800 या 1500CC, कार इंजन में CC का क्या मतलब होता है? ज्यादातर लोगों को नहीं पता

Car Engine: नई कार देखने में जितनी शानदार लगती है, उतनी ही जरूरी होती है उसकी सही देखभाल। अगर कार की ठीक से देखभाल न की जाए, तो कुछ ही समय में वह पुरानी और खराब हालत में आ जाती है। इसलिए कार खरीदने से पहले उससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लेना बहुत जरूरी है। अक्सर आपने सुना होगा कि जब कार के इंजन की बात होती है, तो उसमें “CC” का जिक्र जरूर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये CC होता क्या है?
CC का मतलब है क्यूबिक सेंटीमीटर (Cubic Centimeter)। ये बताता है कि कार के इंजन की ताकत कितनी है। आसान भाषा में कहें, तो जितना ज्यादा CC होगा, इंजन उतना ही ज्यादा पावरफुल होगा और कार उतनी ही तेज चलेगी। तो अगली बार जब आप कोई कार खरीदने जाएं और उसमें लिखा हो 800CC, 1000CC या 1500CC तो समझ जाइए कि ये इंजन की ताकत को दिखा रहा है।
हर कोई चाहता है कि उसकी नई कार हमेशा चमचमाती और एकदम फिट रहे। लेकिन अगर कार की समय पर सर्विसिंग और ठीक से देखभाल न की जाए, तो वह जल्दी खराब होने लगती है। इसलिए, कार खरीदने से पहले कुछ जरूरी बातें जान लेना बहुत फायदेमंद होता है। आपने अक्सर सुना होगा कि कार के इंजन को "CC" में मापा जाता है। लेकिन बहुत से लोगों को अब तक ये नहीं पता कि CC का मतलब क्या होता है।
आपकी कार के इंजन का आकार सीसी (CC) यानी क्यूबिक सेंटीमीटर में मापा जाता है। इसका मतलब होता है कि इंजन के अंदर कितनी हवा और पेट्रोल (फ्यूल) एक साथ जाता है। वैसे तो इंजन का साइज लीटर में भी बताया जाता है। जैसे अगर किसी कार का इंजन 1390 CC है, तो उसे 1.4 लीटर का इंजन कहा जाता है। यानी CC और लीटर लगभग बराबर ही होते हैं।
आम तौर पर, बड़ी सीसी वाला इंजन छोटी सीसी वाले इंजन से ज्यादा ताकत देता है। लेकिन आजकल कई कारों में टर्बोचार्ज्ड इंजन लगाए जा रहे हैं, जो छोटे होते हुए भी ज्यादा ताकत पैदा कर सकते हैं।
हॉर्सपावर यानी BHP, यह बताता है कि कार का इंजन कितनी ताकत बना रहा है। वहीं CC सिर्फ इंजन के साइज को मापने का तरीका है।
इस तरह समझिए
अगर किसी कार में 2.0 लीटर या उससे ज्यादा क्षमता का इंजन है, तो इसका मतलब है कि उसमें बड़ा इंजन लगा है। ये इंजन 1 से 1.9 लीटर वाले छोटे इंजनों के मुकाबले ज्यादा ताकतवर होते हैं।
क्योंकि बड़े इंजन का साइज ज्यादा होता है, इसलिए ये ज्यादा पावर बनाते हैं। इसी वजह से ऐसी कारों की कीमत भी ज्यादा होती है। ज्यादा पावर का मतलब होता है तेज स्पीड, लेकिन इसका एक नुकसान ये भी है कि ये ज्यादा पेट्रोल या डीजल खर्च करते हैं।