कच्चे तेल के गिर रहे रेट के बीच भारत में बढ़ सकती पेट्रोल-डीजल की कीमत?

सऊदी अरब ने अपने क्रूड ऑयल प्रोडक्शन में 10 बैरल प्रति दिन की कटौती की घोषणा की है। इसका प्रभाव अक्टूबर महीने से शुरू होगा और यह लगातार तीसरे महीने तक जारी रहेगा। अधिक जानें 

 

The Chopal : कच्चे तेल की लगातार गिरती कीमतें ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बड़ी हलचल मचा दी है, जिसका सीधा प्रभाव सऊदी अरब पर पड़ रहा है। ऐसे में, सऊदी अरब ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसका असर अक्टूबर से दिखने लगेगा। इसके कारण, भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर क्या असर हो सकता है?

सऊदी अरब का नया फैसला

सऊदी अरब ने अपने क्रूड ऑयल प्रोडक्शन में 10 बैरल प्रति दिन की कटौती की घोषणा की है। इसका प्रभाव अक्टूबर महीने से शुरू होगा और यह लगातार तीसरे महीने तक जारी रहेगा। इस फैसले के पीछे मुख्य वजह मार्केट में कच्चे तेल की आपूर्ति की अनिश्चितता है।

ओपेक+ और भारत की पेट्रोल-डीजल की कीमतें

'OPEC+' के सदस्य देशों के बीच में एक समझौता हुआ है कि 2024 तक कच्चे तेल की आपूर्ति में कमी की जाएगी, ताकि क्रूड की कीमतों को नियंत्रित किया जा सके। यह फैसला रूस के साथ भी सहमति का हिस्सा है। सऊदी अरब ने अपने क्रूड ऑयल प्रोडक्शन को भी कम करने का फैसला किया है, जिससे उसका प्रोडक्शन 90 लाख बैरल प्रतिदिन के स्तर पर आया है।

भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ेगा असर?

भारत विश्व में पेट्रोलियम के तीसरे सबसे बड़े आयातकर है। इसलिए कच्चे तेल की कीमतों का असर उसके आयात बिल पर पड़ता है। हालांकि भारत के इंपोर्ट बास्केट में कई देश शामिल हैं और इसकी किसी एक देश पर निर्भरता नहीं है, लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि की संभावना है।

भारत में विपक्षी चुनाव भी आने वाले हैं, जिनके चलते सरकार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई माध्यम देखने की संभावना है, जैसे कि उत्पाद शुल्क में कटौती करना। पिछले कुछ सालों से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है, लेकिन निश्चित रूप से कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का प्रभाव दिख सकता है।

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