डिजिटल इंडिया में अब चोर भी हुए शातिर, बिना ओटीपी बैंक खाते में हो रही सेंध, जानें आप कैसे बचे इस ठगी से
The Chopal, नई दिल्ली: मोबाइल बैंकिंग के इस युग में, धोखेबाजों ने नए-नए तरीके खोजे हैं जिनके माध्यम से फ्रॉड कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत में डिजिटल पेमेंट का उपयोग तेजी से बढ़ा है। डिजिटल पेमेंट के कई लाभ हैं, हालांकि अगर आप सतर्क नहीं हैं तो आपको फ्रॉड का शिकार होने का खतरा है। ग्राहकों को ध्यान रखने की जरूरत है और छोटी-छोटी गलतियों से बचना चाहिए। हाल ही में एक मामला सामने आया है जहां बिना ओटीपी बताए अकाउंट में पैसे निकाल लिए गए।
नए तरीकों में, बैंक से जुड़े आपके यूपीआई खाते को लक्षित किया जा रहा है। इसलिए आपके लिए भी महत्वपूर्ण है कि आप इस तरह के घटनाओं के बारे में जागरूक रहें ताकि आप खुद को सुरक्षित रख सकें। यदि कोई अनजान व्यक्ति आपसे फोन पर ऐसा कुछ करने को कहता है, तो तुरंत उसे काट दें और इसे बैंक को रिपोर्ट करें। इससे आप अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और दूसरे लोगों की मदद कर सकेंगे।
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इसे एक उदाहरण से समझते हैं। यह सत्य घटना पर आधारित है, बस नाम बदल दिया गया है। राहुल नाम के एक 25 वर्षीय युवक ने XYZ शॉपिंग वेबसाइट से अपने लिए 30 हजार रुपये का फोन ऑर्डर किया। फोन को 17 मई को डिलीवर होना था, लेकिन राहुल के पास 16 मई को एक कॉल आया और कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को XYZ कंपनी का कस्टमर केयर बताया। इसके बाद उसने राहुल को उसके सामान की विवरण बताई और कहा कि उसे एड्रेस कन्फर्म करना है।
हालांकि, राहुल पहले ही अपना एडरेस शॉपिंग वेबसाइट पर डाल चुका था. इसलिए अब उस शक और पुख्ता हो गया कि यह किसी ठग का ही कॉल है. राहुल ने बात जारी रखी और ठग ने कहा कि आपको एक लिंक भेजा जा रहा है उस पर क्लिक करके एडरेस कंफर्म करना है. जब राहुल ने उस पर क्लिक किया तो एक यूपीआई पेमेंट गेटवे खुल गया. इसमें उसके बैंक की डिटेल मांगी गई थी. राहुल ने जब इसके बारे में ठग से पूछा तो उसने कहा कि एडरेस कंफर्म करने के लिए राहुल को पहले 5 रुपये की पेमेंट करनी होगी. जाहिर तौर पर अगर बैंक डिटेल डाल दी जाती तो बैंक खाता खाली हो जाता.
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