भारत का यह गांव है दुनिया में सबसे अमीर, पैसे के लिए खोलने पड़े 17 बैंक

Richest Village in the World : जब भी गांव का नाम आता है तो हमारे दिमाग में कच्चे घर, टूटी हुई सड़कें और बेरोजगारी की झलक और मजदूर नजर आते है। लेकिन क्या आपने शहरों से भी सुंदर गांव की कभी कल्पना की है। अगर नही तो आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने वाले है जो कि हमारे देश में दुनिया का सबसे अमीर गांव है, जहां का हर नागरिक करोड़पति है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में कुल 17 बैंक है।  आश्चर्यचकित करने वाली बात तो यह है कि इस गांव को मुख्य व्यवसाय आज भी कृषि ही है। आइए जान लेते है कि कहां पर स्थित है ये सबसे अमीर

 

The Chopal : हमने बचपन से लेकर आज तक ऐसे ही गांव देखे है जहां कच्ची सड़के, धूल-मिट्‌टी, पशु, कच्चे घर आदि देखे होंगे। यदि हम आपसे कहें कि आप अपने मन में एक  गांव की कल्पना करें, तो यकीनन आपने मन में यही सब मिट्टी के घर, हरे-भरे खेत, खेतों में काम करते लोग, चारा खाते जानवर, कुएं से मटके में पानी भरकर लाती औरतें और बहुत सी ऐसी ही तस्वीरें बनेंगी.

लेकिन क्या कभी आप उस गांव की कल्पना कर सकते हैं, जहां स्कूल, कॉलेज, बैंक, शहर के लोगों से ज्यादा अच्छा रहन-सहन और साथ ही गांव की हर एक आदमी या तो लखपति या करोड़पति हो. अगर नहीं, तो बता दें कि दुनिया में ऐसा भी एक गांव है, जहां का हर एक आदमी लखपति या करोड़पति हैं और वहां हर तरह सुख-सुविधाओं के साधन मौजूद हैं. इसी कारण से यह गांव दुनिया का सबसे अमीर गांव (Richest Village in the World) है और खास बात यह है कि यह गांव भारत में ही मौजूद है. 

यहां के बैंकों में जमा है लोगों के 5000 करोड़ से अधिक रुपये

आज इस लेख में हम बात करें रहे हैं गुजरात के एक गांव मधापार (Madhapar village) की, जिसे दुनिया का सबसे अमीर गांव कहा जाता है. यहां की आबादी करीब 92,000 है और यहां करीब 7600 घर मौजूद हैं. यहां के लोगों के पास इतना पैसा है कि गांव में ही 17 बैंक खोलने पड़े, जहां गांव वालों के करीब 5000 करोड़ से अधिक पैसे जमा है.

गांव की समृद्धि का राज

बता दें कि मधापार गांव (Madhapar village) के ज्यादातर घरों के लोग विदेशों में बसे हुए हैं. यहां के लोग अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, अफ्रीका व खाड़ी देशों में बसे हुए हैं. लेकिन इन लोगों ने कभी भी अपने गांव की फिक्र करना नहीं छोड़ा. विदेश में बसे हुए इन लोगों ने खूब पैसे कमाए और अपने परिवार और गांव को समृद्ध बनाया. इसके अलवा वे लोग गांव के विकास के लिए केवल पैसे ही नहीं भेजते, बल्कि गांव के विकास की जिम्मेदारी भी उठाते हैं.   

यह गांव की स्थापना का इतिहास

आपको बता दें कि मधापार गांव 12वीं सदी में कच्छ की मिस्त्री कम्युनिटी द्वारा स्थापित (Madhapar village Established by the Mistry community of Kutch) किए गए 18 गांवों में से एक है. इन्हीं मिस्त्रियों ने गुजरात के अहम मंदिरों और इमारतों का निर्माण किया था. इसके बाद धीरे-धीरे यहां अलग-अलग कम्युनिटी के लोगों ने बसना शुरू कर दिया था. आज यह गांव गुजरात की सभ्यता का एक अहम हिस्सा है. यहां स्कूल, कॉलेज, बैंक जैसी सभी सुख-सुविधाएं मौजूद हैं. यहां के लोगों का लाइफस्टाइल शहर के लोगों से भी काफी अच्छा है.

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