CIBIL Score: बिना सिबिल स्कोर मिलेगा आसानी से लोन, वित्त मंत्रालय ने दी बड़ी जानकारी
CIBIL Score: वित्त मंत्रालय की तरफ से पहली बार लोन लेने वालों के लिए अब आवश्यक सूचना जारी की गई है. लोगों में आमतौर पर यह धारणा बनी हुई है कि बिना CIBIL स्कोर लोन नहीं मिल सकता. लेकिन आज हम इस लेख में आपको बताएंगे कि CIBIL स्कोर के बिना भी आप लोन ले सकते हैं
RBI guidelines: वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि होम लोन या किसी भी प्रकार के लोन के लिए न्यूनतम CIBIL स्कोर रखना अनिवार्य नहीं है। आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, बैंक केवल कम या शून्य क्रेडिट स्कोर के आधार पर किसी आवेदन को खारिज नहीं कर सकते। आवेदन की मंजूरी के दौरान बैंक को अन्य वित्तीय और व्यक्तिगत फैक्टर्स जैसे आय, लोन रपोर्टिंग, संपत्ति और भुगतान इतिहास आदि की भी समीक्षा करनी होगी। इसका मतलब है कि कम स्कोर वाले भी अगर अन्य योग्यताएं पूरी करते हैं, तो उन्हें लोन मिल सकता है।
CIBIL स्कोर न होने पर लोन लेना मुश्किल
बिलकुल, बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोग भी बैंक या NBFC से लोन ले सकते हैं। आम धारणा है कि CIBIL स्कोर न होने पर लोन लेना मुश्किल होता है, लेकिन हाल के वर्षों में वित्तीय संस्थानों ने नए नियम लागू किए हैं। अब बैंक केवल क्रेडिट स्कोर पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि आवेदनकर्ता की आय, नौकरी का रिकॉर्ड, संपत्ति और अन्य वित्तीय व्यवहार जैसे फैक्टर्स को भी ध्यान में रखते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपका क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, लेकिन अन्य योग्यता मौजूद है, तो आपको लोन मिलना संभव है। सवाल ये है कि आखिर बैंक किन आधारों पर ऐसे आवेदकों पर भरोसा करते हैं और क्या वाकई बिना क्रेडिट हिस्ट्री के लोन पाना उतना मुश्किल है जितना लोग सोचते हैं? सरकार ने इस मामले में नियम साफ किए हैं।
लोन लेना हो जाएगा आसान
पहली बार लोन लेने वालों के लिए न्यूनतम CIBIL स्कोर अब बाध्यता नहीं है। वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को केवल इस आधार पर—कि किसी आवेदक का क्रेडिट स्कोर कम है या शून्य है—लोन आवेदन अस्वीकृत नहीं करना चाहिए। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह जानकारी लोकसभा के मानसून सत्र में दी। इसका मतलब है कि नए ग्राहकों के लिए लोन पाने का रास्ता अब और अधिक खुला है, बशर्ते अन्य वित्तीय योग्यता मौजूद हो।
हालांकि पहली बार लोन लेने वालों के लिए CIBIL स्कोर जरूरी नहीं है, वित्त मंत्रालय ने बैंकों को चेतावनी दी है कि वे सावधानीपूर्वक ड्यू डिलिजेंस अपनाएँ। इसमें आवेदकों की वित्तीय पृष्ठभूमि की जांच शामिल होगी—जैसे भुगतान रिकॉर्ड, पिछली देनदारियां, भुगतान में विलंब, सेटल या री-स्ट्रक्चर किए गए लोन और राइट-ऑफ किए गए खाते।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अनुसार, रिजर्व बैंक ने 6 जनवरी 2025 को जारी मास्टर डायरेक्शन में निर्देश दिया है कि पहली बार लोन लेने वाले आवेदकों को सिर्फ क्रेडिट हिस्ट्री न होने के आधार पर अस्वीकार न किया जाए। इसका उद्देश्य नए ग्राहकों के लिए लोन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाना है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि लोन आवेदन के लिए किसी न्यूनतम CIBIL स्कोर की आवश्यकता नहीं है। यानी बैंक और अन्य ऋणदाता केवल क्रेडिट स्कोर के आधार पर निर्णय नहीं लेंगे। इसके बजाय वे अपनी बोर्ड-अपप्रूव्ड पॉलिसी, रेगुलेटरी गाइडलाइंस, आवेदक की मौजूदा देनदारियां और भुगतान क्षमता जैसी कई अन्य जानकारी का मूल्यांकन करेंगे। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट केवल सहायक इनपुट के रूप में काम करेगी, अंतिम निर्णय का आधार नहीं।
CIBIL स्कोर क्या है?
CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच का तीन अंकों वाला नंबर होता है, जो किसी व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता (Creditworthiness) को दर्शाता है। इसे क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड – CIBIL तैयार करता है। यह स्कोर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए यह तय करने का अहम आधार होता है कि कोई व्यक्ति पर्सनल लोन, होम लोन, गोल्ड लोन या अन्य प्रकार के बैंक लोन लेने के योग्य है या नहीं।
CIBIL और अन्य क्रेडिट रिपोर्ट फीस पर RBI का नियंत्रण
वित्त मंत्री ने बताया कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CIC) किसी व्यक्ति से उसकी क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करने के लिए अधिकतम ₹100 तक ही शुल्क वसूल सकती हैं। उन्होंने कहा कि क्रेडिट स्कोर शुल्क RBI के “Credit Information Companies (Regulation) 2006” के तहत नियंत्रित है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई CIC अपनी क्रेडिट जानकारी देने के लिए ₹100 से अधिक चार्ज नहीं ले सकती।
इसके अलावा, RBI ने 1 सितंबर 2016 के सर्कुलर के तहत सभी CIC को निर्देश दिया है कि वे हर व्यक्ति को साल में एक बार उसकी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में उपलब्ध कराएँ।
