Employees Gratuity Rules : 25 हजार तनख्वाह वाले कर्मचारियों को मिलेगा 2,88,461 रुपये ग्रेच्युटी का लाभ
Gratuity calculation :कर्मचारियों ने आज हमारी ये खबर बहुत पसंद की है। ग्रेच्युटी नियमों के बारे में अगर आपको पता है, तो आपको बता दें कि 25 हजार सैलरी वाले सरकारी कर्मचारियों को 2,88,461 रुपये की ग्रेच्युटी मिलेगी। अगर आपको इसके कैलकुलेशन के बारे में पता नहीं है, तो यह खबर पढ़ें और जानें कि ग्रेच्युटी कैलकुलेट होगी और इससे जुड़े नए नियम..।
Gratuity calculation : कर्मचारियों को कंपनी से कई तरह के लाभ मिलते हैं, जिनमें से एक है ग्रेच्युटी, जो एक निश्चित समय तक काम करने के लिए दी जाती है। साथ ही सरकार ने कर्मचारियों के रिटायरमेंट को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इनमें से एक है ग्रेच्युटी कानून। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारी और कंपनी दोनों का ग्रेच्युटी में योगदान होता है, जैसा कि एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPFO) है। लेकिन कंपनी इसका बड़ा हिस्सा उठाती है, EPF के विपरीत, कर्मचारी के वेतन से छोटा सा हिस्सा कटता है।
क्या ग्रेच्युटी है?
यह कर्मचारियों को पता है कि ग्रेच्युटी एक तरह से कंपनी के प्रति वफादारी का इनाम है। आप ग्रेच्युटी के हकदार हो जाते हैं अगर आप पांच या इससे अधिक वर्षों तक एक ही संस्था में निरंतर काम करते रहे हैं। हालाँकि, पाँच वर्ष की सेवा अवधि को एक वर्ष तक कम करने की चर्चा हो रही है। केंद्रीय न्यू वेज कोड में इसकी चर्चा हुई है और इसके लागू होने पर करोड़ों सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा।
यदि आप सरकारी या निजी क्षेत्र में काम करते हैं तो आपको इस आवश्यक जानकारी का पता लगाना बहुत महत्वपूर्ण है। आप ग्रेच्युटी को जानते होंगे। कि पांच वर्ष या उससे अधिक समय तक काम करने के बदले में ग्रेच्युटी कर्मचारी को एक पुरस्कार मिलता है। लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारियों को एक निश्चित अवधि के बाद नौकरी छोड़ने पर कंपनी द्वारा भुगतान किया जाता है। इसे ग्रेच्युटी कहते हैं। भारत में पांच साल की न्यूनतम समय सीमा है जब ग्रेच्युटी भुगतान किया जाता है. इसका अर्थ है कि अगर कोई कर्मचारी किसी कंपनी में पांच साल तक काम करता है, तो कंपनी उसे जॉब छोड़ने पर ग्रेच्युटी देती है।
ग्रेच्युटी प्राप्त करने का समय
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर किसी संस्थान में 10 या इससे अधिक कर्मचारी हैं, तो संस्थान को उन कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देना होगा। इस नियम के तहत सरकारी और निजी दोनों ही कंपनियां शामिल हैं। इसके दायरे में दुकानें और फैक्ट्री भी शामिल हैं। आपकी सुविधा के लिए बता दें कि ग्रेच्युटी के लिए आवेदन करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपकी संस्था ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत पंजीकृत है या नहीं। क्योंकि आपको नियमों के अनुसार ग्रेच्युटी का भुगतान करना होगा अगर आपकी कंपनी रजिस्टर है; अगर नहीं, तो कंपनी की इच्छा पर निर्भर करता है। आप इन सभी नियमों को जानना बेहद जरूरी है।
ग्रेजुएट के लिए न्यूनतम अवधि
वर्तमान में भारत में ग्रेच्युटी के लिए न्यूनतम अवधि पांच वर्ष है। यदि किसी कर्मचारी ने चार साल और आठ महीने तक कंपनी में काम किया है, तो उसका अनुबंध पांच साल ही माना जाएगा। लेकिन यदि कर्मचारी ने चार वर्ष और सात महीने तक कंपनी में काम किया है, तो यह चार वर्ष माना जाएगा। कर्मचारी इसलिए ग्रेच्युटी नहीं ले सकता। इसमें नोटिस पीरियड कार्यदिवसों में गिना जाएगा। साथ ही, अगर किसी कर्मचारी की रिटायरमेंट (retirement) या काम छोड़ने से पहले ही मृत्यु हो जाती है, तो कंपनी को कर्मचारी के नामांकित को ग्रेच्युटी का भुगतान करना होगा। यहां न्यूनतम समय सीमा का नियम लागू नहीं होगा।
जाने कि ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का नियम क्या है?
कर्मचारी अच्छी तरह से जानते होंगे कि ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का नियम है: अंतिम सैलरी x कुल कार्यकाल x (15/26)। यहां ये ध्यान रखना चाहिए कि महीने में रविवार के चार दिनों को वीक ऑफ मानते हुए नहीं गिना जाता; इससे एक महीने में सिर्फ 23 दिन होते हैं और ग्रेच्यु टी का कैलकुलेशन 25 दिनों के आधार पर होता है।
अब आपको एक उदाहरण के तौर पर बता दें कि एक व्यक्ति ने 20 साल तक एक कंपनी में काम किया और उसकी अंतिम सैलरी लगभग 25,000 रुपये है. उसकी ग्रेच्युटी की राशि का पता लगाने के लिए हम इस फॉर्मूले को लागू करेंगे। इस फॉर्मूले के अनुसार, व्यक्ति की ग्रेच्युटी 20x25000x15/26 = 2,88,461.54 होगी।
नए लेबर कोड बिल की तैयारी
केंद्रीय कर्मचारियों को बताया जाना चाहिए कि देश की केंद्रीय सरकार अब जल्द ही नया लेबर कोड लागू करने की तैयारी कर रही है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस नए बिल के लागू होने के बाद क्या बदलाव हो सकते हैं, तो आपको बता दें कि निजी और सरकारी विभागों और कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के सैलरी, छुट्टी, प्रोविडेंट फंड और ग्रैच्युटी से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। नए ग्रैच्युटी नियमों (भारत में नवीन ग्रैच्युटी नियम) में निर्धारित पांच वर्ष की अवधि को घटाकर सिर्फ एक वर्ष किया जा सकता है, इससे सबसे अधिक लाभ रिटायर होने वाले या नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को मिलेगा। एक साल के बाद नौकरी बदलने वाले कर्मचारी भी ग्रेच्युटी पा सकते हैं। ये सीधे कर्मचारियों के लिए लाभदायक बदलाव है।