UP सरकार ने किया स्कॉलरशिप नियम में बड़ा बदलाव, इन छात्रों को मिलेगा ये बड़ा फायदा

UP की योगी सरकार ने अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के लिए मेरिट आधारित प्रणाली शुरू की है। अब फर्जीवाड़ा रोकने के लिए डीबीटी और आधार प्रमाणीकरण के जरिए से ऑनलाइन भुगतान भी किया जाएगा।
 

The Chopal - UP की योगी सरकार ने अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के लिए मेरिट आधारित प्रणाली शुरू की है। अब फर्जीवाड़ा रोकने के लिए डीबीटी और आधार प्रमाणीकरण के जरिए से ऑनलाइन भुगतान भी किया जाएगा। शिक्षण संस्थाओं को एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडायस) और उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) कोड देना अनिवार्य है। बुधवार को संशोधित नियमावली अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मोनिका एस. गर्ग ने जारी की। 

ये भी पढ़ें - 7th Pay Commision DA Hike : केंद्रीय कर्मचारियों को करना पड़ेगा इतने दिन इंतजार, महंगाई भत्ते को लेकर बड़ा अपडेट 

मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में पूर्व दशम कक्षाओं के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए मौजूदा जरूरतों को देखते हुए संशोधन किया गया है, अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया। बजट को नई व्यवस्था में पाठ्यक्रम के आधार पर अनुपातिक रूप से बनाया भी जाएगा। पूर्व व्यवस्था ने उच्च मेधा वाले नए आवेदकों को प्राथमिकता और वरीयता का फायदा नहीं मिल पाएगा। मेरिट प्रणाली लागू की गई है ताकि अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के उच्च लक्ष्यों को प्रोत्साहित किया जा सके। इससे अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया भी पारदर्शी भी होगी। आवेदक का आधार प्रमाणीकरण करते हुए छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति को सीधे खाते में भेजने की व्यवस्था भी की गई है।

ये भी पढ़ें - यूपी में इस दिन विदा होगा मानसून, प्रदेश में खत्म हुआ बरसात का दौर 

उनका कहना था कि इससे योजना का अनुचित लाभ अब फर्जी, अस्तित्वहीन और गैर-संचालित शिक्षण संस्थाओं को नहीं मिलेगा। शिक्षण संस्थाओं के संस्थान प्रमुख और नोडल अधिकारी को पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिए विद्यार्थियों का डिजिटल परीक्षण करना होगा। शिक्षण संस्थाओं के संस्थान प्रमुख और नोडल अधिकारी को पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिए विद्यार्थियों का डिजिटल परीक्षण करना होगा। यह जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति के समक्ष जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।

उनका कहना था कि पूर्व व्यवस्था में दशमोत्तर कक्षाओं के लिए बजट एक बार में निर्धारित किया जाता था और प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की अधिक लागत से अधिकांश बजट विद्यार्थियों के लिए खर्च किया जाता था। इससे छात्र गैर-तकनीकी पाठ्यक्रमों की योजना के लाभ से वंचित रह गए। नई नियमावली सभी विद्यार्थियों को फायदा देगी।