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Agriculture News: किसानों की हुई चांदी, अब 20 फीसदी ज्यादा पर होगी फसल खरीद, MSP से अधिक मिलेगा पैसा

MSP News: सरकार किसानों की आय बढ़ाना चाहती है। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार ने कई योजनाओं को लागू किया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें दोनों अपने स्तर पर योजनाओं को लागू करके किसानों की आय को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य सरकार MSP से 20 प्रतिशत अधिक मूल्य पर किसानों से उत्पाद खरीदेगी। राज्य सरकार की घोषणा से राज्य के किसान खुश हैं।

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Agriculture News: किसानों की हुई चांदी, अब 20 फीसदी ज्यादा पर होगी फसल खरीद, MSP से अधिक मिलेगा पैसा

The Chopal, MSP: मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राज्य सरकार कृषि और किसानों की वृद्धि के लिए कलस्टर मोड़ पर पायलट परियोजनाओं की योजना बना रही है। इससे पशु नस्ल सुधार, सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं और फसल विविधीकरण का प्रसार होगा। इसके अलावा, सहकारी खेती, प्राकृतिक खेती और जैविक खेती की ओर किसानों को आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए राज्य किसान कल्याण प्राधिकरण एक नई रणनीति बना रहा है। किसान कल्याण प्राधिकरण की जनरल बॉडी की हाल ही में हुई तीसरी बैठक के बाद हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर ने यह जानकारी दी।

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किन फसलों की होगी 20 फीसदी ज्यादा कीमत पर खरीद

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट् टर ने कहा कि मिट् टी की गुणवत्ता और स्वास्थ्य दोनों की जांच करनी चाहिए। आज उर्वरक और कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से उत्पादित अनाज से कई घातक बीमारियां बढ़ रही हैं। इसलिए केमिकल-मुक्त अनाज उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए। हमारे बेहतर स्वास्थ्य और अधिक लाभ के लिए प्राकृतिक खेती एकमात्र उपाय है। उनका कहना था कि किसी पंचायत को केमिकल-मुक्त खेती वाला गांव घोषित करने पर सरकार हर फसल को खरीदेगी। इतना ही नहीं, केमिकल-मुक्त कृषि से उत्पादित उत्पादों का मूल्य MSP से 10 से 20 प्रतिशत अधिक है।

किसानों को सहकारी खेती करने की प्रेरणा दी जाएगी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सहकारी खेती में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को इजरायल की तरह सहकारी खेती के लिए अधिक से अधिक किसानों को प्रेरित करने के लिए कहा। वर्तमान में पशुपालन क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं, उन्होंने कहा। किसानों और पशुपालकों को इससे अधिक पैसा मिल सकता है। यह समय की मांग है कि किसान सहकारिता खेती की अवधारणा को समझें। खेती में सहकारिता के सिद्धांत को अपनाकर कई किसान मिलकर खेती करें।  इससे किसान खाद्य उद्योग में आगे बढ़ सकेंगे और छोटी जमीन की समस्या भी हल होगी। इसलिए, संबंधित विभागों के साथ मिलकर प्राधिकरण को पायलट योजनाएं बनानी चाहिए।

समेकित खेती के लिए तैयार किया जाएगा डेमोस्ट्रेशन फार्म

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग भी समेकित खेती के लिए डेमोस्ट्रेशन फार्म बनाएं और किसानों को समेकित खेती की विधि की विस्तार से जानकारी दें। वहीं, उन्होंने कृषि नल कूपों पर सोलर पंपों को लगाने की मांग की। उनका कहना था कि जल स्तर की निरंतर गिरावट चिंता का विषय है। ऐसा करने से नलकूप पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर होंगे। इसके लिए राज्य सरकार भी नई सब्सिडी देने को तैयार है। पानी और बिजली की लागत सरकार वहन करेगी।

प्राकृतिक खेती से कितना होगा किसान को लाभ

प्राकृतिक खेती में कीटनाशकों, रसायनों और उर्वरकों का उपयोग नहीं होता। इसमें प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया जाता है, जैसे गोबर की खाद और गोमूत्र। यदि किसान प्राकृतिक खेती करते हैं तो उर्वरक, रासायन और कीटनाशक खरीदने में भारी खर्च बचेगा, जिससे खेती की लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा। आज प्राकृतिक कृषि उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ने लगी है। इन उत्पादों का बाजार मूल्य भी अधिक है। अब सरकार भी प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रही है और अधिक मूल्य पर फसल खरीदने का आह्वान कर रही है। ऐसे में प्राकृतिक कृषि उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के लिए फायदेमंद होगी।

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