीक्षक का अहम रोल
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा में संलिप्त समाज कल्याण विभाग का बाबू रवींद्र लम्बे समय से मलाइदार टेबल का काम देख रहा था। शासन की ओर से छात्रावास अधीक्षक के मूल पद पर उसको भेजने का फरमान भी आया लेकिन अधिकारियों ने उसे दबा लिया। अब फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद विभाग में हड़कम्प की स्थिति है।
शहर में अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों के लिए बालक-बालिका छात्रावास हैं। दोनों छात्रावासों पर एक छात्रावास अधीक्षक है। सूत्रों के अनुसार, बालक छात्रावास अधीक्षक रवींद्र गुप्ता है। इसके बावजूद, करीब दस साल पहले वह समाज कल्याण विभाग में पटल सहायक के पद पर नियुक्त हो गया, जो उसकी "जुगाड़" से हुआ था। अधिकारियों की "कृपा" से वह सामूहिक विवाह, वृद्धा पेंशन के नोडल और स्थापना के सहायक सहित कई महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन देखता था।
अधिकारी की लॉग-इन आईडी से होता है काम
सूत्रों के अनुसार, बीडीओ की लॉग-इन आईडी से लाभार्थियों का सत्यापन किया जाता है। गांवों में जाकर सूची का सत्यापन करने के बाद सचिव रिपोर्ट बीडीओ को सौंपते हैं। यही कारण है कि उन पर कार्रवाई नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है।
CBI जांच की उठाई मांग
भ्रम 25 जनवरी को मनियर इण्टर कालेज में हुई मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सपा के बांसडीह विस इकाई के अध्यक्ष उदय बहादुर सिंह ने सीबीसीआईडी से फर्जीवाड़ा की जांच कराने की मांग की है।
बीडीओ और सचिवों की भूमिका की भी होगी जांच
बालिया सामूहिक विवाह प्रकरण को लेकर सोमवार को गंभीर डीएम और सीडीओ ने तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम से दो गांवों के लाभार्थियों का भौतिक परीक्षण कराया। सूत्रों ने बताया कि जांच में सभी चार ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारियों और सचिवों की भूमिका भी संदेहपूर्ण पाई गई है। उनमें से एक के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।