CM योगी का आदेश, अब रात को PHC और CHC पर रुकेंगे डॉक्टर, नहीं मिले तो होगी कारवाई

 

The Chopal - सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे ने यह कहा कि सभी चिकित्सकों को सीएम के निर्देश से अवगत कराया गया है। 16 अगस्त से जाँच शुरू होगी। यदि कोई चिकित्सक अपने पद पर नहीं पहुंचा तो उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बृहस्पतिवार से ग्रामीण लोगों को रात में भी बेहतर इलाज मिलने लगेगा। डॉक्टर रात में सीएचसी और पीएचसी पर विश्राम करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अमल करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस प्रणाली को लागू कर दिया है। वह खुद औचक जांच करेंगे, और अगर कोई डॉक्टर नहीं होगा, तो उन पर कठोर कार्रवाई होगी। डॉक्टरों का रात्रि विश्राम प्रशासन भी रैंडम की जांच करेगा।

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जिले में 110 चिकित्सा केंद्र हैं, जिनमें 21 सीएचसी और 67 पीएचसी शामिल हैं। इनमें से 21 सीएचसी और जिला अस्पताल में इमरजेंसी सेवा है। वहीं, डॉक्टरों के कुल 270 पदों को स्वीकृत किया गया है, लेकिन सिर्फ 181 डॉक्टर कार्यरत हैं। इसमें से भी चार साल पहले ज्वाइन करने के बाद से लगभग चालिस डॉक्टर गायब हैं। गोला सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में चिकित्सकों की कमी है। यहां कोई दवा विशेषज्ञ नहीं है। भाटपार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा प्रभारी, वार्ड ब्वाय, पैथालॉजी और लैब टेक्नीशियन के पद हैं, लेकिन केवल एक फार्मासिस्ट है।

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बेलघाट में पीपरसंडी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रापतपुर भी फार्मासिस्ट पर निर्भर हैं। सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे ने कहा कि सभी चिकित्सकों को सीएम के निर्देश से अवगत कराया गया है। 16 अगस्त से जाँच शुरू होगी। यदि कोई चिकित्सक अपने पद पर नहीं पहुंचा तो उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू मरीजों के लिए जिला अस्पताल में 10 बेड और सीएचसी पर 5 बेड आरक्षित करने के आसन्न खतरों को देखते हुए तैयारी की है। जिला अस्पताल में दस बेड और CHSC में पांच बेड आरक्षित हैं। अभी कोई मरीज वार्ड में नहीं है।

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जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि अभी तक इलाज के बाद डेंगू के आठ मरीज मिले हैं। इलाज के बाद, इनमें से चार मरीज दूसरे राज्य में बीमार हुए थे। जबकि चार मरीज स्थानीय हैं। सितंबर से अक्टूबर तक गोरखपुर क्षेत्र डेंगू के लिहाज से संवेदनशील है। सीएमओ डॉ. आशुतोष दूबे ने कहा कि जरूरत पड़ने पर जिला अस्पताल में 20 बेड तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, हर सीएचसी पर पांच बेड आरक्षित है। मच्छरों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।