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Business Tips : अब नौकरी की चिंता होगी खत्म, हर दिन बढ़ने वाला ये बिजनेस करें शुरू

Electric Vehicle Charging Station : अगर आप भी बिजनेस करने की योजना बना रहे हैं, तो हम आपको हर दिन बढ़ते हुए एक बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं इस बिजनेस के बारे में विस्तार से।

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Business Tips: Now job worries will end, start this business which grows every day

The Chopal : बढ़ती महंगाई के इस दौर में डीजल और पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों (Petrol Diesel Price) के बारे में आप तो जानते ही होंगे. इन दिनों सीएनजी के कीमत भी लगातार (CNG Price) बढ़ रही है. इन दिनों इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) की बाजार में धूम मची हुई है. जिससे प्रदूषण शून्य होता है. साथ ही इसे चलाने में लोगों को अपनी जेब भी ज्यादा ढ़ीली नहीं करनी पड़ रही है. क्योंकि इसमें खर्च बहुत कम हो जाता है. इसलिए दिल्ली जैसे महानगर ही नहीं, कस्बों और गांवों में भी ई रिक्शा (E Rickshaw) खूब दिखने लगे हैं. ऐसे में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन (EV Charging Station) का कारोबार खूब फलफूल रहा है. 

आपके पास सड़क पर कुछ मीटर जमीन हो और कम से कम एक लाख रुपए की पूंजी, तो आप इस इस बिजनस को आराम से चलाकर अच्छी और मोटी कमाई कर सकते हैं. अगर आप इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन (EV Charging Station) का कारोबार करना चाहते हैं तो बता दें कि ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने की खर्च चार्जरों की क्षमता पर निर्भर करता है. इसमें कम से कम एक लाख रुपये का निवेश करना होगा.

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यदि ज्यादा क्षमता के चार्जर लगाए जाएं तो खर्च 40 लाख रुपए तक हो सकता है. ए.सी. स्लो चार्जर कम महंगे होते हैं जबकि डी.सी. फास्ट चार्जरों की कीमत ज्यादा होती है. एक डी.सी. चार्जर की कीमत 1 लाख तथा 15 लाख रुपए के बीच कुछ भी हो सकती है; जबकि ए.सी. चार्जर की कीमत 20,000 रुपए से 70,000 रुपए के बीच होती है. फास्ट चार्जर का इस्तेमाल करते वक्त फ्लुइड-कूल्ड बैटरियां चार्ज करने के लिए पीसीएस में लिक्विड-कूल्ड वायर होना जरूरी है.

क्या सरकार से लेना होगा परमिट?

चार्जिंग स्टेशन के लिए किसी किस्म के परमिट की जरूरत नहीं होती है. नए नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति या कोई भी संगठन बगैर परमिट के पब्लिक चार्जिंग स्टेशन बना सकता है. इसके लिए जो चीजें चाहिए वे है- तकनीक, सुरक्षा, परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड और कुछ प्रोटोकॉल का पालन. इसे आप अपने घर में लगा सकते हैं. यदि आपके पास पर्याप्त पूंजी नहीं है तो कुछ लोग मिल कर सेल्फ हेल्प ग्रुप बना सकते हैं. फिर सेल्फ हेल्प ग्रुप को बैंक से लोन मिल जाएगा. उससे आप चार्जिंग स्टेशन लगा सकते हैं.

आपको करना होगा ये काम

आप चाहें तो दोपहिया, तीनपहिया, कॉमर्शियल, प्राइवेट, ट्रक या बस जो बिजली पर चलते हैं, उनके लिए चार्जिंग स्टेशन बना सकते हैं. मुनाफे की बात करें तो दोपहिया, तिपहिया, कॉमर्शियल या प्राइवेट चारपहिया गाड़ियों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने में ज्यादा है. चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए आपको बिजली का कनेक्शन लेना होगा और एक ट्रांसफर भी लगवाना होगा. ट्रांसफर के साथ जोड़ने के लिए हेवी ड्यूटी केबलिंग करनी होगी. चार्जिंग स्टेशन के लिए सबसे जरूरी है जमीन. अगर खुद की हो तो ठीक नहीं तो लीज पर भी ले सकते हैं. अब चार्जिंग स्टेशन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्टर जैसे शेड, पार्किंग एरिया आदि बनाने होंगे. मुख्य खर्च चार्जिंग टावर बनाने में होता है.

यूपी में मिलेगी इतनी सब्सिडी

यूपी सरकार (Uttar Pradesh Government) ने कहा है कि शुरूआती 2,000 चार्जिंग स्टेशन Charging and Battery Swapping Facilities लगाने पर सर्विस प्रोवाइडर को सब्सिडी दी जाएगी. चार्जिंग स्टेशनों पर अधिकतम सब्सिडी 10 लाख रुपए की होगी. इस प्रस्ताव में प्रति स्वैप स्टेशन 5 लाख रुपए की पूंजीगत सब्सिडी की सीमा भी शामिल है, जो अधिकतम 1,000 ऐसे स्टेशनों को दी जाएगी.

दिल्ली में चार्जिंग स्टेशन लगाने पर मिलेगी इतनी सब्सिडी

दिल्ली के निवासी कॉल करके या ऑनलाइन तरीके से डिस्कॉम से ईवी चार्जर इंस्टॉलेशन हेतु आवेदन कर सकते हैं. दिल्ली की ईवी स्ट्रेटेजी के अनुसार पहले 30,000 स्लो चार्जिंग पॉइंट्स को प्रति पॉइंट 6,000 रुपए की सब्सिडी मिलेगी. दिल्ली सरकार का दावा है कि उन्होंने 1,000 चार्जिंग स्टेशनों के लिए 60 लाख की सबसिडी जारी भी कर दी है. बता दें कि साल 2022 में ईवी की कुल बिक्री 77,849 व्हीकल तक पहुंच गई है जो कि साल 2021 के मुकाबले 185 फीसदी अधिक है. आगे इसमें और बढ़ोतरी होगी. मतलब कि चार्जिंग स्टेशनों का कारोबार बढ़ता ही रहेगा.

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