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भारत में खाद्य तेलों की मांग तेजी से बढ़ी, आयात खर्च में भी 34% तक का उछाल, महंगा होगा तेल?

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The Chopal, New Dehli: बीते कुछ महीनों में कई कारणों के चलते भारत के बाजार में खाद्य तेलों की मांग में बड़ी तेजी देखी जा रही है। इसी के चलते खाने के तेल पर लगने वाला खर्च भी बहुत तेजी के साथ बढ़ा है। हाल में एक रिपोर्ट में बताया गया भारत के खाद्य तेलों के आयात बिल में 34.18% का भारी उछाल आया है। और ये रिकॉर्ड 2022 के अक्टूबर माह तक के अंत तक है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के खाद्य तेलों के आयात बिल का खर्च 1.57 लाख करोड़ तक हो गया है। इसी तरह तेल आयात की मात्रा में भी बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है जो 6.85 % बढ़त के साथ 140.3 लाख टन तक पहुंच गई है.

बता दे कि भारत दुनिया के सबसे बड़ा खाद्य तेल खरीदार भी है जिसने 2020-21 (नवंबर-अक्टूबर) के दौरान 131.3 लाख टन खाद्य तेलों का आयात भी किया. पिछले साल हुई इस खरीदारी पर भारत ने 1.17 लाख करोड़ रुपये तक खर्च किए. लेकिन इस साल अक्टूबर तक यह खर्च बढ़कर 1.57 लाख करोड़ रुपये ऊपर पहुंच गया है. इस बात की जानकारी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने दे दी है. इस जानकारी में बताई गई है कि खाद्य तेलों का आयात इस वित्त वर्ष की शुरुआती दो तिमाही में लगातार बढ़ी भी है, जबकि तीसरी तिमाही में इसमें गिरावट भी दर्ज की गई है.

इंडोनेशिया का भी भारत के बाजार पर असर

वित्त वर्ष की चौथी तिमाही आते खाद्य तेलों के आयात में बढ़ोतरी भी देखी गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इंडोनेशिया ने अपने पाम ऑयल के निर्यात पर से पाबंदी भी हटा ली. इस पाबंदी के हटते ही पूरी दुनिया के बाजारों में खाद्य तेलों के दाम भी नरम पड़ गए. अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आई गिरावट का फायदा भारत के कारोबारियों ने भी उठाया और बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों का आयात भी किया. एसईए ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पाम तेल के दाम गिरने से भारत का पाम ऑयल भी नहीं बिक पाया, या उसके खरीदार भी कम मिले.

पाम तेल ने बढ़ाई मुश्किल

मार्च-अप्रैल में पाम तेल की सप्लाई कम रही जिससे इसके भाव में तेजी भी देखी गई. फिर बाद में मई-जून महीने में भी यही हालत रही क्योंकि इंडोनेशिया ने अपने पाम तेल के निर्यात पर पाबंदी लगा दी. इससे भारत की पाम ऑयल खरीदारी रुक गई और उसे पाटने के लिए बाकी तेलों का आयात भी बढ़ा दिया गया. इसका नतीजा हुआ कि भारत में पाम ऑयल का आयात 2021-22 में घटकर 79.15 लाख तक टन पर आ गया. इससे पिछले साल में यह आयात 83.21 लाख टन तक रहा था. दूसरी ओर, इस साल दूसरे खाद्य तेलों (सॉफ्ट ऑयल) का आयात बढ़कर 61.15 लाख टन तक पहुंच गया जो पिछले साल 48.12 लाख टन था.