Construction Home Loan : मकान बनाने के लिए लोन का प्रोसेस, होम लोन और कंस्ट्रक्शन होम लोन में क्या है अंतर
Construction Home Loan : किसी भी व्यक्ति की जीवन में घर खरीदना एक महत्वपूर्ण घटना है। ऐसे में, अधिकांश लोगों को घर बनाने के लिए बैंक से होम लोन मिलता है। बैंक जल्द ही रेडी टू मूव या फ्लैट खरीदने वालों को लोन दे सकते हैं। ऐसे में, अगर आपके पास जमीन है और आप घर बनाने के लिए होम लोन लेना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं कि क्या है घर बनाने का लोन और आपको कितना ब्याज देना पड़ेगा।

The Chopal, Construction Home Loan : भूमि पर घर बनाने का होम लोन फ्लैट खरीदने से बहुत अलग है। हाल ही में प्रॉपर्टी की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में व्यक्ति को जमीन पर घर बनाने या फ्लैट खरीदने के लिए लोन नियमों का सहारा लेना पड़ता है। यदि आपके पास प्लॉट है और आप मकान बनवाना चाहते हैं, तो इस लेख में जानेंगे कि आपको होम लोन कैसे मिलेगा और कितनी ब्याज का भुगतान करना होगा।
कम्प्यूटर होम लोन क्या है?
आजकल, बहुत से लोग प्लॉट लेकर छोड़ देते हैं और बाद में पैसे मिलने पर उस पर घर बनाते हैं। आजकल बड़े शहरों में भी प् लॉट लेकर घर बनवाने का चलन है। खुद के प्लॉट पर खरीदी गई जमीन पर घर बनवाने के लिए लोन लेने का प्रक्रिया थोड़ा कठिन है। वहीं, अधिकांश फ्लैट खरीदारों को होम लोन आसानी से मिलता है। बैंक कंस् ट्रक् शन होम लोन (Construction Home Loan) देते हैं जो लोग अपने प् लॉट पर घर बनाना चाहते हैं।
कंस्ट्रक्शन होम लोन से कैसे अलग है?
इन दोनों लोन (Construction Home Loan) को लेने में एक महत्वपूर्ण अंतर है। दोनों की प्रक्रिया अलग है। कम्प्यूटर होम लोन फ्लैट या रेडी टू मूव होम लोन से पूरी तरह अलग है। Construction Home Loan Interest Rate में मिलने वाली रकम और सेवा-शर्तों में काफी अंतर है।
इसके अलावा, इंटरेस्ट रेट, बैंक भुगतान और EMI भुगतान करने के तरीके में बहुत फर्क होता है। याद रखें कि फ्लैट होम लोन में पैसा बिल्डर को सीधे मिलता है, लेकिन कॉर्पोरेट होम लोन में पैसा ग्राहक को मिलता है।
इन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
यदि आप भी मकान बनवाने के लिए कंस् ट्रक् शन होम लोन लेना चाहते हैं, तो आपके पास कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। पहले आपको साबित करना होगा कि जिस जमीन पर आप घर बनाने जा रहे हैं, वह सिर्फ आपके नाम पर रजिस् टर्ड है। आपको बैंक में जमीन के रजिस्टर्ड पेपर दिखाने होंगे।
हाल ही में जमीन खरीदी है तो आपको सिर्फ रजिस् ट्री पेपर देना होगा, लेकिन घर बनाने वाली जमीन पुस् तैनी है तो बैंक को इनकमब्रेंस सर्टिफिकेट भी देना होगा। इससे पता चलेगा कि आपकी जमीन पर कोई विवाद या बकाया नहीं है। आपको बता दें कि फ्री होल्ड प्लॉट पर आसानी से लोन मिलता है, लेकिन लीज के मामले में लंबी अवधि की लीज चाहिए।
ये बातें याद रखनी चाहिए:
Construction Home Loan Tenure के लिए केवल जमीन के कागजात ही आवश्यक नहीं हैं। इसके लिए आपको इनकम प्रूफ और बैंक भी देना होगा। इसके साथ-साथ आपको बैंक को घर का नक्शा और लेआउट भी देना होगा। लेआउट बैंक में देने के लिए आपको स्थानीय निकाय, अथॉरिटी या ग्राम पंचायत से अनुमोदन मिलना चाहिए।
साथ ही मकान बनाने के खर्चे का अनुमान करने के लिए भी किसी आर्किटेक्चर इंजीनियर से प्रमाणित होना चाहिए। बैंक आपकी इन बातों की जांच करेंगे। परीक्षा पूरी होने पर बैंक आपके निर्माण घर लोन प्रक्रिया को शुरू करेगा।
लोन कैसे मिलता है-
आपका लोन अप्रूव होगा अगर बैंक आपके प्लॉट की जांच करता है और आपके सभी दस्तावेज सही होते हैं। निर्माण होम लोन के मामले में आपको पूरा पैसा नहीं मिलता है; इसके बजाय, बैंक आपको लोन का पैसा देते रहते हैं जैसे-जैसे आपका कंस्ट्रक्शन पूरा होता जाता है।
लोन प्रक्रिया कब शुरू होती है—
कम्पनी होम लोन का भुगतान तभी मिलता है जब आपकी जमीन पर घर बनाने का काम शुरू होता है। व्यवसाय शुरू होने पर बैंक अपने कर्मचारी को भेजकर प्रमाणित करेगा। कंस्ट्रक्शन लोन लेने वाले व्यक्ति को घर बनाने की फोटो, इंजीनियर या आर्किटेक्ट की तरफ से घर बनाने की अनुमानित अवधि का सर्टिफिकेट भी बैंक में जमा करना होगा। बैंक अपने तकनीकी कर्मचारी को आपके भेजे गए चित्रों को देखने के लिए भेजेगा. कर्मचारी इन दस्तावेजों को देखेगा और फिर लोन प्रक्रिया शुरू होगी।
जानिए इसकी ब्याज दरें और सेवाएं—
ब्याज और टेन्योर की बात करें तो कंस्ट्रक्शन लोन के लिए भी आपको होम लोन के लिए मिलने वाले टेन्योर की तुलना में उतना ही टेन् योर मिलता है। आपको बता दें कि सरकारी एनबीएफसी एलआईसी होम फाइनेंस (NBFC LIC Home Finance) यह लोन 9.10% की ब्याज दर पर देता है, जिसकी चुकता करने की अवधि 30 वर्ष है। एचडीएफसी बैंक भी ग्राहकों को 9 की ब्याज से निर्माण घर लोन देता है, जो 30 साल तक चल सकता है।
इन दो बातों पर जरूर विचार करें:
कम्प्यूटर होम लोन लेते समय दो बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू एक है, जबकि आपका सिबिल स्कोर दूसरा है। जिस जमीन पर आप घर बनाने जा रहे हैं, उसकी कीमत का 80 से 90 प्रतिशत लोन मिल जाएगा, जो आपकी संपत्ति की वैल्यू पर निर्भर करेगा। लेकिन याद रखना चाहिए कि EMI सिर्फ 40 से 45 प्रतिशत होना चाहिए।
बैंक इससे अधिक की ईएमआई नहीं लेंगे। इस तरह के लोन लेने पर आपको गौर करना होगा कि ईएमआई प्रत्येक महीने की कमाई पर निर्धारित होगा।