भूमि सर्वेक्षण किसानों के लिए बना परेशानी, सता रहा जमीन छीनने का डर

Bihar News : भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया बड़े और छोटे किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। क्योंकि किसानों को चिंता सता रही है कि जमीन उनके हाथ से निकल जाएगी। क्योंकि कई भूमि मालिकों के कागजात बढ़िया आगजनी में नष्ट हो चुके हैं। कई भूमि मालिकों के जमीन का बंटवारा कई पीढियां से नहीं हुआ है। चलिए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
1. भू-सर्वेक्षण से किसानों को परेशानी
कागजात की कमी : कई किसानों के कागजात बाढ़ या अगलगी में नष्ट हो चुके हैं। इसके अलावा, कुछ कागजात कई पीढ़ियों से नहीं मिल रहे हैं।
गलत नाम : सर्वेक्षण रिपोर्ट में पहले गलत नाम दर्ज करने और फिर सुधार के नाम पर वसूली की जा रही है।
125 वर्षों का रिकार्ड : हाल की भूमि खरीददारी के मामलों में, 1902 से लेकर अब तक के दस्तावेज मांगने से किसानों को समस्याएँ हो रही हैं।
2. सरकारी प्रक्रिया में दिक्कत
वंशावली और ऑनलाइन ब्योरा: जिन परिवारों में भूमि का बंटवारा नहीं हुआ है, उन्हें वंशावली तैयार करनी पड़ रही है। ऑनलाइन ब्योरा भी नहीं मिल रहा है।
गलतियाँ और दस्तावेज़ की तलाश: पोर्टल पर उपलब्ध जमाबंदी में गलतियाँ और दस्तावेजों की तलाश में किसान सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं।
3. सर्वेक्षण की प्रक्रिया:
11 से 30 अगस्त तक 1296 गांवों में ग्राम सभा की जा रही है। 800 गांवों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और शेष गांवों में 30 अगस्त तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए 228 अमीन, 27 कानूनगो, 15 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, और 230 लिपिक इस प्रक्रिया में शामिल हैं।
समाधान
कागजात का संरक्षण : सरकार को कागजातों के संरक्षण के लिए विशेष योजना बनानी चाहिए, और पुराने दस्तावेजों को डिजिटल रूप में सुरक्षित करने की व्यवस्था करनी चाहिए।
भू-सर्वेक्षण में पारदर्शिता: सर्वेक्षण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और लोगों की शिकायतों के लिए एक हेल्पडेस्क स्थापित की जानी चाहिए।
विभागीय तंत्र में सुधार: रिकॉर्ड रूम और सरकारी कार्यालयों में लंबी कतारों को कम करने के लिए डिजिटल पद्धतियों और बेहतर व्यवस्थाओं की आवश्यकता है।
प्रशिक्षण और जागरूकता: किसानों को कागजात और प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
इन कदमों को उठाकर सरकार किसानों की समस्याओं को कम कर सकती है और भू-सर्वेक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बना सकती है।