UP वालों की मौज, 100 से अधिक गावों से निकलेगी ये नई रेलवे लाइन, अधिग्रहण प्रक्रिया जारी

रेल लाइन बिछाने के लिए गांवों की 359 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे ने जिला प्रशासन को चिन्हित भूमि का अभिलेख सौंपा गया है। इसके बाद जिला प्रशासन ने अधिग्रहण का काम शुरू किया जा चुका है।

 

UP News : उत्तर प्रदेश में कई नई रेल लाइनों का उद्घाटन हुआ था, जिनमें से अब भी तेजी से काम चल रहा है। नई रेल लाइन कई जिलों में लोगों को लाभ देगी। दोहरीघाट-सहजनवा रेलवे लाइन का काम शुरू हुआ है। NRE रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने सहजनवा क्षेत्र में 11 किमी लंबी रेलवे लाइन को 43 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना दी है। इसी वर्ष रेल मंत्रालय ने सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन को विशेष रेल लाइन परियोजना में शामिल किया। इसके बाद, प्रक्रिया तेज हो गई है।

चार साल में दोहरीघाट-सहजनवा रेलवे लाइन बनाई जाएगी। यह परियोजना तीन चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में, मार्च 2024 तक सहजनवा से बैदौली तक 27 किलोमीटर की रेलवे लाइन बनाने का लक्ष्य है। दूसरे चरण में, मार्च 2025 तक बैदौली से गोला बाजार तक 29 किलोमीटर की एक रेलवे लाइन बनाने की योजना है। मार्च 2026 तक तीसरी और अंतिम चरण की कार्यवाही पूरी करने का लक्ष्य है। इसमें गोलाबाजार से न्यू दोहरीघाट तक एक 25.5 किलोमीटर का रेलमार्ग बनाया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की घोषणा के साथ ही प्रक्रिया शुरू हो गई है। सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन को 17 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। 1320 करोड़ रुपये का बजट भी कैबिनेट ने मंजूर किया था।

इस बार के बजट में मिले हैं 205 करोड़ रुपये

इस प्रोजेक्ट के लिए मौजूदा बजट में एनईआर को 205 करोड़ रुपये मिले हैं। बजट मिल जाने से भूमि अधिग्रहण के काम में तेजी आएगी। 81 किलोमीटर लंबी इस लाइन पर 10 बड़े और 47 छोटे पुल बनाए जाएंगे। इनमें सरयू नदी पर सबसे बड़ा पुल शामिल है, जो दोहरीघाट और बड़हलगंज के बीच होगा।

111 गांवों से गुजरेगी रेल लाइन, अधिग्रहण शुरू

दोहरीघाट-सहजनवा नई रेल लाइन मऊ और गोरखपुर जनपद के 111 गांवों से होकर गुजरेगी। अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। रेल लाइन बिछाने के लिए इन गांवों की 359 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। पूर्वोत्तर रेलवे ने जिला प्रशासन को चिन्हित भूमि का अभिलेख सौंप दिया है। इसके बाद जिला प्रशासन ने अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया है।

कम होगी गोरखपुर से वाराणसी की दूरी

नई रेल लाइन के बिछ जाने से गोरखपुर से वाराणसी की दूरी कम हो जाएगी। गोरखपुर से दोहरीघाट होते हुए वाराणसी, प्रयागराज और लखनऊ के लिए भी ट्रेनें चलने लगेंगी। दोहरीघाट से इंदारा होते हुए मऊ और वाराणसी रेलमार्ग से जुड़ जाएगी। पूर्वांचल में रेल लाइनों का जाल बिछ जाएगा।

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