Longest Train : देश की सबसे लंबी ट्रेन, चलाने के लगे हुए हैं 6 इंजन

एक दिन में ट्रेन में लाखों-हजारों लोग सफर करते हैं। एक साथ ज्यादा यात्रियों को ले जाने के लिए रेलवे ने कई लंबी ट्रेनों की शुरूआत की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की सबसे लंबी ट्रेन को चलाने के लिए 6 इंजन लगाए जाते हैं। इस ट्रेन के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में एक घंटा लगता है।
 

Railways : अगर हम 6 इंजन वाली ट्रेन की बात करें तो शायद आपको यकीन नहीं होगी। आप सोचेंगे ऐसी भी क्या कोई ट्रेन होगी। अगर होगी भी तो 6 इंजन आखिर कितनी बड़ी ट्रेन को खींचते होंगे। लेकिन आपको बता दें कि ट्रेन से हजारों, लाखों लोग रोजाना सफर करते हैं जिसके कारण ट्रेन की लंबाई वैसे भी काफी होती है। मगर कुछ ट्रेन तो ऐसी हैं, जिन्हें खींचने के लिए कई इंजन की जरुरत होती है। भारत की सबसे लंबी ट्रेन कौन सी है तो आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।

आपने कई बार अलग अलग ट्रेनों का सफर किया होगा. दरअसल, भारतीय लोगों को एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए ट्रेन सबसे सस्ता और बढ़िया सफर लगता है. एक ट्रेन में हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए कोच तय किए जाते हैं. भारत में एक से दूसरी जगह जाने के लिए बेस्ट ट्रांसपोर्ट मीडियम ट्रेन से बेहतर शायद ही कोई होगा. चलिए खैर हम आपको सबसे लंबी ट्रेन के बारे में बताते हैं।

भारत की सबसे लंबी ट्रेन का नाम सुपर वासुकी

बहुत कम ही लोग इस ट्रेन के बारे में जानते होंगे. सुपर वासुकी ट्रेन को भारत की सबसे लंबी ट्रेन के रूप में जाना जाता है। ट्रेन को लेकर दिलचस्प बात ये है, इसे स्वतंत्रता दिवस की 75वीं सालगिरह पर शुरू किया गया था। इस ट्रेन में 20 या 30 डिब्बे नहीं, बल्कि ये 295 डिब्बें लगे हैं. जिनको यह साथ लेकर चलती है. हैरानी की बात यह है कि यह ट्रेन करीबन 3.5 किलोमीटर लंबी है. इन डिब्बों को अगर आप गिनने बैठोगे तो 1 घंटा तो लग ही जाएगा।

मालगाड़ी है सुपर वासुकी

भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली सबसे लंबी मालगाड़ी सुपर वासुकी (Super Vasuki) है. यह कुल 27,000 टन कोयले का भार सहते हुए छत्तीसगढ़ के कोरबा से रवाना होती है और नागपुर के राजनंदगांव तक अपनी दूरी तय करती है. इस दूरी को तय करने में इसे लगभग 11.20 घंटे का समय लगता है।

मौजूदा ट्रेनों के मुकाबले है तीन गुना कैपेसिटी

दरअसल, सुपर वासुकी को एक मालगाड़ी का रूप देने के लिए पांच मालगाड़ियों के रेक को एक साथ जोड़ा गया है. बता दें कि इस ट्रेन द्वारा ले जाया जाने वाला कुल कोयला एक पूरे दिन के लिए 3,000 मेगावाट बिजली संयंत्र में आग लगाने के लिए पर्याप्त है, जो मौजूदा ट्रेनों की क्षमता से तीन गुना अधिक है. यह ट्रेन एक ही यात्रा में लगभग 9,000 टन कोयला अपने साथ ले जाती हैं।

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