The Chopal

10 पेड़ भी बना देंगे लखपति, जगह कम तो खेत की मेड़ पर लगाएं ये पौधा

Tree Plantation :अगर आप खेती किसानी के साथ अतिरिक्त कमाई करना चाहते हैं तो आपके लिए यह जानकारी बड़े काम की हो सकती है। दरअसल, खेतों में तो किसान अपनी फसल लगाते हैं लेकिन, मेड़ खाली पड़ी रहती है। इसी खाली मेड़ पर इस पेड़ को लगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस पेड़ को उगाने वाला व्यक्ति बिना मेहनत किए साल भर में लखपति बन जाता है।

   Follow Us On   follow Us on
10 पेड़ भी बना देंगे लखपति, जगह कम तो खेत की मेड़ पर लगाएं ये पौधा

Malabar Neem Farming Benefits : किसान पारंपरिक खेती के साथ अब अपनी आय बढ़ाने के लिए नए-नए विकल्प अपना रहे हैं। इन्हीं में से एक है खेत के किनारों पर पेड़ लगाना। हालांकि, सही किस्म के पेड़ों का चुनाव नहीं होने के कारण कई बार अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है। इसलिए किसान खेती के साथ-साथ किसान अपने खेतों के अगल-बगल पेड़ों को लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसमें किसान मालाबार नीम को खेत की मेड़ किनारे लगा सकते हैं।

मालाबार नीम का पेड़

मालाबार नीम एक ऐसा पेड़ है, जो कम समय में अच्छा मुनाफा देता है। झारखंड की जलवायु, मिट्टी के लिए उपयुक्त है। यह बेहद तेजी से बढ़ता है। खेतों के किनारे मालाबार नीम लगाकर किसान अपनी कमाई में इजाफा कर सकते हैं। यह पेड़ महज 5-6 साल में लकड़ी बेचने लायक हो जाता है, जबकि अन्य पेड़ को तैयार होने में 10-15 साल लगते हैं।

इस पेड़ को किसान अपने खेतों के किनारों पर 10 फीट की दूरी पर लगा सकते हैं। इसकी शाखाएं अधिक फैलती नहीं हैं और इसका तना सीधा बढ़ता है, जिससे फसल पर अधिक छाया नहीं पड़ती और फसल को नुकसान नहीं पहुंचता। मालाबार नीम 5-6 सालों में 40-50 फीट तक ऊंचा हो जाता है। बाजार में इसकी लकड़ी की कीमत 600 से 800 प्रति क्विंटल है। एक पेड़ में 10 से 15 क्विंटल लकड़ी आसानी से प्राप्त हो जाता है।

सरकार करती है सहायता प्रदान

मालाबार नीम को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी किसानों को सहायता प्रदान करती है। विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को सस्ते दर पर पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही, इसकी कटाई और बिक्री के लिए सरकारी परमिशन की प्रक्रिया भी आसान है। यह नीम किसानों के लिए एक बेहतरीन निवेश साबित हो सकता है। यह तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है। इसकी लकड़ी की मांग प्लाई, फर्नीचर और पेपर इंडस्ट्री में लगातार रहती है। इसलिए, किसान यदि सही योजना और वैज्ञानिक पद्धति से इसकी खेती करें, तो पारंपरिक खेती के साथ अतिरिक्त आय का एक स्थायी स्रोत बना सकते हैं।