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Gold Price : सोने कब बेचने में मिलेगा जबरदस्त फायदा, एक्सपर्ट ने बताई पूरी बात

Gold Rate Today :कई दिनों से सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। 2025 की शुरूआत से ही सोने की कीमतें लगातार उच्चतम स्तर पर हैं। Experts का मानना है कि सोने की कीमतें अब इतनी बढ़ गई हैं, भविष्य में सोना बेकार हो जाएगा। हम जानते हैं कि सोने की मांग अब और बढ़ेगी या नहीं, एक्सपर्ट ने सोने के बारे में बताया सब कुछ। 
 
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Gold Price : सोने कब बेचने में मिलेगा जबरदस्त फायदा, एक्सपर्ट ने बताई पूरी बात 

The Chopal, Gold Rate Today : सोने की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सोने की कीमतों में कमी नहीं आ रही है, चाहे वह राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय बाजार में हो। इस साल सोने की कीमत 14% तक पहुंच गई है। सोने के भावों में इस बात की स्वीकृति तेजी से होती जा रही है कि यह आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। साथ ही, निरंतर बढ़ोतरी ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है कि आगे क्या होगा। यह खबर आपको बताती है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतें क्या होंगी। 

वर्तमान में निवेशकों का सबसे बड़ा सवाल है कि क्या गोल्ड बेचकर मुनाफा कमाया जाए या इसे होल्ड करके निवेश किया जाए। इस प्रश्न के जवाब में आपको गोल्ड और इक्विटी के रेश्यो को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही, आने वाले दिनों में दिखाई देने वाले हालात को समझना भी महत्वपूर्ण है। 

गोल्ड ने लगभग 75 दिन में निवेशकों को 14% तक का रिटर्न दिया है। विशेष बात यह है कि पिछले तीन वर्षों में गोल्ड ने निवेशकों को प्रति वर्ष 17% की कमाई दी है। यह सेंसेक्स के 11.5% रिटर्न से बहुत अधिक है। मौजूदा समय में शेयर बाजार दोनों ही गोल्ड शॉर्ट और लॉन्ग टर्म की ओर बढ़ा है। लेकिन यह तुलना तब हो रही है जब सोना नई ऊंचाई पर है और शेयर बाजार में गिरावट है। 

अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है कि क्या निवेशकों के लिए सोना बेचकर लाभ कमाने का समय आ गया है? हम यह भी कह रहे हैं क्योंकि ऐसा पहले भी हुआ है। लंबी तेजी के बाद सोने में गिरावट आई, तो सोने को उसी ऊंचाई पर पहुंचने में काफी समय लग गया। आइए जानकारों और आंकड़ों से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर में गोल्ड में निवेशकों को क्या करना चाहिए। 

क्या संकट आने वाला है? 

एक्सपर्ट्स का मानना है कि गोल्ड में जारी बेहतरीन प्रदर्शन जल्द ही खत्म हो सकता है। क्वांटम एएमसी के सीआईओ ने मीडिया रिपोर्ट में बताया कि वर्तमान में चल रही कूटनीतिक वार्ताएं अंतरराष्ट्रीय स्थिति को अधिक स्थिर बनाने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, महंगाई नियंत्रित हो रही है। इसलिए सोने की कीमतों में गिरावट हो सकती है। वेंचुरा सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा कि डॉलर और अमेरिकी फेड की मजबूत ब्याज दरों और कम कटौती की संभावना भी सोने की कीमतों को नियंत्रित करेगी। 

विशेषज्ञों का कहना है कि सोने का रिस्क-रिटर्न पेऑफ (Gold's risk-return payoff) निकट भविष्य में इसके पक्ष में नहीं होगा। यदि सोने के पिछले प्राइस बिहेवियर को इंडीकेटर माना जाए, तो यह ओवरबॉट होता है। उदाहरण के लिए, 1970 के दशक से सोने की कीमतों (sone ka taja bhav) का विश्लेषण बताता है कि सोने की कीमत और उसके 200 दिनों के मूविंग एवरेज के बीच मौजूदा अंतर असामान्य रूप से बड़ा है। इस पैटर्न ने हमेशा अत्यधिक लाभ की अवधि के बाद सोने की कीमतों में लंबे समय तक कमजोरी की शुरुआत दिखाई है। 

क्या धक्का लग सकता है? 

एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट (एसवीपी) की मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सोना (आज की सोने की कीमत) इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन करता है। लेकिन इसका उल्टा भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि 1999 से सेंसेक्स-टू-गोल्ड रेश्यो का विश्लेषण बताता है कि यदि अनुपात 1 से कम है, तो इक्विटी अगले तीन वर्षों में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, और यदि अनुपात 1 से अधिक है, तो सोना अगले तीन वर्षों में इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।  

वर्तमान रेश्यो दीर्घकालिक औसत से 0.96 कम है। इसका अर्थ है कि आज सोना की कीमत अधिक है। स्वास्थ्य रिपोर्टों के अनुसार, अगले तीन वर्षों में इक्विटी सोने से आगे निकल सकती है। ऐतिहासिक पैटर्न बताते हैं कि सोना, इक्विटी की तरह, लंबे समय तक चलेगा। बहुत अधिक आय के बाद भी गिरावट की एक लंबी अवधि देखने को मिली है। वास्तव में, सोने में गिरावट ने निवेशकों को बहुत दुखी किया है। 

पचास वर्षों में सोने का इतिहास 

इसे एक उदाहरण से समझने का प्रयास करें। सोने का taja bhav (जनवरी 1980 में) उच्च था। गोल्ड की कीमतों में अगले दो वर्षों में 56% की गिरावट हुई। Gold को पीक पर फिर से आने में लगभग दस वर्ष लगे। नवंबर 1989 में गोल्ड ने नया पीक देखा। 2012 में कुछ ऐसा देखा गया था।  

नवंबर 2012 में सोने की कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची, जिसके बाद अगले दो वर्षों में 30 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। 2019 में, छह वर्ष सात महीने के बाद, नया पीक गोल्ड दिखाई दिया। यह पहले फरवरी 1996 में हुआ था जब गोल्ड ने ऐसा ही किया था। गोल्ड में लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट हुई। गोल्ड को उसी पीक पर पहुंचने में छह वर्ष चार महीने लगे।  

Sone ka aaj ka bhav, या सोने का मूल्य, लगभग सभी राज्यों में इसी औसत से बढ़ा है। राज्य ने कहा कि जीएसटी और मेकिंग चार्ज के कारण आज के सोने-चांदी के रेट में कुछ बदलाव होना चाहिए। 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने का मूल्य इस वर्ष 90 हजार से भी अधिक हो गया है। अब हर दिन ऑल टाइम हाई का नया रिकॉर्ड बनाया जाता है। यही कारण है कि सोना अब सभी रिकॉर्ड तोड़ता दिख रहा है।