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NCR में बनेगा एक और नया एक्सप्रेसवे, करोड़ो होंगे खर्च, कई राज्यों को होगा फायदा

NCR : आपको बता दें कि एनसीआर में 1400 करोड़ की लागत से एक और नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि एक्सप्रेसवे का निर्माण हरियाणा के नारनौल से राजस्थान के अलवर तक किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 1400 करोड़ रुपये की लागत आएगी...
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Another new expressway will be built in NCR, crores will be spent, many states will benefit

The Chopal : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 86 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। एक्सप्रेसवे का निर्माण हरियाणा के नारनौल से राजस्थान के अलवर तक किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 1400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके दो साल में तैयार होने की उम्मीद है।

सड़क के पूरा होने से पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कशमीर के वाहन दिल्ली पार किए बिना मुंबई की ओर जा सकेंगे। इससे दिल्ली-एनसीआर पर यातायात का बोझ कम होने और उत्तर भारत के राज्यों और मुंबई के बीच यात्रा के समय में कमी आने की उम्मीद है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक मुकेश कुमार मीना ने कहा कि काम को दो पैकेज में बांटा गया है।

पूरा होने पर यह मुंबई एक्सप्रेसवे को ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे से जोड़ देगा। पनियाला-बडौदामियो एक्सप्रेसवे को ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के नाम से जाना जाता है। यह हरियाणा के नारनौल के पनियाला से शुरू होकर अलवर जिले के बडोदामियो पर समाप्त होता है। एक्सप्रेसवे ट्रांस-हरियाणा एक्सप्रेसवे के दक्षिणी छोर को बडौदामेव में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। 

एक सड़क अलवर में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को पनियाल के पास हाईवे 148बी से जोड़ेगी। हाईवे 148बी की ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे (हाईवे-152डी) से कनेक्टिविटी है। दोनों एक्सप्रेसवे के बीच जुड़ाव से उत्तर भारत और मुंबई के बीच सीधा संपर्क हो जाता है। नई कनेक्टिविटी पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान से आने वाले वाहनों को मुंबई के लिए छोटा मार्ग प्रदान करेगी।

दोनों एक्सप्रेसवे के बीच कनेक्टिविटी से एनसीआर के ट्रैफिक में बड़ा बदलाव आएगा। वाहनों का दबाव कम होगा। इससे प्रदूषण की समस्या से कुछ हद तक राहत मिलेगी। इससे चंडीगढ़ से दिल्ली, नारनौल और जयपुर की दूरी कम होगी। हाईवे-44 और हाईवे-48 पर दबाव घटेगा। ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे का संरेखण हाईवे-9 सहित 15 राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे-6 सहित सहित कई राज्य राजमार्गों को जोड़ता है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर इस तरह पहुंचेंगे

पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर से आने वाले वाहन ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे (हाईवे-152डी) से नरहौल पहुंचेंगे। यहां से यह हाईवे-148बी और फिर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जाएंगे। ट्रांस-हरियाणा एक्सप्रेसवे जिसे अंबाला-नारनौल एक्सप्रेसवे (हाईवे-152डी) के रूप में भी जाना जाता है। 227 किमी लंबा 6-लेन चौड़ा ग्रीनफील्ड एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे है।

यह अंबाला,नारनौल को जोड़ता है। एक्सप्रेसवे हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में नारनौल बाईपास (एनएच-148बी) पर सुराणा गांव के साथ कुरुक्षेत्र जिले (इस्माइलाबाद के पास) में गंगहेरी गांव (एनएच-152 पर) को जोड़ता है। यह हरियाणा के आठ जिलों कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ के 112 विभिन्न गांवों से होकर गुजरता है। आगे नारनौल बाईपास और फिर हाईवे-148बी से होकर गुजरता है जो कोटपूतली के पास पनियाला मोड़ पर जयपुर राजमार्ग से मिलता है।

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