Wheat : अब किसानों से नैफेड और NCCF खरीदेंगे सीधा गेहूं, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Wheat Procurement News : इन एजेंसियों ने प्याज और टमाटर की महंगाई को देखते हुए उनकी बिक्री की और आम लोगों को राहत दी। केंद्रीय भंडार, नेफेड और एनसीसीएफ अपने उत्पादों को 24,000 रिटेल और मोबाइल वैन में बेचते हैं। भारत ब्रांड का उत्पाद अन्य ब्रांडों की तुलना में सस्ता है।
 

The Chopal (Wheat Procurement) : सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने और किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। भारत में भी ब्रांड आटा के लिए ऐसा किया गया है। सरकार ने नेशनल एग्रीकल्चरल कॉपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) और नेशनल कॉपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) को किसानों से गेहूं सीधे खरीदने का आदेश दिया है। यह पहला आदेश है जिससे किसानों की कमाई बढ़ेगी और महंगाई को नियंत्रित करेगी।

भारत में आटा की बिक्री को दो संस्थाएं नियंत्रित करती हैं: एनसीसीएफ और नेफेड। ये दोनों एजेंसियां भारत से चावल और चना दाल भी खरीदती हैं। हाल ही में बढ़ी हुई महंगाई को देखते हुए सरकार ने भारत का आटा, चना और चावल खुले बाजार में कम दाम पर उतारा है। सरकार ने आटा, चावल और दालों की महंगाई को देखते हुए यह निर्णय लिया।

इन खाद्य पदार्थों की बिक्री भारत के नाम से

वर्तमान कानूनों के अनुसार, एफसीआई ही किसानों से सीधा अनाज खरीदकर उसे नेफेड और एनसीसीएफ को देता है। फिर ये दोनों संस्थाएं भारत ब्रांड के तहत आटा, चावल और दाल बेचती आईं। लेकिन इन दोनों एजेंसियों को अब किसानों से सीधा खरीदने का भी आदेश दिया गया है। एफसीआई की भूमिका इस तरह समाप्त हो गई है। इसके बावजूद, यह निर्णय सिर्फ भारत ब्रांड की ब्रिकी के लिए किया गया है। पिछले वर्ष भारत में ब्रांड का उद्घाटन हुआ था।

गेहूं की खरीद MSP पर

"Economic Times" ने बताया कि दोनों एजेंसियां किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदेंगे। एनसीसीएफ और नेफेड के लिए खरीद की सीमा नहीं है। एजेंसियां चाहें तो कितना खरीद सकती हैं। भारत ब्रांड की शुरुआत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत फ्री राशन देने के लिए सरकार ने की थी। भारत ब्रांड के तहत सरकारी एजेसियां ग्राहकों को अनाज और दालें सीधे अपने स्टोर से बेचती हैं।

टमाटर और प्याज पर बड़ा निर्णय

इन एजेंसियों ने प्याज और टमाटर की महंगाई को देखते हुए उनकी बिक्री की और आम लोगों को राहत दी। केंद्रीय भंडार, नेफेड और एनसीसीएफ अपने उत्पादों को 24,000 रिटेल और मोबाइल वैन में बेचते हैं। भारत ब्रांड का उत्पाद अन्य ब्रांडों की तुलना में सस्ता है। केंद्रीय सरकार इस कदम को और अधिक बढ़ाने के लिए "ट्रैक एंड ट्रेश" प्रणाली लाने पर विचार कर रही है ताकि उत्पाद और डिलीवरी की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा सके।

एफसीआई पर निर्भरता घटेगी

किसानों से सीधे खरीदने के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि इससे नेफेड और एनसीसीएफ एफसीआई पर निर्भरता कम होगी। इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया कि सरकार ने नेफेड और एनसीसीएफ को बिहार, राजस्थान और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गरीब राज्यों के किसानों से अनाज खरीदने का प्रस्ताव दिया है। इन राज्यों में किसानों को एमएसपी पर बिक्री से अधिक लाभ नहीं मिलता है। ऐसे में एमएसपी पर गेहूं बेचने से इन किसानों की आय बढ़ेगी।

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