Sone Ka bhav: साल 2026 में कहां पहुंच जाएगा सोने का भाव, आ गई अपडेट
Gold Rate: सोने की कीमतों (Gold Prices) में इन दिनों जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।अप्रैल 2025 में सोने की कीमत ने एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाते हुए लगभग 1 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम का स्तर छू लिया था। विशेषज्ञों की माने तो वैश्विक अनिश्चितता (जैसे अमेरिका में ब्याज दरों का बदलाव, रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी भू-राजनीतिक घटनाएं) और भारतीय बाजार में मांग के चलते सोने की कीमतों में यह उछाल आया।

The Chopal : सोने की कीमतों में हर दिन कुछ अलग रंग देखने को मिलते हैं। सोना की कीमत में उतार चढ़ाव का दौर हर दिन अलग लगता है। सोने की कीमतों में पिछले कुछ दिनों में तेज़ उछाल देखने को मिला था। इसी महीने 22 तारीख को सोने की कीमत 1 लाख के स्तर को छू चुकी थी। आपको बता दें कि एक अनुमान लगाया गया है कि सोने की कीमतें 2026 तक डेढ़ लाख रुपए को पार कर जाएंगी। पिछले दिनों गोल्ड की कीमतों को देखकर यह भी अनुमान लगाया गया था कि सोने की कीमतें में भारी गिरावट आ सकती है और सोने की कीमत 56000 तक रह जाएंगी।
आए दिन सोने की कीमतों में गिरावट और दिनों से तेजी देखने को मिल रही है। सोने की कीमतों में भी अब गिरावट देखने को मिल रही है। सोने की कीमतों पर पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। 2026 तक सोने की कीमतों में भारी उछाल आ सकता हैं। वहीं सोने की कीमतें अब गिर रही हैं। जो लोग सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है क्योंकि सोने के दाम कम हो रहे हैं। सोने की कीमतों पर हाल ही में एक पुर्वानुमान लगाया गया है, जो बताता है कि 2026 तक सोने की कीमत कितनी होगी।
यह सोना दर अक्षय तृतीया से पहले मिल रही है -
सोने की कीमत (सोने की दर की अपडेट) अक्षय तृतीया से पहले ही एक लाख रुपये के स्तर को छू रही है। सोने की कीमतों में 2025 में शानदार वृद्धि देखने को मिल रही है। यार्डेनी रिसर्च के प्रेसिडेंट एड यार्डेनी का अनुमान है कि सोने की कीमत साल 2025 तक प्रति औंस 4,000 डॉलर तक पहुंच सकती है। 2026 तक सोने की कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस से भी अधिक हो जाएगी। यानी सोना 1,35,000 रुपये के आसपास हो सकता है। 2026 तक सोने की कीमत 1.53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच जाएगी।
सोने का इतना लाभ
20 अप्रैल को वैश्विक सोने की कीमतों में 1.7 प्रतिशत तक का उछाल देखने को मिल रहा है। अब सोना प्रति औंस 3,383.87 रुपये है। American Gold Price भी 2 प्रतिशत बढ़कर 3,396.10 डॉलर प्रति औंस पर जा पहुंचा है। इस साल सोने की कीमत में 29 प्रतिशत का रिटर्न मिला है। वहीं सोने की कीमतें पिछले अक्षय तृतीया से अब तक 35 प्रतिशत से अधिक बढ़ी हैं।
आर्थिक अस्थिरता ने डॉलर को भी कमजोर कर दिया -
यार्डेनी के अनुसार वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और कमजोर होता डॉलर भी सोने की कीमत में तेजी की वजह हैं। डॉलर कमजोर होने से सोना और भी सस्ता हो गया है। इसकी वजह से सोने की मांग भी बढ़ रही है।
सेंट्रल बैंक भी जल्दी आया -
उनका कहना था कि डॉलर सुरक्षित संपत्ति देश में नहीं मानी जाती है। सोना इसकी जगह निवेश का तरीका है। खासतौर पर ऐसे देश जिनके अमेरिका से कमजोर संबंध हैं इसके साथ ही दुनिया के ज्यादातर सेंट्रल बैंक तेजी से सोना खरीद रहे हैं। Yardoni ने बताया कि यह ट्रेंड आगे भी चलने वाला है।
स्टॉक और बॉन्ड से भी लाभ मिलेगा -
जारी की गई जानकारी के अनुसार, अस्थिर परिस्थितियों में पोर्टफोलियो में सोना (sone ki kemat) होना बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। यह भी स्टॉक और बॉन्ड मार्केट की अनिश्चितता को दूर करने में काफी अधिक मदद कर सकता है। लेकिन उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में सोने की कीमतों में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है। इससे निकट भविष्य में कुछ गिरावट हो सकती है। लेकिन उन्होंने कहा कि यह निवेश के लिए बेहतर विकल्प है। उनका कहना था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ टैरिफ को 1 जुलाई तक टाल दिया है, जो एक संकेत हो सकता है कि बाजार को जल्द ही अच्छी खबर मिल सकती है।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीद
यार्डेनी भारत को लेकर भी उत्साहित हैं। उनका कहना था कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीद है। वहीं अमेरिकी प्रशासन इसे जल्दी करेगा। उनका कहना था कि अब विदेशी निवेशक भारत को एक सुरक्षित और स्थिर बाजार के रूप में देख सकते हैं (गोल्ड की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में)। कुल मिलाकर, वैश्विक मंदी में सोना एक बार फिर निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक विकल्प बन रहा है। अक्षय तृतीया जैसे अवसरों पर इसका लाभ उठाना निवेश के लिए लाभदायक हो सकता है।