FCI ने मारा छापा, गोदाम में पड़ा गेहू और चावल किया जब्त

खाद्य विभाग के अफसरों ने बिलासपुर में कस्टम मिलिंग के तहत निर्धारित कोटे का चावल भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदाम में नहीं भेजा, जिससे राइस मिलों में छापेमारी शुरू हो गई।
 

The Chopal - खाद्य विभाग के अफसरों ने बिलासपुर में कस्टम मिलिंग के तहत निर्धारित कोटे का चावल भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदाम में नहीं भेजा, जिससे राइस मिलों में छापेमारी शुरू हो गई। बिल्हा के मां नारायणी राइस मिलर्स संस्थान में खाद्य विभाग के अधिकारियों ने 10 हजार 800 क्विंटल धान और 400 क्विंटल चावल की जांच की है।

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वास्तव में, कलेक्टर संजीव कुमार झा ने जिले में कस्टम मिलिंग का चावल निर्धारित समय पर उठाने का आदेश दिया है। इसके अलावा, उन्होंने समय पर चावल नहीं देने वाले राइस मिलर्स पर कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा है। इस सख्ती के बावजूद, कई राइस मिलर्स FCI गोदाम में कस्टम मिलिंग के चावल नहीं जमा कर रहे हैं।

खाद्य विभाग के अधिकारियों का सहयोग

जिले में खाद्य विभाग के अफसरों ने राइस मिलर्स से मिलीभगत की, जिससे कस्टम मिलिंग के चावल को समय पर नहीं भेजा जा रहा है। शासन इससे प्रभावित हो रहा है। यह पता चलने पर कलेक्टर झा ने खाद्य विभाग के अफसरों को भी धमकी दी थी।

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बिल्हा के राइस मिल पर छापा

कलेक्टर के फटकार और निर्देश के बाद बिल्हा के खाद्य निरीक्षक ने राइस मिल की जांच की। जब अफसर मां नारायणी राइस उत्पाद पहुंचे, तो यहां आवश्यक पंजी नहीं थीं। राइस मिल के भौतिक सत्यापन में उसके द्वारा उठाया गया धान, भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा किए गए चावल और राइस मिल में उपलब्ध धान का मिलान करने पर 909 क्विंटल कम धान पाया गया। छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के तहत राइस मिल से 10,800 क्विंटल धान और 400 क्विंटल चावल जब्त किया गया है, जो इस अनियमितता का परिणाम था।

जिले में 110 पंजीकृत राइस मिलर्स हैं, लेकिन अधिकारी नहीं जांचते

खाद्य विभाग ने राज्य शासन के मापदंड के अनुसार जिले में 110 राइस मिल्स को कस्टम मिलिंग के तहत भारतीय खाद्य निगम को चावल देने के लिए पंजीकृत किया है। पंजीयन और आवश्यक शर्तों को पूरा करने के बाद, राइस मिलरों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के बाद उपार्जन केंद्रों और संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव करने के लिए डीओ जारी किया गया। Jarie DO ने बताया कि राइस मिलरों ने कोटे का धान उठाया है। भारतीय खाद्य निगम ने धान के उठाव के बाद अब तक कस्टम मिलिंग के तहत निर्धारित कोटे का चावल नहीं भेजा है। यह दुर्घटना खाद्य विभाग के कर्मचारियों की उदासीनता का परिणाम है।