राजस्थान के चुनावी दौर के समय अधर में अटकी 10 लाख पट्टे बांटने वाली योजना, मात्र इतने पट्टों का हुआ वितरण
The Chopal, जयपुर: विधानसभा चुनावों की ओर बढ़ते हुए प्रशासन और शहरों की सरकार ने जनता के बीच जाने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया है। इस अभियान के माध्यम से सरकार वोटरों को वोट देने के लिए प्रेरित करने की कोशिश करेगी। हालांकि, अब तक इस अभियान के तहत सरकार द्वारा निर्धारित 10 लाख पट्टे हासिल करने का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है।
यह अभियान विधानसभा चुनावों के नजदीकीकरण की मुख्य रणनीति है जिसका मकसद जनता के बीच सीधा संपर्क स्थापित करके उन्हें वोट देने के लिए प्रेरित करना है। सरकार इस अभियान के लाभों को गिनाकर वोटरों से वोट मांगेगी। हालांकि, इस समय अभी तक सरकार ने निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने में सफलता हासिल नहीं की है। इस अभियान के अंतर्गत सरकार ने शहरों में 10 लाख पट्टे हासिल करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इस लक्ष्य को पूरा करने में सरकार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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अभियान के तहत अब तक जारी किए गए पट्टों की संख्या 7.89 लाख है। यह मतलब है कि अभी भी लक्ष्य से 2.11 लाख पट्टे कम हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, निकायों ने अब तक 5.43 लाख पट्टे और विकास प्राधिकरण व यूआईटी ने 2.46 लाख पट्टे जारी किए हैं। इससे सरकार को 930 करोड़ रुपए से अधिक की आय हुई है। सरकार चाहती है कि 10 लाख पट्टों का लक्ष्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसलिए, सरकार ने अब अभियान की मॉनिटरिंग को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
इस तरह पूरा हो सकता है लक्ष्य
यदि इन सभी पेंडिंग आवेदनों की जांच कराई जाएगी, तो लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। वर्तमान में निकाय, विकास प्राधिकरण और यूआईटी में 2 लाख आवेदनों की पेंडेंसी है। इसमें करीब 1 लाख आवेदन ऐसे हैं, जिन्हें अधिकारी ने पट्टा देने से इनकार कर दिया है, और एक लाख आवेदन अभी भी पेंडिंग हैं। सरकार इन सभी आवेदनों की जांच करेगी ताकि सच्चाई सामने आ सके, कि क्या ये मामले अधिकारियों या कर्मचारियों की वजह से लंबित हुए हैं या नहीं।
यूडीएच मंत्री खुद कर रहे कार्यों की देख रेख
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल विधानसभा चुनावों के कारण अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वे जोधपुर और उदयपुर संभाग के निकायों द्वारा अभियान के दौरान किए गए कामों की समीक्षा कर चुके हैं। सरकारी टीमें भी पत्रावलियों की जांच कर रही हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि अभियान संबंधी कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति की निगरानी हो सके और इसे सुनिश्चित किया जा सके कि अभियान के लक्ष्यों की पूर्ति समय पर हो रही है।
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