Delhi में अब कैसे होगी प्रोपर्टी की रजिस्ट्री, 'एक जिला' घोषित की जाएगी पूरी दिल्‍ली

उप-राज्यपाल ने एक बैठक में सतर्कता विभाग की ओर से भ्रष्टाचार को कम करने के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा की। एलजी ने सरकारी कार्यों में अधिक पारदर्शिता लाने और सरकारी दफ्तरों में दलालों की घुसपैठ को रोकने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे।
 

Delhi News:- एलजी ने दिल्ली में संपत्ति की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। अब दिल्ली में संपत्ति का रजिस्ट्रेशन किसी भी सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में किया जा सकता है। इसके लिए दिल्ली को 'एक जिला' बनाया जाएगा। पहले, यह कार्य करने के लिए संबंधित जिले के सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जाना पड़ता था। दावा किया जा रहा है कि इस नए प्रणाली से उत्पीड़न और भ्रष्टाचार कम होंगे। साथ ही, संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए कई सब-रजिस्ट्रारों के दफ्तरों में घूमने की थकान भी दूर हो जाएगी। एलजी विनय कुमार सक्सेना ने अधिकारियों को सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

सरकारी कार्यों में ज्यादा पारदर्शिता होगी-

उप-राज्यपाल ने एक बैठक में सतर्कता विभाग की ओर से भ्रष्टाचार को कम करने के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा की। एलजी ने सरकारी कार्यों में अधिक पारदर्शिता लाने और सरकारी दफ्तरों में दलालों की घुसपैठ को रोकने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे।

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एलजी ने इसके तहत संपत्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए दिल्ली को एक ही जिला घोषित करने के लिए कहा है, जो सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न को कम करेगा। 2015 में आंध्र प्रदेश ने भी यह प्रयोग किया, जहां लोग किसी भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर राज्य के किसी भी जिले में संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कर सकते थे। अब दिल्लीवासी अपनी संपत्ति को राजधानी के किसी भी जिले के सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।

राजस्व विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले किसी भी जमीन के स्टेटस का एनओसी भी पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा और किसी भी व्यक्तिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी। यह एक तरह से पूरे सिस्टम को फेंक देगा। एलजी ने ट्रेड एंड टैक्स डिपार्टमेंट से भी पूरी तरह से ऑनलाइन फाइलों की जांच करने के लिए कहा है। साथ ही निर्देशों में कहा गया है कि वजीफे, पेंशन, स्कॉलरशिप आदि का भुगतान केवल ऑनलाइन मोड में करना चाहिए और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना का उपयोग करना चाहिए।

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