Earthquake: क्या भारत में आ सकता है जोरदार भूकंप, जल्दी चेक करे कही आपका जोन तो भी डेंजर जोन
 

Earthquake in Delhi-NCR: आज चीन में 7.2 की तीव्रता का भूकंप हुआ। इस भूकंप ने दिल्ली और एनसीआर को हिला डाला। यहाँ हम भूकंप के वैज्ञानिक तथ्यों को समझने की कोशिश करेंगे।

 

The Chopal : आज चीन में एक बहुत बड़ा भूकंप हुआ। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने बताया कि भूकंप किर्गिस्तान और झिंजियांग की सीमा पर हुआ था। भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.02 थी। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर या 6.21 मील की गहराई में था। जब भी भूकंप आता है, हमारे मन में बहुत से प्रश्न उठते हैं। आइए हम भूकंप से जुड़े कई प्रश्नों का उत्तर खोजने की कोशिश करें।

भूकंप के केंद्र की गहराई क्यों नापते हैं?

हर बार जब धरती डोलती है, समाचार पत्रों में सबसे अधिक चर्चा की जाने वाली तीन बातें होती हैं: भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता, भूकंप का केंद्र कहां था और भूकंप का केंद्र जमीन से कितना नीचे था। 3 नवंबर 2023 को शुक्रवार को हुआ भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर अंदर था, जबकि 3 अक्टूबर 2023 को हुआ भूकंप का केंद्र 5 किलोमीटर अंदर था। भूकंप भूकंप विज्ञान (भूकंप विज्ञान) में दो श्रेणियों में आते हैं: 1. सतही भूकंप; और 2. गहरी भूकंप।

क्या होता है सतही और गहरा भूकंप?

सतही भूकंप का केंद्र 70 किलोमीटर नीचे होता है। इस भूकंप की तीव्रता बहुत तेज होती है, लेकिन भूकंप के झटके बहुत दूर से महसूस किए जाते हैं। वहीं भूकंप का गहरा केंद्र 70 किलोमीटर से अधिक नीचे है। ऐसे भूकंप बड़े भूभाग पर महसूस किए जाते हैं, लेकिन धरती की सतह पर कम होते हैं। अब आपको यह सवाल उठ सकता है कि भूकंप के केंद्र की गहराई 5 से 10 किलोमीटर होने पर उसका कितना प्रभाव हो सकता है? यह स्पष्ट है कि भूकंप का प्रभाव जितनी कम गहराई में होगा उतना अधिक होगा। अर्थात नुकसान अधिक होने की संभावना रहती। 
कैसे तय होता है तबाही कितनी होगी?

क्या भारत में भी आ सकता है बड़ा भूकंप?

भूवैज्ञानिक भारत को बार-बार चेतावनी देते हैं कि हालांकि देश में अभी छोटे-छोटे भूकंप हो रहे हैं, लेकिन एक बड़ा भूकंप, यानी अधिक तीव्रता वाला भूकंप कभी भी आ सकता है। 2020 में देहरादून, उत्तराखंड की राजधानी, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (Wadia Institute of Himalayan Geology) ने कहा कि दिल्ली में एक बड़ा भूकंप कभी भी हो सकता है। 

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दिल्ली नगर निगम और भूवैज्ञानिकों ने बताया कि अगर 7.8 तीव्रता वाला भूकंप दिल्ली में आया तो 80 प्रतिशत इमारतें गिर सकती हैं। दरअसल, यहां यह समझना महत्वपूर्ण होगा कि हिमालय और हिंदकुश पर्वत श्रेणी में चलते बड़े भूकंप आने की अधिक संभावना है। जैसा कि आप देखते हैं, भारत, नेपाल और पाकिस्तान में जो बड़े भूकंप हुए, उनके केंद्र हिमालय या उसके आसपास के क्षेत्रों में थे।

भारत में सबसे बड़ा भूकंप कब आया था?

2015 में नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप हुआ था, 2005 में पाक अधिकृत कश्मीर क्षेत्र मुजफ्फराबाद में 7.6 तीव्रता का भूकंप हुआ था और 1905 में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में 7.8 तीव्रता का भूकंप हुआ था। कांगड़ा में भूकंप से 20 हजार लोग मारे गए। 6 जून 1505 को हिमालय रेंज में अब तक हुआ सबसे बड़ा भूकंप हुआ। लेकिन उस समय भूकंप मापने के लिए कोई उपकरण नहीं था। 1505 में हुए भूकंप को हिमालय क्षेत्र में हुए भूकंपों में सबसे बड़ा बताया जाता है, सिर्फ जानमाल की क्षति के आधार पर। देश का लगभग 59% हिस्सा मध्यम या गंभीर भूकंप की चपेट में आ सकता है।

आपका इलाका किस जोन में पड़ता है?

इसे भूकंप की संभावना के आधार पर पांच अलग-अलग क्षेत्रों में बांटा गया है। जोन 1 भूकंप के लिहाज से सबसे सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है, इसलिए इसके क्षेत्र की चर्चा नहीं की जाती है। इसके बाद दूसरा जोन आता है। यह भी कम जोखिम वाले क्षेत्र हैं। बुलंदशहर, मुरादाबाद, गोरखपुर और त्रिची इसमें शामिल हैं। जोन 3 में भूकंप का खतरा भी थोड़ा बढ़ा है। मैं इसे भी मध्यम स्तर का कहता हूँ। इस क्षेत्र में कई शहर शामिल हैं, जिनमें चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और भुवनेश्वर शामिल हैं। भूकंप के लिहाज से जोन 4 खतरनाक है। इसमें दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, गंगा के मैदानी क्षेत्र, उत्तरी पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर बंगाल शामिल हैं।

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