गेहूं स्टॉक को लेकर सरकार का बड़ा ऐलान, अब इन लोगों पर कसी जायेगी नकेल
The Chopal (New Delhi) : केंद्र सरकार ने गेहूं और आटा की महंगाई को रोका है। यह 1 अप्रैल, 2024 से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी कंपनियों की चेन के खुदरा विक्रेताओं और प्रक्रिया करने वालों को अपने स्टॉक की स्थिति की घोषणा करने को कहा है। इसे करना अनिवार्य था। सरकार का मानना है कि इससे गेहूं की सट्टेबाजी और जमाखोरी को रोका जाएगा। हर शुक्रवार को इन सभी को गेहूं स्टॉक की स्थिति को अगले आदेश तक पोर्टल पर बताना होगा: https://evegoils.nic.in/wheat/login। साथ ही, इससे जुड़ी सभी संस्थाएं सुनिश्चित करेंगी कि स्टॉक की जानकारी पोर्टल पर नियमित रूप से दी जाएगी।
देश में एमएसपी पर किसानों से गेहूं खरीद शुरू होने के साथ ही इस तरह की नकेल से व्यापारियों और प्रोसेसर्स पर महंगाई कम होगी। गेहूं अभी भी देश के कई शहरों और मंडियों में एमएसपी से अधिक है। ऐसे में लगता है कि कुछ लोग कहीं न कहीं जमाखोरी कर रहे हैं। सरकार के इस निर्णय से ओपन मार्केट में गेहूं की कीमत लगभग एमएसपी के बराबर होगी या कम होगी। ऐसा हुआ तो बफर स्टॉक के लिए सरकार पर्याप्त गेहूं खरीद सकेगी।
गेहूं की कीमत क्यों नहीं घट रही?
सरकार पिछले दो वर्षों में गेहूं खरीदने का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई है। क्योंकि गेहूं का मूल्य ओपन मार्केट में एमएसपी से अधिक है 80 करोड़ लोगों को सरकार ने मुफ्त अनाज दे रहा है, इसलिए गेहूं की पर्याप्त खरीद होनी चाहिए। वर्तमान दरों को देखते हुए, सरकार इस वर्ष भी बफर स्टॉक खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएगी। गेहूं की कीमतें बढ़ने के पीछे कहीं न कहीं जमाखोरों का हाथ है। 1 अप्रैल से सरकार ने अपने कारोबार से जुड़े सभी लोगों से हर हफ्ते स्टॉक रिपोर्ट मांगी है।
चावल की आपूर्ति की भी निगरानी
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने घोषणा की है कि सभी श्रेणियों की संस्थाओं के लिए गेहूं स्टॉक 31.03.2024 को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद, संस्थाओं को गेहूं स्टॉक के बारे में पोर्टल पर सूचना देनी होगी। वहीं, सभी श्रेणियों की संस्थाओं की ओर से चावल स्टॉक की घोषणा करने का निर्देश पहले से ही लागू हो चुका है।
पोर्टल पर पंजीकृत कोई भी संस्था खुद को पंजीकृत कर सकती है और प्रत्येक शुक्रवार को गेहूं व चावल के स्टॉक की जानकारी देना शुरू कर सकती है। अब सभी सरकारी संस्थाओं को पोर्टल पर नियमित रूप से गेहूं और चावल की मात्रा की सूचना देनी होगी। देश में गेहूं और चावल की कीमतों को नियंत्रित करने और उनकी आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग कड़ी निगरानी रखता है।
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