योगी सरकार ने यूपी के शहरों में 16 अरब रुपये खर्च करके ये सुविधाएं दी जाएंगी
THE CHOPAL - योगी सरकार शहरों को विकसित करने के लिए 16470 करोड़ रुपये खर्च करेगी। शासन को प्रस्ताव इसके आधार पर भेजना होगा। उन्हें यह भी बताना होगा कि उनके क्षेत्र में पानी, सीवर और सड़क सुविधाओं के साथ कितनी आबादी को यह सुविधा मिल चुकी है और अभी कितनी की आवश्यकता है। इसके आधार पर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजना चाहिए।
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प्रदेश में शहरी सरकार की पंसद पर काम करने वाले निकायों का गठन हाल ही में हुआ है। अध्यक्ष और मेयर बोर्ड की बैठकें कर रहे हैं। उनका कार्यकाल पहली बैठक से पांच साल का होगा। इसलिए, राज्य सरकार अध्यक्षों और मेयरों को सदस्यों की सलाह पर काम करने की अनुमति दे रही है। इसके आधार पर प्रस्ताव भेजे जाएंगे। उन्हें बताना होगा कि इससे कितनी जनसंख्या लाभ उठेगी। इसके आधार पर उन्हें शासन को प्रस्ताव भेजना होगा।
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राज्य और केंद्रीय योजनाओं से काम निकायों को धन मिलता है। राज्य वित्त आयोग का बजट शासन स्तर से निर्धारित किया जाता है, लेकिन केंद्रीय योजनाओं का बजट अक्सर पहले से निर्धारित होता है। अवस्थापना सुविधाएं नव निर्मित नगर पंचायतों और उच्चीकृत, सीमा विस्तारित नगरीय निकायों में राज्य वित्त आयोग से बनाई जाएंगी। यह काम आकांक्षी नगर योजना, अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना, नगरीय झील, तालाब, पोखर और संरक्षण योजना, शहरी अंत्येष्टि स्थल सुधार योजना और सड़क सुधार योजना से किया जाएगा।
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नए शहरों को अधिक लाभ: राज्य और केंद्रीय वित्त आयोग ने नए शहरों, यानी विस्तारित क्षेत्रों और नए निकायों, के लिए 602 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के साथ भी सहयोग किया जा सकता है। इसके लिए निकायों को सदन और बोर्ड से प्रस्ताव पास करना होगा। इसकी सहमति के बिना कोई काम नहीं होगा। राज्य वित्त आयोग 10088.24 करोड़ रुपये, केंद्रीय वित्त आयोग 5779.97 करोड़ रुपये और नए शहर को 602.39 करोड़ रुपये मिलेंगे।