CIBIL Score : लोन मिलेगा चंद मिनटों में, जान लें कितना होना चाहिए सिबिल स्कोर
CIBIL Score : क्रेडिट स्कोर (credit score) या सिबिल स्कोर आज के समय में काफी जरूरी है। अगर आप लोन लने के लिए अपलाई करते हैं तो बैंक सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर चेक करता है। सिबिल स्कोर हिस्ट्री (CIBIL Score History) से बैंक चेक करता है कि आपने पहले लोन लिया था तो कैसे चुकाया, कितना ब्याज दिया आदि। जिसके बाद यह तय किया जाता है लोन देना है या नहीं।
बैंक के लिए ग्राहक भगवान की तरह होते हैं लेकिन कई बार बैंक अपने इस भगवान को भी लोन देने से मना कर देते हैं. अगर आपके लोन का आवेदन भी बैंक से रद हो गया है तो जानिए कि आपको क्या करना चाहिए।
क्यों खारिज हुआ आवेदन?
अगर बैंक आपको लोन देने से इनकार कर देता है तो पता करें कि इसके पीछे क्या वजह थी. आपके लोन का आवेदन खारिज किये जाने की वजह जानना बहुत जरूरी है. कई बार छोटी-छोटी वजहों से बैंक लोन देने से मना कर देते हैं.
छोटी वजह या गंभीर कारण
अगर आपका एड्रेस वेरीफिकेशन अधूरा पड़ा रहता है, तब भी लोन का आवेदन खारिज हो सकता है. कई बार लोन कैंसल करने के पीछे गंभीर कारण भी हो सकते हैं. मसलन खराब क्रेडिट रेटिंग की वजह से भी बैंक आपका लोन आवेदन कैंसल कर देते हैं.
कम है आपकी आमदनी!
जब बैंक को ऐसा लगता है कि आपकी इनकम पर्याप्त नहीं है तो बैंक लोन टाल देते हैं. बैंक इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपकी लोन वापस करने की हैसियत है या नहीं. इसलिए बैंक आपकी इनकम और बैंक अकाउंट के बारे में गहन जानकारी जुटाना चाहते हैं. जब तक आपकी आय बैंक के तय मानक से मैच नहीं करती है बैंक आपको लोन देने के लिए मना कर सकते हैं.
क्रेडिट स्कोर है खराब
ज्यादातर मामलों में लोन देने से मना करने की सबसे बड़ी वजह खराब क्रेडिट रेटिंग होती है. उदाहरण के लिए सिबिल स्कोर 300-900 के बीच होता है और 750 को अच्छा माना जाता है. सिबिल के मुताबिक 79 फीसदी बैंक लोन उन्हीं को दिया गया है जिनका स्कोर 750 से ऊपर होता है. इसी तरह कंपनियों के लिए कंपनीज क्रेडिट रिपोर्ट (CCR) की रैकिंग 1 से 10 के बीच के स्केल के हिसाब से तय करता है. 1 नंबर वाली कंपनी का स्कोर सबसे बढ़िया माना जाता है.
क्रेडिट स्कोर सुधारें
अगर आपका बैंक लोन क्रेडिट रेटिंग की वजह से मना कर दे तो क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से विस्तृत रिपोर्ट जरूर लें. जब आप अपनी विस्तृत क्रेडिट रिपोर्ट पाते हैं तो इसकी पूरी डिटेल पढ़ें. इस बात की बड़ी संभावना रहती है कि आपकी क्रेडिट रेटिंग में गलती हो गई हो. उदाहरण के लिए जो लोन आपने पहले ही चुका दिया है, कई बार वह सिबिल रिपोर्ट में पेंडिग दिखा रहा हो. इसलिए अगर आप इस तरह की कमी पाते हैं तो क्रॉस चेक करें और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से ठीक करने के लिए कहें.
दूसरा बैंक चुनें
अगर एक बैंक लोन देने से मना कर दे तो दूसरे बैंक से बात करें. हमेशा अपने बैंक की ब्रांच में लोन के लिए आवेदन फायदेमंद होता है. अगर आपका बैंक लोन देने से मना
डाउन पेमेंट बढ़ाएं
अगर आप किसी तरह की खरीदारी जैसे होम और कार लोन के लिए लोन के लिए आवेदन करते हैं तो आप लोन की डाउन पेमेंट की रकम बढ़ा सकते हैं. इससे आपको आसानी से लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है. इससे बड़ा फायदा यह भी होता है कि आपकी लोन की ईएमआई घट जाती है साथ ही कर्ज का बोझ कम हो जाता है.
पुराने कर्ज चुकाएं
कई बार पुराने लोन की राशि ज्यादा होने की वजह से आपको नया लोन नहीं मिल पाता है. आमतौर पर बैंक डेट टू इनकम का रेशियो करीब 35 फीसदी चाहते हैं और 40 फीसदी से ज्यादा डीटीआई रिस्क की श्रेणी में आता है. जब डीटीआई का आंकलन किया जाता है तो इसमें आपके पुराने पर्सनल लोन, कार लोन , होम लोन और क्रेडिट कार्ड की बकाया को शामिल किया जाता है. अगर कर्ज-आमदनी के अनुपात की वजह से लोन रिजेक्ट हुआ है तो पहले अपना पुराना लोन क्लियर कर लें.