जीरे की खेती से किसानों की बल्ले बल्ले, जानिए क्यों जीरा छु रहा आसमान

Nagaur: नागौर कृषि उपज मंडी में पिछले वित्तीय वर्ष एक सामान्य वर्ष था, जिसका मुख्य कारण पिछले साल की अच्छी जीरे की फसल थी। पिछले साल, मंडी परिसर में 74726 क्विंटल जीरा आया था और 1.50 लाख बोरियां थीं।
 

Rajasthan News: नागौर के किसान जीरा की वर्ष 2023-24 में उपज का माध्यम बना रहे हैं, साथ ही विशेष रूप से अन्य किसानों के लिए। इस वर्ष नागौर जिले की कृषि उपज मंडी में जीरा बाजार में आया है, जैसे कि फलोदी, जैसलमेर से और मेड़ता, पाली, अजमेर और अन्य कई जिलों से भी। इससे पता चलता है कि पिछले वित्तीय वर्ष की तरह, इस वर्ष जीरा के किसानों के लिए एक उत्तम समय है।

नागौर कृषि उपज मंडी में पिछले वित्तीय वर्ष एक सामान्य वर्ष था, जिसका मुख्य कारण पिछले साल की अच्छी जीरे की फसल थी। पिछले साल, मंडी परिसर में 74726 क्विंटल जीरा आया था और 1.50 लाख बोरियां थीं। पिछले साल, जीरे की मौजूदा मूल्य 16278 लाख रुपये थी, जबकि प्रति क्विंटल औसत भाव 22 हजार रुपये था।

आगामी साल 2023-24 के आंकड़ों के साथ

इस बार, नागौर मंडी परिसर में 65003 क्विंटल जीरा आया है, जिससे कुल मिलाकर मंडी में 1.30 लाख बोरियां पहुंची हैं। इनकी कुल मूल्य 25026 लाख रुपये है। वर्तमान में, औसत भाव 38500 रुपये है। इस प्रकार, यह साल किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।

बारिश के कारण जीरे की फसल प्रभावित हुई

नागौर मंडी सचिव रघुनाथ सिंवर बताते हैं कि इस साल, पिछले साल के मुकाबले किसानों को अधिक मूल्य मिल रहा है। इस साल, बारिश के कारण जीरे की फसल प्रभावित हो गई थी, जिसके परिणामस्वरूप जीरे की उपज कम हुई थी। यहाँ तक कि बाजार में मांग में वृद्धि हुई, विदेशों में जैसे कि अरब देशों में नागौर जीरे की मांग बढ़ी।

इन सभी कारणों से, किसानों को इस साल अधिक मूल्य मिल रहा है। पिछले साल के मुकाबले, मूल्यों में विशेष अंतर दिखाई देता है। पिछले साल, औसत भाव 22000 रुपये थे जबकि इस साल यह 38500 है, जिससे किसानों को इस साल 16500 रुपये के औसत भाव में अधिक मिल रहा है। कुल जीरे की आय में पिछले साल 16278 लाख रुपये थे, जबकि इस साल 25026 लाख रुपये हैं। इन दोनों सालों में, जीरे की बिक्री में 8,748 लाख रुपये का अंतर है। आगामी समय में, जीरे के मूल्यों में कमी दिखाई देगी। इस साल, जीरे ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान लाई है।

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