अजब-गजब: भारत का ये गांव दुनिया में सबसे अमीर, हर ग्रामीण के पास करोडों में दौलत

Richest Village In India : आज के आधुनिक जीवन में लोग जब गांव का नाम सुनते हैं तो उन्हें गरीब गांव के लोग जो कि झोपड़ियों में रहते हैं उनकी ही याद आती है। क्योंकि उन लोगों का जीवन शहरी जीवन से काफी अलग होता है। जिससे लोगों को लगता है कि वे लोग मजदूरी करते हैं या पिछड़ी मानसिकता के होते हैं। लेकिन हम आपको दुनिया के ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके दृष्टिकोण को बिल्कुल बदल कर रख देगा। इसके बारे में जानने योग्य बात यह है कि यह गांव भारत में गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है। लोगों को इस बात का पता होना चाहिए कि यह गांव भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में सबसे अमीर गांव में आता है। तो चलिए जानते हैं कि यह गांव इतना अमीर कैसे हैं? और इस गांव की अमीरी का क्या राज है?
इस गाँव के लोग हैं, काफी अमीर
यह गांव माधापुर है। यहां के लोग पहले कच्चे मकानों में रहते थे, मगर आज के समय में हर व्यक्ति के घर बंगले और कोठियां के आकार के बने हुए हैं। यह गांव गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है। जहां पर 7600 घर बने हुए हैं और इस गाँव में 17 बैंक भी शामिल हैं। यह बेहद आश्चर्यजनक बात है कि एक गांव में इतने बैंक कैसे हो सकते हैं। लेकिन इतना ही नहीं इन बैंकों में गांव वालों की बहुत सी धनराशि जमा है।
यहां के लोग रहते हैं, विदेशों में
इस गांव का अमीर होने का एक राज यह भी है कि यहां के अधिकांश लोग विदेश में रहते हैं। दूर-दूर से घूमने आने वाले लोगों से गांव की संपत्ति का पता चल सकता है। पिछले काफी सालों से यह गांव विदेशी पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बन गया है। यही वजह है कि यह स्थान पर्यटन स्थल बन गया है। इसलिए माधापुर गाँव की चर्चा विदेशी मीडिया में बहुत हो रही है।
17 बैंकों में जमा है, 5 करोड रुपए से ज्यादा
माधापर गांव की अधिकांश जनसंख्या लंदन, कनाडा, अमेरिका, केन्या, युगांडा, दक्षिण अफ्रीका, मोजांबिक और तंजानिया में रहती है। वे लोग इन स्थानों से धन जुटाकर गांव के बैंकों में जमा करते हैं। जिसकी वजह से यहां के 17 बैंकों में ग्रामीणों के 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा है।
लंदन में खोला गया था, लोगों के लिए कार्यालय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लंदन में 1968 में माधापर विलेज एसोसिएशन नामक संस्था का गठन हुआ था। बाद में गांव का ही एक कार्यालय भी खोला गया। इसका उद्देश्य ब्रिटेन में रहने वाले हर माधापर को एक-दूसरे से जोड़ना है। इसके अलावा, माधापर गांव में भी एक कार्यालय खोला गया। जिससे यहां के लोग लंदन में रहने वाले ग्रामीणों से जुड़े रहें।
पोस्ट ऑफिस में जमा है, 200 करोड रुपए
गांववालों ने इतने अच्छे पैसे के बावजूद खेती करना नहीं छोड़ा और किसी ने अपनी खेती योग्य जमीन कों नहीं बेचा। गांव में कई अच्छे स्कूल, कॉलेज और धार्मिक संस्थाएं हैं। गांव में एक स्वास्थ्य केंद्र भी है, जिससे लोगों को बीमार होने पर कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है। यहां के लोग गाँव के पोस्ट ऑफिस में 200 करोड़ रुपये की एफडी रखते हैं। यहां हर वर्ष लोगों को नई झीलों, बांधों और आर्टीसियन कुओं से ताजा पानी मिलता है।
गांव में बना हुआ है इंटर कॉलेज और शॉपिंग मॉल
इस गांव में एक शॉपिंग मॉल भी बनाया गया है ताकि गांववासी शहरों से मुकाबला कर सकें और सभी सामान एक छत के नीचे पा सकें। इस शॉपिंग मॉल में दुनिया भर के कई प्रसिद्ध ब्रांड देखने को मिलते हैं। यहां स्कूल से लेकर इंटर कॉलेज तक इंग्लिश और हिंदी दोनों भाषाओं में पढ़ाई होती है। माधापर गांव की ये खूबियां आजकल विदेशी मीडिया में काफी चर्चा का विषय बनी हुई है।
इस प्रकार पहुंच सकते हैं, माधापुर गांव
माधापर देखने के बाद आप भुज, आइना महल, धोलावीरा, लखपत किला, रोहा किला, सियोट गुफाएं, प्राग महल और कच्छ संग्रहालय के आसपास घूम सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप मधापुर गांव जाना चाहते हैं तो माधापर गांव कच्छ से 74 किमी दूर स्थित है। कच्छ से यहां तक पहुंचने में 1 घंटा 41 मिनट का समय लगता है। अगर आप सस्ते में यहां तक पहुंचाना चाहते हैं तो आप अपने शहर से कच्छ के लिए ट्रेन ले सकते हैं, फिर बस से माधापर गांव तक जा सकते हैं।