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UP- बिहार के रेल यात्रियों के लगेगी लॉटरी, गरीब रथ का सफर होगा राजधानी एक्सप्रेस जैसा

UP News : देश में बहुत सारे लोग काम किसी इसलिए में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए ट्रेन से सफर करते हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार और इनसे जुड़े राज्यों में सबसे ज्यादा सफर गरीब रथ ट्रेन से किया जाता है। बता दें कि गरीब रथ ट्रेन का किराया बाकी ट्रेनों की वजह काफी कम है। गरीब रथ ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। ट्रेन में अब सफर करना और ज्यादा एडवांस हो जाएगा। पढ़ें पूरी खबर विस्तार से

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UP- बिहार के रेल यात्रियों के लगेगी लॉटरी, गरीब रथ का सफर होगा राजधानी एक्सप्रेस जैसा

The Chopal : देश में बहुत सारे लोग काम किसी इसलिए में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए ट्रेन से सफर करते हैं। रोजाना बिहार से बहुत से लोग दिल्ली आते हैं, काम की वजह से या किसी दूसरी वजह से, और ऐसे लोगों के लिए आज एक अच्छी खबर है। बिहार के चार शहरों से दिल्ली आने वाली गरीब रथ में जल्दी ही नए कोच शामिल होंगे। आनंद विहार में ये गरीब रथ भागलपुर, गया, जयनगर और मुजफ्फरपुर से चलते हैं। 10 अप्रैल से दो ट्रेन में और 13 अप्रैल से दो ट्रेन में नए कोच शामिल होंगे। इसके अलावा, इन ट्रेनों में अतिरिक्त 352 बर्थ शामिल होंगे।

लगेंगे जर्मन तकनीक से बने कोच

माना जाता है कि इन कमजोर रथ एक्सप्रेस ट्रेनों में अब एलएचबी (LHB) कोच लगाए जा रहे हैं, जो जर्मन तकनीक से बनाए गए हैं। 10 अप्रैल 2024 से यह बदलाव लागू होगा। 

आनंद विहार भागलपुर गरीब रथ

उत्तर रेलवे ने बताया कि दिल्ली के आनंद विहार से कानपुर, मुगलसराय या दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, पटना, मोकामा, किउल, जमालपुर और सुलतानगंज होते हुए भागलपुर तक जाने वाली 22406 और 22405 गरीब रथ एक्सप्रेस में परसों एलएचबी कोच जोड़े जाएंगे। रेलवे ने बताया कि 10 अप्रैल से आनंद विहार से रवाना होने वाली ट्रेन में और 11 अप्रैल से भागलपुर से रवाना होने वाली गरीब रथ में LHB कोच की सेवा शुरू हो जाएगी।

आनंद विहार मुजफ्फरपुर गरीब रथ

दिल्ली के आनंद विहार से मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, गोंडा, गोरखपुर, बगहा, नरकटियागंज, बेतिया और सुगौली जंक्शन होते हुए मुजफ्फरपुर तक चलने वाली 12212 और 12211 गरीब रथ एक्सप्रेस में भी एलएचबी डिब्बे शामिल हैं। रेलवे ने बताया कि इस ट्रेन में 10 अप्रैल से आनंद विहार और 12 अप्रैल से मुजफ्फरपुर से एलएचबी कोच की सेवा दी जाएगी।

आनंद विहार जयनगर गरीब रथ एक्सप्रेस

एलचबी कोच वाले रैक भी दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से कानपुर, इलाहाबाद, मुगलसराय या पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, पटना, मोकामा, बरौनी होते हुए जयनगर तक चलने वाली 12436 और 12435 गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों में भी उपलब्ध हैं। LHB रैक इस ट्रेन में 13 अप्रैल से आनंद विहार से और जयनगर से 15 अप्रैल से उपलब्ध होगा।

आनंद विहार गया गरीब रथ

LHB कोच भी आनंद विहार टर्मिनल से कानपुर, मुगलसराया, सासाराम तक चलने वाली 22410 और 22409 गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों में हैं। रेलवे ने बताया कि आनंद विहार से 13 अप्रैल 2024 को चलने वाली ट्रेन में LHB कोच होंगे। 14 अप्रैल से गया से वापस आनंद विहार आने वाली इस ट्रेन में LHB कोच की सेवा मिलेगी।

इन ट्रेन में बढ़ जाएंगे बर्थ

आनंद विहार से बिहार के चार महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने वाली इन गरीब रथ एक्सप्रेस में नए कोच लगने के साथ ही बर्थ की संख्या भी बढ़ जाएंगी। अभी भागलपुर जाने वाली गरीब रथ ट्रेन में स्लीपर क्लास के डिब्बों के साथ साथ एसी चेयर कार के डिब्बे भी लगते हैं। अब इसमें सिर्फ एसी थ्री टियर इकोनॉमी के डिब्बे ही लगेंगे। बिहार जाने वाली शेष ट्रेनों में अभी तक एसी स्लीपर के 16 डिब्बे लगाए जा रहे थे। अब सभी गरीब रथ ट्रेन में एसी स्लीपर इकोनॉमी के 20 डिब्बे और ट्रेन के आगे और पीछे एक-एक गार्ड सह जनरेटर वाले डिब्बे होंगे। स्लीपर डिब्बे बढ़ने की वजह से प्रत्येक गरीबरथ एक्सप्रेस में एसी स्लीपर कोच के 352 बर्थ बढ़ जाएंगे। मतलब कि ट्रेन में पहले के मुकाबले अधिक लोग सफर कर पाएंगे।

बदलेगा ट्रेन का रंग 

अभी जो गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन चल रहे हैं, उसमें बाहरी कोच का कलर हरा है। यह दूर से ही अन्य ट्रेनों से अलग दिख जाती है। अब जो गरीब रथ के नए डिब्बे जुड़ेंगे, उसका रंग लाल है। यही रंग राजधानी और अन्य मेल-एक्सप्रेस के डिब्बों का भी है। इसलिए दूर से देखने पर अब गरीब रथ ट्रेन की पहचान नहीं हो पाएगी। अब ट्रेन को पहचानने के लिए आपको बोर्ड पढ़ना होगा।

स्पीड भी बढ़ेगी 

गरीब रथ एक्सप्रेस में लगने वाले आईसीएफ कोच की अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा है। जबकि एलएचबी कोच (LHB Coach) की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस डिब्बे को मूल रूप से जर्मनी के लिंक-होफमैन-बुश द्वारा तैयार किया गया है। इसका टेक्नोलोजी ट्रांसफर के बाद इसे भारत में ही बनाया जा रहा है। ये डिब्बे पूरी तरह से स्टेनलेस स्टील के हैं, इसलिए पुराने डिब्बों के मुकाबले हल्के तो होते ही हैं, इनमें जंग भी कम लगता है।