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Gold Price: इतने दिन में 30 फीसदी रिटर्न दे गया सोना, निवेश करने वालों की हुई चांदी

Gold Rate Hike : सोने की कीमत लगातार बढ़ रही है। सोने में पिछले साल के अंत में शुरू हुई तेजी इस साल भी जारी है। सोने की कीमतें कुछ दिनों से कम हुई हैं, लेकिन अब तक वे बहुत अधिक बढ़ चुके हैं। फिलहाल, सोना आम आदमी से दूर है और सातवें आसमान पर बैठा है। सोने में निवेश करने वालों की मौज बनी हुई हैं।
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Gold Price: इतने दिन में 30 फीसदी रिटर्न दे गया सोना, निवेश करने वालों की हुई चांदी 

The Chopal : सोने का मूल्य लगातार बढ़ रहा है। सोना पिछले वर्ष से तीस प्रतिशत रिटर्न दे चुका है। सोने की चमक भी कुछ दिनों से कम हुई है। लेकिन सोना अब तक बहुत बढ़ा है। अप्रैल की शुरुआत में सोना कम हो रहा था, फिर बीच में बढ़ौतरी के साथ 1 लाख को पार कर गया, लेकिन फिर से दाम गिरने लगे हैं। 

एक साल में सोना 30% बढ़ा

2024 में अक्षय तृतीया, यानी 10 मई को सोने की कीमत तीस प्रतिशत बढ़ी थी। सोने की दर इतनी तेजी से बढ़ने से निवेशकों को मजा आ गया है। सोने का मूल्य बाजार से अधिक है।  

2019 के बाद 20% रिटर्न 

24 कैरेट सोने का मूल्य पिछले वर्ष दस मई को 73,240 रुपये था। यह अब 96,000 रुपये प्रति तोला हो गया है। वहीं, सोना इस साल एक लाख पार कर चुका है। फिलहाल सोने की दर में गिरावट है। एक सप्ताह से तो सोने की कीमतें कम ही हो रही हैं।  

31 हजार रुपये से एक लाख रुपये हो गया सोना

2019 में अक्षय तृतीया पर सोना 31,729 रुपये प्रति तोला था। आज सोने की कीमत दो सौ प्रतिशत बढ़ी है। 22 अप्रैल को सोने की कीमत एक लाख रुपये पार कर चुकी है। अब सवाल उठता है कि इस साल के अंत तक सोने की कीमत क्या होगी? 

सोने की खरीद कम हुई

ग्राहक इस साल सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण थोड़ा सतर्क होकर खरीदारी कर रहे हैं। सोने की हल्की ज्वेलरी बना रहे हैं या शादी-विवाह समारोह में सोने की जगह अन्य उपहार या गिफ्ट देना चाहते हैं। सोने का मूल्य सामान्य सराफा बाजारों में 35 प्रतिशत गिर गया है। सोने की मांग और सोने के दाम लगातार बढ़ रहे हैं क्योंकि निवेशक इसे खरीद रहे हैं।

दिसंबर तक सोने की कीमत कितनी होगी?

वेंचुरा ने सोने की कीमतों को लेकर कहा कि वैश्विक आर्थिक हालात खराब होने पर जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़ता है, इससे दिसंबर तक सोने की कीमत 1,01,000 से 1,04,000 रुपये प्रति तोला तक जा सकती है। वहीं, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दरों में कटौती से अमेरिकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप सोने की कीमत 87 हजार से 90 हजार रुपये तक तोला रह सकती है। सोने की कीमत भी दिसंबर 2025 तक 86,000 से 96,000 रुपये रहने की उम्मीद है।