GPF : सामान्य भविष्य निधि को लेकर जारी हुए आदेश,केंद्रीय कर्मचारी जान लें जरूरी अपडेट

केंद्रीय कर्मचारी के लिए बड़ा अपडेंट सामने आया है। केंद्रीय कर्मचारियों को अपनी जरूरत के वक्त 'सामान्य भविष्य निधि' खाते से पैसा निकलवाने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए कुछ जरूरी निर्देश जारी किए है, आइए खबर में जानते है इनके बारे में विस्तार से।

 

The Chopal News : सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है। ऐसे कर्मचारी, जो 'सामान्य भविष्य निधि' (जीपीएफ) के दायरे में आते हैं, उन्हें अपना पैसा कब निकालना है, कितनी राशि मिलेगी और वह निकासी किस कार्य के लिए प्रदान की जाएगी, ये सब निर्देश अब एक ही जगह पर समेकित किए गए हैं। भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के 'पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग' द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि सामान्य भविष्य निधि(public provident fund) से जुड़े निकासी के प्रावधानों की समीक्षा की गई है।

केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों एवं विभागों को उक्त नियमों से अवगत कराया गया है। केंद्रीय कर्मियों को अपनी जरूरत के वक्त 'सामान्य भविष्य निधि' खाते से पैसा निकलवाने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए एक समेकित नियमावली जारी की गई है।

अभिदाताओं के लिए जीपीएफ से निकासी के नियम ...

शिक्षा, सभी स्ट्रीम और संस्थानों को कवर करते हुए, इसमें प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा, सभी को सम्मिलित किया जाएगा।
अनिवार्य व्यय अर्थात सगाई, विवाह, अंत्येष्टि, या स्वयं व परिवार के सदस्यों और आश्रितों के अन्य समारोह
स्वयं, परिवार के सदस्यों या आश्रितों की बीमारी
उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की खरीद
इतनी राशि निकासी की दी जाएगी अनुमति

बारह मास तक का वेतन या जमा राशि का तीन-चौथाई, जो भी कम हो, की निकासी की अनुमति दी जाएगी। तथापि, बीमारी के लिए, अभिदाता के खाते में जमा राशि के 90 फीसदी तक की निकासी की अनुमति दी जा सकेगी। अभिदाता दस वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद निकासी की मांग कर सकता है।

आवास के लिए निकासी के होंगे ये नियम

आवास जिसमें निवास के लिए उपयुक्त गृह का निर्माण करना, खरीदना या रहने के लिए तैयार फ्लैट खरीदना आदि सम्मिलित है
बकाया आवास ऋण का पुनर्भुगतान
घर बनाने के लिए जमीन की खरीद
अधिग्रहित स्थान पर गृह निर्माण
पहले से अर्जित घर का पुनर्निर्माण या उसमें कुछ परिवर्धन
पैतृक घर का नवीनीकरण, परिवर्धन या परिवर्तन करना।
उपरोक्त प्रयोजनों के लिए, अभिदाता को अपने खाते में जमा राशि का नब्बे फीसदी तक निकासी की अनुमति दी जा सकेगी। यह भी निर्णय लिया गया है कि उन मौजूदा निर्देशों को खत्म कर दिया जाए, जिसमें कहा गया था कि उस घर की बिक्री के पश्चात जिसके लिए जीपीएफ निकासी की गई थी, आहरित राशि वापस जमा करनी होगी। आवास प्रयोजन के लिए जीपीएफ निकासी अब एचबीए नियमों के अधीन निर्धारित सीमा से नहीं जुड़ी होगी। अभिदाता को उसकी सेवा के दौरान किसी भी समय इस सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति दी जा सकेगी।
 
वाहन खरीदना के लिए ऐसे होगी निकासी

मोटर कार/मोटर साइकिल/स्कूटर आदि की खरीद या इस प्रयोजन के लिए पहले से लिए गए ऋण का पुनर्भुगतान
मोटर कार की व्यापक मरम्मत/ओवरहालिंग
मोटर कार/मोटर साइकिल/स्कूटर, मोपेड आदि बुक करने के लिए डिपॉजिट
अभिदाता को, उपरोक्त प्रयोजनों के लिए क्रेडिट पर जमा राशि का तीन-चौथाई हिस्सा या वाहन की लागत, जो भी कम हो, निकालने की अनुमति दी जा सकेगी। 10 वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद उपरोक्त प्रयोजन के लिए निकासी की अनुमति दी जा सकेगी।
अधिवर्षिता पर सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को अधिवर्षिता से दो वर्ष पूर्व, बिना कारण बताए शेष राशि के 90 फीसदी तक की निकासी की अनुमति है।

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विभागाध्यक्ष मंजूरी देने में सक्षम

अभिदाता द्वारा 'सामान्य भविष्य निधि' से निकासी के सभी मामलों में, विभाग का घोषित अध्यक्ष निकासी की मंजूरी देने के लिए सक्षम है। अभिदाता को कोई दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी। अभिदाता द्वारा निकासी के कारणों का उल्लेख करने वाला एक सरल घोषणा पत्र पर्याप्त होगा। सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 के अनुसार, आहारित राशि की मंजूरी और भुगतान के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। अत:, निधि से निकासी के लिए, मंजूरी और भुगतान के लिए अधिकतम समय-सीमा पंद्रह दिन निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। आपातस्थिति जैसे बीमारी आदि के मामले में, समय-सीमा सात दिनों तक सीमित हो सकती है।

अभिदाताओं द्वारा सामान्य भविष्य निधि से अग्रिम आहरण

अब इन नियमों के उपबंधों की समीक्षा की गई है। इसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि अभिदाता को निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 से अग्रिम राशि लेने की अनुमति दी जाए

स्वयं, परिवार के सदस्यों या आश्रितों की बीमारी
अभिदाता के परिवार के सदस्यों या आश्रितों की शिक्षा
शिक्षा में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा शामिल होगी, जिसमें सभी स्ट्रीम और शैक्षणिक संस्थान शामिल होंगे
अनिवार्य व्यय अर्थात सगाई, विवाह, अंत्येष्टि, या अन्य समारोह
कानूनी कार्यवाही की लागत
रक्षा लागत
उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की खरीद
तीर्थयात्रा और प्रतिष्ठित स्थानों का दौरा

नोट: इसमें यात्रा और पर्यटन संबंधी कोई भी गतिविधियां सम्मिलित होंगी।

अधिकतम 60 किश्तों में अग्रिम राशि की वसूली

अग्रिम की सीमा को 12 महीनों के वेतन या जमा राशि का तीन-चौथाई, जो भी कम हो, तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। अग्रिम राशि की वसूली अधिकतम 60 किश्तों में की जाएगी। अग्रिम राशि घोषित कार्यालय प्रमुख द्वारा संस्वीकृत की जा सकेगी। ऊपर कवर न किए गए कारणों के लिए, निधि से अग्रिम राशि मंजूर करने हेतु घोषित विभागाध्यक्ष सक्षम प्राधिकारी है।

निधि से अग्रिम की मंजूरी और भुगतान के लिए अधिकतम पंद्रह दिन की समय-सीमा निर्धारित की जा रही है। बीमारी आदि जैसी आपातस्थिति के मामले में, समय-सीमा सात दिनों तक सीमित होगी। अग्रिम के उपरोक्त सभी मामलों में, अभिदाता को कोई दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। अभिदाता द्वारा अग्रिम भुगतान के कारणों को बताने वाली एक साधारण घोषणा पर्याप्त होगी।

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