Indian Railways : रेलवे ने तैयार किया वेटिंग लिस्ट खत्म करने महाप्लान, 40000 हजार किलोमीटर ट्रैक और 11 लाख करोड़ का खर्च
 

Indian Railways : ध्यान दें कि केंद्र सरकार ने अपने पिछले बजट में देश में तीन नए महत्वपूर्ण आर्थिक रेलवे कॉरिडोर बनाने की घोषणा की है। वास्तव में, ये सिर्फ तीन रेल कॉरिडोर तक सीमित नहीं है; 434 प्रोजेक्ट इन तीनों से जुड़े हुए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इन्हें बनाने में 11 लाख करोड़ रुपये लगेंगे। 

 

Indian Railways News : गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में तीन नए बड़े आर्थिक रेलवे कॉरिडोर बनाने की घोषणा की। वास्तव में, ये सिर्फ तीन रेल कॉरिडोर तक सीमित नहीं है; 434 प्रोजेक्ट इन तीनों से जुड़े हुए हैं। ये देश में माल ढुलाई और रेल यात्रा को प्रभावित करेंगे। इन तीनों कॉरिडोर की लंबाई चार हजार किलोमीटर होगी, जो छह से आठ साल में पूरा होगा।

गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में तीन नए बड़े आर्थिक रेलवे कॉरिडोर बनाने की घोषणा की। वास्तव में, ये सिर्फ तीन रेल कॉरिडोर तक सीमित नहीं है; 434 प्रोजेक्ट इन तीनों से जुड़े हुए हैं। ये देश में माल ढुलाई और रेल यात्रा को प्रभावित करेंगे। इन तीनों कॉरिडोर की लंबाई चार हजार किलोमीटर होगी, जो छह से आठ साल में पूरा होगा।

ये पढ़ें - Farmers News : गन्ना खरीद में हुई 8 फीसदी की बढ़ोतरी, वनभूमि को चारे की खेती में होगी तब्दील 

वैष्णव ने कहा कि तीनों नए आर्थिक रेल कॉरिडोर का निर्माण बहुत महत्वपूर्ण था। इसके लिए डीपीआर बनाना, राज्य सरकारों से बातचीत करना और बहुत कुछ करना होगा। तीनों कॉरिडोर के लिए 40 हजार किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक बिछाने का प्रारंभिक खर्च अनुमानित ११ लाख करोड़ रुपये होगा। तीनों परियोजनाओं के लिए अभी डीपीआर तैयार करना बाकी है, इसलिए यह शुरुआती खर्च है। इसके बाद वास्तविक मूल्य का पता लगा सकेगा। 434 छोटे-बड़े परियोजनाएं तीनों आर्थिक कॉरिडोर से जुड़ी हुई हैं। तीन कॉरिडोर वाली बड़ी योजना उनकी सहायता से ही लागू हो सकेगी।

2030 तक वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म-

तीन कॉरिडोर हैं: एनर्जी, मिनरल और सीमेंट कॉरिडोर, पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर और हाई स्पीड डेंसिटी कॉरिडोर। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इसका अर्थ है कि रेलवे देश भर में हर जगह तक पहुंच जाएगा जहां-जहां से भी अधिक, बेहतर और अधिक स्पीड से माल भेज सकेगा। रेलवे भी अधिक लोगों तक पहुंच जाएगा। ये तीनों कॉरिडोर सिर्फ माल ढुलाई नहीं करते हैं। यात्रियों के लिए भी यह एक बड़ा प्रोजेक्ट है। 2030 से 31 तक देश में रेल टिकट बुक करने वालों की वेटिंग लिस्ट की समस्या हल हो सकेगी।

कैसे तैयार होगी भारतीय रेल?

रेल ट्रैक बनाना ही माल ढुलाई या सफर करने वालों के लिए पर्याप्त नहीं होगा। इसके लिए, डबल लाइनों को फोर लाइन में बदलना होगा। जरूरत के अनुसार प्रत्येक लाइन को बढ़ाना होगा। रेलवे को यात्रियों की मांग के अनुरूप ट्रेनों की संख्या बढ़ानी होगी। 2030 से 31 तक वेटिंग लिस्ट को खत्म करने के मकसद में देरी हो सकती है क्योंकि रेल यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इन तीनों नए रेल कॉरिडोर और नई ट्रेनों के आने से रेलवे अब हर साल 700 करोड़ यात्रियों को सफर करता है और फिर एक हजार करोड़ यात्रियों को सफर करना चाहेगा।

ये पढ़ें - UP, मध्य प्रदेश, बिहार समेत इन राज्यों के 554 रेलवे स्‍टेशनों का होगा कायाकल्‍प, पीएम मोदी करेंगे 26 को शिलान्‍यास