Bank Update : एटीएम ट्रांजैक्शन, मिनिमम बैलेंस जैसे बैंकों ने किए 4 बड़े बदलाव, बैंक ग्राहकों के लिए जानना जरूरी
Bank Update - बैंक खाताधारकों को महत्वपूर्ण जानकारी वास्तव में, बैंक अपने नियमों में अक्सर परिवर्तन करते हैं, और इस महीने भी कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। इस महीने ATM ट्रांजैक्शन सीमा और अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस में चार महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं..। ग्राहकों को जानना महत्वपूर्ण है:

The Chopal, Bank Update - नियमों में बैंक अक्सर बदलाव करते हैं, और इस महीने भी कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। आप इन बदलावों से अनजान हो सकते हैं।
इस महीने ATM ट्रांजैक्शन सीमा, मिनिमम बैलेंस अकाउंट और अन्य महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव हुए हैं। ताकि आप वित्तीय लेन-देन में किसी भी परेशानी से बच सकें, आप इन परिवर्तनों को जानना आवश्यक है।
न्यूनतम बैलेंस सीमा
कुछ बैंकों ने खाते में न्यूनतम शेष की शर्तें बदल दी हैं। अब खाताधारकों को भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) में कम से कम 5000 रुपये रखने होंगे, जो पहले 3000 रुपये था। इसी तरह, पंजाब नेशनल बैंक ने 1000 रुपये से यह सीमा बढ़ाकर 3500 रुपये कर दी है। केनरा बैंक में न्यूनतम राशि 1000 रुपये से 2500 रुपये तक है। यहाँ बैंकों में न्यूनतम शेष से कम बैलेंस वाले खाताधारकों से जुर्माना राशि वसूली जाएगी, जिससे ग्राहकों पर अधिक वित्तीय दबाव डाला जाएगा।
ATM पर नई सीमा
ATM से पैसे निकालने के नियम भी इस महीने बदल गए हैं। नवीनतम नियमों के अनुसार, मेट्रो शहरों में रहने वाले लोगों को महीने में तीन बार एटीएम से फ्री में पैसे निकालने की अनुमति मिलेगी। पहले हर ट्रांजेक्शन 20 रुपये था, लेकिन अब 25 रुपये चार्ज लगेगा। वहीं, अगर आप दूसरे बैंक ATM से पैसे निकाल रहे हैं, तो आपको ३० रुपये का शुल्क देना होगा। नॉन-मेट्रो क्षेत्रों में यह सीमा पांच है।
डिपॉजिट पर लागू हुआ खर्च-
Kotka Mahindra Bank ने 811 बचत खाता नियमों को बदल दिया है। अब ग्राहक को प्रति 1,000 रुपये में 5 रुपये का शुल्क देना होगा यदि वे हर महीने 10,000 रुपये से अधिक का निवेश करते हैं। नॉन-कोटक एटीएम पर 25 रुपये की एटीएम डिक्लाइन फीस लागू होगी। इसके अलावा, 200 रुपये की स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन फेलियर फीस को 100 रुपये कर दिया गया है।
IDFC सर्वश्रेष्ठ क्रेडिट कार्ड—
20 फरवरी से IDFC फर्स्ट क्रेडिट कार्ड में कई बदलाव होंगे। CRED और PayTM जैसे प्लेटफॉर्मों पर एजुकेशन पेमेंट करने के लिए नए शुल्क लागू होंगे और स्टेटमेंट की तारीखें बदल जाएंगी। इसके अलावा, कार्ड रिप्लेसमेंट के लिए अब 199 रुपये के अतिरिक्त लागू कर का भुगतान करना होगा।
ब्याज दरों को देखें-
रिजर्व बैंक ने पांच साल के बाद रेपो रेट में कटौती की है, जिससे बैंक लोन सस्ता हो सकते हैं। RBI बैंकों को उधार देने वाली ब्याज दर रेपो दर कहलाती है। बैंक कम लागत पर उधार ले सकते हैं जब दर कम होती है; हालांकि, इससे फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में भी कमी आ सकती है। अब बैंकों को उच्च रिटर्न की जरूरत नहीं होगी, इससे जमा दरें भी कम हो सकती हैं।