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PNB बैंकधारकों को बड़ा झटका, मिनिमम बैलेंस को लेकर जारी हुए नए नियम

Punjab National Bank Latest Update : पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहकों को अच्छी खबर मिली है। ये खबर आपके लिए है अगर आपका खाता पीएनबी बैंक में है। दरअसल, देश का सबसे बड़ा बैंक, PNB, हाल ही में सेविंग अकाउंट के सेविंग चार्ज में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। करोड़ों खरीददार इससे सीधे प्रभावित होंगे। नीचे खबर में अकाउंट्स में न्यूनतम बैलेंस को लेकर क्या नए नियम हैं:

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PNB बैंकधारकों को बड़ा झटका, मिनिमम बैलेंस को लेकर जारी हुए नए नियम 

The Chopal, Punjab National Bank Latest Update : पंजाब नेशनल बैंक, देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक, एक महत्वपूर्ण घोषणा करता है। PNB बैंक ने सेविंग अकाउंट सेवा चार्ज नियमों में हाल ही में बदलाव किया है।  1 अक्टूबर 2024 से ये नियम लागू होंगे। नियमों में बदलाव होने से बैंक की आवश्यक सेवाओं पर चार्ज बढ़ गया, जिसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ा है। PNB नियमों में बदलाव का सबसे अधिक असर सेविंग अकाउंट्स ग्राहकों पर होगा। इसमें चेक निकालने संबंधी चार्ज, लॉकर रेंट (लॉकर रेंट के नवीनतम नियम) और सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस शामिल हैं।

सर्विस चार्ज नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव 

यदि आपका PNB बैंक में बचत खाता है, तो आपको बैंक द्वारा किए गए नियमों में बदलाव जानना बहुत जरूरी है।  पंजाब नेशनल बैंक ने आवश्यक सेवाओं पर लगने वाले चार्ज में बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, डिमांड ड्राफ्ट बनाने और जारी करने, चेक निकासी, रिटर्न चार्ज और लॉकर रेंट चार्ज में बदलाव किया गया है। 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नवीनतम नियम के अनुसार, अगर कोई ग्राहक अपने अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखता है, तो बैंक उस पर हर महीने शुल्क लगा देगा। बैंक ने पहले अकाउंट्स में न्यूनतम बैलेंस कम होने पर 3 पर शुल्क वसूलता था, लेकिन अब यह एक महीने है।

ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर चार्ज लगेगा— 

एक रिपोर्ट के अनुसार, नए बैंक नियम भी ग्रामीण लोगों पर लागू होंगे। अगर ग्राहक ग्रामीण इलाकों में रहता है और पंजाब नेशनल बैंक (Punjab Nation Bank Update) में खाता है, तो उसे कम से कम 500 रुपये अपने अकाउंट में बैलेंस होना चाहिए। अगर ग्राहक के खाते में इस तरह का बैलेंस नहीं है, तो उसे हर महीने पच्चीस रुपये का शुल्क देना होगा। वहीं, ग्राहकों को मध्य-शहरी शाखा में 100 रुपये खाते में रखने होंगे। और न्यूनतम बैलेंस नियमों को नहीं मानने पर 100 रुपये का शुल्क देना होगा। शहरों और शहरी शाखा में खाता खोलने वाले ग्राहकों को अपने अकाउंट में कम से कम 2000 रुपये का बैलेंस रखना चाहिए; अगर ऐसा नहीं है तो 250 रुपये का शुल्क लगाया जाएगा। 

मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर इतना पैसा खर्च होगा 

PNB बैंक के नए नियमों के अनुसार, अगर किसी ग्राहक के खाते में 50 प्रतिशत से कम बैलेंस है, तो शुल्क भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में अकाउंट का मिनिमम बैलेंस 6 प्रतिशत कम होने पर 1 रुपये से 80 रुपये तक होगा। वहीं, शहरी और महानगरों में 5 प्रतिशत से कम होने पर 1 रुपये से अधिकतम 100 रुपये की शुल्कवृद्धि होगी, जबकि अर्द्ध-शहरी इलाकों में 1 रुपये से अधिकतम 60 रुपये की शुल्कवृद्धि होगी।

चेक वापस होने पर भारी जुर्माना लगेगा

नए नियमों के अनुसार, अगर चेक जारी किया जाता है और आपके सेविंग अकाउंट में पर्याप्त धन नहीं है (Saving Account New Rules), तो ग्राहक को हर चेक पर 300 रुपये का शुल्क देना होगा। उस वित्त वर्ष में चालू खाता, कैश लोन और ओवड्राफ्ट के लिए पहले तीन चेक लौटने पर 300 रुपये भुगतान करना होगा और चौथे चेक लौटने पर 1000 रुपये भुगतान करना होगा। चेक को वापस लेने पर 100 रुपये का शुल्क लगेगा, यदि अकाउंट में पैसे नहीं हैं या किसी अन्य कारण से। बैंक की समस्या या तकनीकी खराबी पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।

नए नियम भी डिमांड ड्राफ्ट पर लागू होंगे— 

पंजाब नेशनल बैंक ने अपने नए नियमों के कारण डिमांड ड्राफ्ट की प्रक्रिया पर भी शुल्क लगाया है।  हाल के नियमों ने शुल्क को बढ़ा दिया है, हालांकि पहले यह बहुत कम था। इसके अलावा, ग्राहक को 10,000 रुपये पर 50 रुपये चार्ज लगता है और 10,000 से 1,00,000 रुपये तक के लिए प्रति 1,000 रुपये 4 रुपये चार्ज लगता है। 1,000 रुपये से अधिक के डिमांड ड्राफ्ट पर 5 रुपये शुल्क लगाया जाता है, जिसमें अधिकतम शुल्क 600 रुपये है और अधिकतम शुल्क 15,000 रुपये है। नियमों में बदलाव होने पर, डिमांड ड्राफ्ट की कुल रकम पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा; शुल्क कम से कम पांच सौ रुपये होगा और सबसे अधिक 15,000 रुपये होगा। 50,000 रुपये से कम की रकम नकदी में जमा करने पर सामान्य शुल्क से पांच गुना अधिक शुल्क लगाया जाएगा। एक अच्छी बात यह है कि अगर बैंक में कोई तकनीकी समस्या होती है, तो ग्राहकों को कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा। बैंक सेवा में खराबी होने पर यह नियम लागू होगा, जिससे ग्राहकों को राहत मिल सकती है।

लॉकर रेंट नियम भी बदले गए— 

रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ने लॉकर रेंट के नए नियमों में भी बदलाव किए हैं। नए नियमों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे लॉकर के लिए 1,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 1,250 रुपये और शहरी क्षेत्रों और महानगरों में 2,000 रुपये का लॉकर किराया लगेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में 2,200 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 2,500 रुपये और शहरी क्षेत्रों और महानगरों में 3,500 रुपये के मध्यम लॉकर की लागत होगी। बड़े लॉकर के लिए ग्रामीण इलाकों में 2,500 रुपये, अर्ध-शहरी इलाकों में 3,000 रुपये और शहरी इलाकों और महानगरों में 5,500 रुपये देना होगा।

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