उत्तर प्रदेश के 16 शहरों में Yogi सरकार की विभिन्न नई परियोजनाएं, रिवर फ्रंट व स्ट्रीट बाजार और भी बहुत कुछ
UP News : योगी सरकार उत्तर प्रदेश के 16 शहरों में कई नई परियोजनाओं को शुरू करने जा रही है। यूपी सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार से बजट मांगा है।
Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के 16 शहरों में कई नई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ होगा। इसमें रिवर फ्रंट, कम्पलीट स्ट्रीट, बड़े पार्क, वाटर बॉडीज और झील शामिल हैं। इसके विकास पर 2218.74 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य सरकार ने इन परियोजनाओं के लिए केंद्रीय बजट मांगा है। केंद्र ने शीघ्र बजट जारी करने का अनुबंध किया है। केंद्रीय सरकार ने राज्य निवेश के लिए विशिष्ट सहायता योजना शुरू की है। केंद्र सरकार ने इस योजना पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। राज्य सरकार ने इस बजट से राज्य के 16 शहरों को विकसित करने के लिए 2,218,74 करोड़ रुपये की मांग की है। 21 नवंबर 2023 को ही इस बजट के लिए पत्र केंद्र को भेजा गया था। केन्द्र को पत्र भेज दिया गया था। केंद्र ने बहुत जल्दी बजट रिलीज करने की बात कही हे।
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यह देखते हुए, आवास विभाग ने राज्य के 16 शहरों, जहां 5 लाख लोग रहते हैं, के उपाध्यक्षों को विकास परियोजनाओं का मसौदा बनाने का आदेश दिया है। शासन से इन परियोजनाओं को तत्काल प्रदान करने की मांग की गई है। ताकि केंद्रीय बजट मिलते ही इन पर काम शुरू हो सके। शहरों में बड़ी पार्कों की सुंदरीकरण, झीलों और तालाबों, वाटर बॉडीज, कंप्लीट सड़कों और अन्य योजनाओं पर काम होगा। 8 जनवरी 2024 को शासन ने राज्य के मुख्य नगर और ग्राम नियोजन को भी पत्र भेजा है। उन्हें भी नई परियोजनाओं का संकलन करके सरकार को प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भी मिलेगा बजट
बजट की कमी के कारण पूरा नहीं हुए कुछ परियोजनाओं को भी बड़े शहरों में पूरा करने के लिए धन मिलेगा। साथ ही, ऐसी परियोजनाओं की रिपोर्ट मांगी गई है। जिन योजनाओं पर अभी काम चल रहा है और उनके लिए बजट की आवश्यकता है, उनके लिए प्रस्ताव भेजने को कहा गया है, जिनमें संबंधित योजना का फोटोग्राफ शामिल है।
जीआईएस आधारित मास्टर प्लान को लागू करने को कहा गया
विभिन्न शहरों में भी जीआईएस आधारित मास्टर प्लान बनाया गया है। कुछ शहरों में बोर्ड से प्रस्ताव पास कर दिया गया है, लेकिन कुछ प्राधिकरणों ने अभी तक इसे पूरा नहीं किया है। बोर्ड ने सभी प्राधिकरणों को इसे लागू करने का आदेश दिया है। शासन और मुख्य नगर नियोजन को मास्टर प्लान की मजबूत और संपूर्ण कॉपी देने को कहा गया है।
इन शहरों को दी गई प्राथमिकता
लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मथुरा वृंदावन सबसे पहले हैं। इन शहरों को पत्र भेजा गया है, जिसमें उनसे नई योजनाओं के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है।
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