UP News : उत्तर प्रदेश के बरेली और लखनऊ हाईवे पर होगा 4 पुलों का निर्माण, आवागमन की बढ़ेगी रफ्तार
UP News: चार पुल बनने से बरेली-लखनऊ हाईवे पर हर दिन 25 हजार से अधिक वाहनों की रफ्तार बढ़ेगी। लखनऊ तक पहुंचने-जाने में लगभग एक घंटे लगेगा।
The Chopal, UP : बरेली-लखनऊ राजमार्ग पर चार पुल और अंडरपास को जोड़ने के लिए एक अप्रोच मार्ग बनाया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक निजी फर्म से 90 करोड़ रुपये का सौदा किया है। फर्म का निर्माण एक वर्ष में पूरा होना चाहिए। निर्माण पूरा होने के बाद हाईवे पर हर दिन 25 हजार से अधिक वाहन गुजरेंगे। लखनऊ तक पहुंचने-जाने में लगभग एक घंटे लगेगा।
गर्रा नदी को सीतापुर जिले में तीन स्थानों पर पुल बनाया जाएगा और बरेली से लखनऊ के बीच शाहजहांपुर में एक पुल बनाया जाएगा। एक जगह पर अप्रोच रोड बनाकर अंडरपास से जोड़ा जाना चाहिए। 2015 में निर्माण होना था, लेकिन कार्यदायी संस्था इसे पूरा नहीं कर पाई। वह भी दूसरी संस्था में काम करने चली गई। NHAI के अधिकारी बदलते रहे। काम अटक गया। अब तीसरी फर्म चुनी गई है। NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बीपी पाठक ने कहा कि ये जनवरी 2024 तक फर्म जगदीश सरन बनाएंगे।
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इन स्थानों पर होंगे निर्माण
शाहजहांपुर जिले में गर्रा नदी पर पुल:
स्थान: शाहजहांपुर जिला, गर्रा नदी
कारण: पिलर बनाए गए पर 90 मीटर लंबा पुल नहीं बना सका था
योजना: नया पुल बनाना
सीतापुर जिले में पिरई नदी पर पुल:
स्थान: सीतापुर जिला, पिरई नदी
कारण: 56 मीटर लंबा पुल अधूरा पड़ा है, जाम लग रहा है
योजना: पुराने पुल को पूरा करना या नया पुल बनाना
सीतापुर में नवीन चौक पर पुल:
स्थान: सीतापुर, नवीन चौक
कारण: दो लेन पुल के लिए दो पिलर बनाए गए हैं, पुल अभी तक नहीं बना है
योजना: दो लेन पुल बनाना
सीतापुर जिले में सराय नदी पर पुल:
स्थान: सीतापुर जिला, सराय नदी
कारण: फोरलेन पुल नहीं है, टू लेन पुल से वाहन गुजरते हैं, पिलर खड़े हैं
योजना: स्लैब डालना और पुल बनाना
सीतापुर बाइपास के निकट अंडरपास:
स्थान: सीतापुर बाइपास
कारण: 12 वर्ष पहले अंडरपास का स्ट्रक्चर बना दिया गया, लेकिन अप्रोच मार्ग नहीं बनाया गया
योजना: 1250 मीटर लंबा अप्रोच मार्ग बनाना
NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बीपी पाठक ने कहा कि बरेली-लखनऊ हाईवे पर चार जगह पुल अधूरे हैं। पिलर पर स्लैब नहीं लगाई गई। नतीजतन, दोनों पक्षों के वाहनों को एक ही ओर से गुजरना पड़ता है। अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए 90 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। काम के आदेश जारी किए गए हैं।
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