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Edible Oil Rate: आम आदमी को राहत! फिर सस्ता हुआ सरसों का तेल, जानें आज क्या रहे भाव

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फिर सस्ता हुआ सरसों का तेल

THE CHOPAL - आपको बता दे की होली के बाद आपको गेहूं का आटा और मैदा तो सस्ता भी मिलेगा ही, अब सरसों तेल भी काफी ज्यादा सस्ता भी मिलेगा। बता दे की पिछले दिनों आटा-मैदा के मूल्यों में आई तेजी को देखते हुए अब सरकार ने FCI को खुले बाजार में गेहूं अधिक बेचने का निर्देश भी दिया है। FCI ने ऐसा करना अब शुरू भी कर दिया है। सरकार का यह कहना है कि होली तक आटे के मूल्य में उल्लेखनीय गिरावट भी आएगी। अब सरसों का तेल काफी सस्ता भी होना शुरू हो गया है।

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पिछले वर्ष से अधिक रहा है उत्पादन -

आपको बता दे की सरसों तेल क्षेत्र की शीर्ष संस्था सेंट्रल आर्गनाइजेशन ऑफ ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (COOIT) के अध्यक्ष सुरेश नागपाल के अनुसार रबी फसल में इस वर्ष में कुल 113 लाख टन सरसों का उत्पादन भी हो रहा है। इसमें यदि पिछले वर्ष के 6 लाख टन का कैरी फारवर्ड भी जोड़ दें तो इस वर्ष पेराई के लिए 119 लाख टन तक सरसों भी उपलब्ध है। इसमें रेपसीड या तोरिया के लगभग 2 लाख टन के उत्पादन को शामिल नहीं किया गया है। पिछले वर्ष इसी रबी सीजन में 109.50 लाख टन सरसों का उत्पादन भी हुआ था। उनका यह कहना है कि इस वर्ष मौसम की वजह से सरसों की यील्ड पर करीब 5 % का फर्क भी पड़ा है।

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 बढ़ा है सरसों का रकबा -

इस वर्ष भारत देश में सरसों की खेती का रकबा भी बढ़ा है। सेंट्रल आर्गनाइजेशन ऑफ ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड से मिले आंकड़े के अनुआर पिछले वर्ष देश भर में 86.04 लाख हैक्टेअर क्षेत्र में सरसों की खेती भी  की गई थी। यह इस वर्ष बढ़ कर 92.48 लाख हैक्टेअर तक पहुंच भी गया है। हालांकि इस वर्ष सरसों की उपज भी कम हुई है। पिछले वर्ष प्रति हैक्टेअर सरसों की यील्ड 1,270 KG रही थी। वह इस वर्ष यह घट कर 1,221 किलो रह गई है।

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नागपाल के अनुसार नई सरसों का भाव भी घट कर 5,000 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल पर आ भी गया है। आपको बता दे की अब सरसों तेल की एक्स फैक्ट्री कीमत भी 125 रुपये लीटर से घट कर अब 106 रुपये तक भी आ गई है। उनका यह कहना है कि इस वर्ष सरसों तेल के भाव में कोई खास कमी-बेशी की संभावना अभी नहीं है। बता दे की जब सरसों तेल की एक्स फैक्ट्री मूल्य घटी है तो खुदरा बाजार में भी सरसों तेल का भाव घटना भी शुरू हो गया है। आपको बता दे की एक महीने पहले जो सरसों तेल 130 RS से 140 रुपये प्रति लीटर तक भी बिक रहा था, वह अब वह घट कर करीब 120 से 125 RS लीटर पर भी आ गया है।

इंपोर्टेड खाद्य तेलों के भी भाव घटे -

भारत में लगभग 60 % एडिबल ऑयल का इंपोर्ट भी होता है। इनमें पॉमोलीन और सोयाबीन ऑयल की हिस्सेदारी लगभग दो तिहाई है। बता दे की सूर्यमुखी के तेल की भी अच्छी खासी हिस्सेदारी भी है। इस वक्त  गुजरात के पोर्ट पर इंपोर्टेड रिफाइंड सोयाबीन ऑयल का थोक कीमत 105 से 106 रुपये प्रति लीटर बैठ रहा है। इसी तरह सूरजमुखी के तेल का भी थोक भाव 110 से 112 रुपये लीटर तक बैठ रहा है। पॉमोलीन की कीमत 96 रुपये प्रति लीटर भी है।