Cheque Payment : अगर आप भी करते है चेक से लेन-देन, तो जरूरी है ये 8 बातें
Payment through Bank Cheque - आज डिजिटल भुगतान तेजी से हो रहा है। पेमेंट घर बैठे आसानी से मिनटों में होता है। लेकिन कई बार देखा गया है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वाले लोग ठगी करते हैं। ऐसे में, अधिकांश लोगों का मानना है कि चेक करना सबसे सुरक्षित है। बैंक चेक से लेन देन करते समय आपको कुछ बातों के बारे में पता होना चाहिए। चलिए चैक से जुड़ी आठ महत्वपूर्ण जानकारी जानें:
The Chopal, Payment through Bank Cheque - डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने से लोग अब कैश के अलावा अन्य पेमेंट विकल्पों का भी बड़ा उपयोग कर रहे हैं। इन ऑप्शंस में बैंक चेक से लेन-देन भी शामिल है। चेक से लेन-देन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। जल् दबाजी में चेक लापरवाही से नुकसान हो सकता है। इसलिए सावधानीपूर्वक काम करना जरूरी है। चेक भरते समय क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए?
अमाउंट भरने के बाद "/-" नहीं दर्ज करें—
चेक में शब्दों और अंकों में पैसे डालने के बाद उसके पीछे "/-" का चिह्न लगाना बहुत महत्वपूर्ण है। शब् दों में पैसे डालने से पहले "ओनली" लिख देना भी अच्छा है। उदाहरण के लिए, सिर्फ दो हजार रुपये और दो हजार रुपये। यह साइन इंगित करता है कि आपने जो राशि दी है, वह सीमित है। जालसाजों को अमांउट बढ़ाने का मौका मिलता है अगर "/-" साइन नहीं लगाया जाता है।
MICR कोड खराब होना
एक MICR (मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्निशन) कोड बैंक चेक पर सबसे नीचे सफेद पट्टी पर रहता है। जब भी चेक करें, इस MICR कोड को सुरक्षित रखें। चेक साइन करते वक्त या किसी अन्य कारण से इस जानकारी को खोना नहीं चाहिए। MICROR कोड चेक्स को जल्दी सेटल करने और प्रसारित करने में मदद करता है।
चेक की तिथि को नहीं देखना
बैंक चेक उस पर डाली गई तिथि के बाद तीन महीने तक वैलिड रहता है। यानी इसे इसी अवधि में या तो विदड्रॉ करना होगा या डिपॉजिट करना होगा। उस समय के बाद चेक का इस्तेमाल करने पर वह काम नहीं करेगा और आपको नुकसान होगा। इसके अलावा, अगर आप किसी को आगे की तिथि पर चेक से भुगतान करते हैं तो इस बात का भी ध्यान रखें। तारीखों को चेक पर डालते समय ओवरराइट करने की बजाय दूसरा चेक प्रयोग करना बेहतर होगा। तारीख सहित अन्य विवरणों में गलती होने पर भी नया चेक जारी करना ही उचित होगा।
बिल पेई और बीयरर चेक
यदि आप किसी व्यक्ति के बैंक अकाउंट में सीधे भुगतान करना चाहते हैं, तो चेक पर अकाउंट पेई जरूर करें। चेक के लेफ्ट (बायीं) ऊपरी कॉर्नर पर डबल क्रॉस लाइन के बीच A/C Payee लिखकर बनाया जाता है। चेक का भुगतान इस हस्ताक्षर से सीधे बैंक अकाउंट में जाता है और इसे तुरंत भुनाया नहीं जा सकता है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि चेक खोने पर कोई जालसाज खुद को टार्गेट पर्सन बताकर उसके बदले पैसे नहीं ले सकता। लॉगिन करते समय राइट (सीधी) साइड में लिखे बीयरर को काट दें। वहीं, अगर आप चेक दे रहे हैं, तो लेफ्ट टॉप कॉर्नर पर अकाउंट पेई साइन न करें।
शब्दों और फिगर्स के बीच प्रचुर मात्रा में स्पेस-
जब आप चेक से किसी को भुगतान करते हैं, तो नाम और धनराशि को लेकर शब् दों और फिगर्स में बहुत अधिक बोलने से बचें। ज्यादा स्पेस नाम और अमांउट में भ्रम पैदा करता है। इसके अलावा, अमाउंट शब्दों और अंकों में भरा होना सुनिश्चित करें। यदि दोनों तरह की रकम समान नहीं होगी, बैंक चेक को नहीं मानेगा।
बैलेंस से अधिक धन भरना—
जब आप बैंक चेक से पेमेंट करते हैं, तो पहले अपने बैंक अकाउंट का बैलेंस देख लें। इसके बाद चेक भरें। अगर बैलेंस से अधिक राशि भर दी गई है, तो चेक बाउंस होगा और पेनल् टी लगेगा। बैंकों में, चेक बाउंस पर पेनल् टी 500 रुपये प्लस GST तक हो सकती है। इसलिए इसका ध्यान रखें।
हस्ताक्षर को नहीं देखना-
जब भी आप बैंक चेक पर हस्ताक्षर या सिग्नेचर करें, आपको याद रखना चाहिए कि आपका हस्ताक्षर वैसा ही होना चाहिए जैसा कि संबंधित बैंक ब्रांच में पहले से दर्ज है। बहुत से लोग अलग-अलग बैंकों में अपने अलग-अलग सिग्नेचर का उपयोग करते हैं। अगर आपने भी ऐसा किया है तो बैंक चेक साइन करते वक् त सावधानी बरतें, वरना आपका चेक रिजेक् ट हो सकता है।
चेक की जानकारी अपने पास न रखें—
जब भी किसी को बैंक चेक से पेमेंट करें तो चेक का नंबर, अकाउंट का नाम, रकम और तिथि नोट करना न भूलें। यह आपको इनफॉर्मेशन चेक कैंसिल करने की जरूरत पड़ने पर काम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, आपको यह भी पता चलता रहता है कि आपकी चेकबुक में से किसी ने आपकी जानकारी के बिना चेक नहीं लिया है या किसी और ने चेक किया है।
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