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Delhi Mumbai Expressway को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए किया जाएगा ये काम

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) को और सुरक्षित बनाने के लिए IIT की टीम की मदद ली जाएगी. एक्सप्रेसवे का सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा जिसकी रिपोर्ट NHAI को सौंपी जाएगी. इसके आधार पर एनएचएआई सुधारात्मक कदम उठाएगा.
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This work will be done to make Delhi Mumbai Expressway even more safe

The Chopal : हरियाणा के नूंह में हाल में एक रोल्स रॉयस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. दुर्घटना में गाड़ी सड़क पर खड़े एक फ्यूल टैंकर से टकरा गई और 2 लोगों की मौत हो गई. यह हादसा एक्सेस कंट्रोल हाईवे पर हुआ. एक्सप्रेसवे पर आए दिन इस तरह की दुर्घटनाएं सुनने में आ रही है. यही कारण है कि अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इनसे निपटने के लिए सेफ्टी ऑडिट कराने का फैसला किया है. NHAI ने इसके लिए IIT की मदद मांगी है.

यह टीम एक सर्वे करेगी और रिपोर्ट NHAI को सौंपेगी. इसके आधार पर NHAI जरूरी बदलाव करेगी. ऑडिट में स्ट्रक्चरल डिजाइन, प्रवेश व निकासी, स्लिप रोड्स, स्टॉपेज पॉइंट्स और दूसरी आधारभूत सरंचनाओं की जांच की जाएगी. इससे लोगों की सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिल सकेगी. बता दें कि फिलहाल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का पहला फेज ही आम लोगों के लिए खोला गया है. 246 किलोमीटर का यह हिस्सा गुरुग्राम के नजदीक सोहना से राजस्थान के दौसा तक जाता है.

15 को हुआ उद्घाटन

दिल्ली-एक्सप्रेसवे (Delhi-Expressway) का उद्घाटन इसी साल 15 फरवरी को हुआ था. तब से अब तक इस रास्ते पर 150 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. जैसे-जैसे इस रास्ते पर लोगों की आवाजाही बढ़ रही है, एक्सीडेंट्स की संख्या भी बढ़ रही है. शुरुआती दिनों में जहां हर दिन इस रास्ते पर 12,000 वाहनों का आनाजाना होता था, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 28000 हो गई है. NHAI के अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे पर हर दिन 1-2 एक्सीडेंट्स होते ही हैं, जिनमें से अधिकांश जानलेवा नहीं होते.

लगाए जाएंगे रंबल स्ट्रिप

एक्सप्रेसवे (Expressway) पर कई किलोमीटर तक केवल सपाट सड़क चलती जाती है. यह काफी नीरस होता है जिसकी वजह से लोगों को नींद आने लगती है. यह भी दुर्घटना का कारण बनता है. NHAI योजना बना रहा है कि कई स्थानों पर रंबल स्ट्रिप लगाई जाएगी. जो लोग रंबल स्ट्रिप के बारे में नहीं जानते उन्हें बता दें कि यह छोटे-छोटे स्पीड ब्रेकर स्ट्रिप्स की एक सीरीज होती है. जब वाहन इसके ऊपर से निकलते हैं तो गाड़ी वाइब्रेट होती है. इससे वाहन चालकों को जगाए रखने में मदद मिलेगी.

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