Green Tax: नए साल से उत्तराखंड जाना हो जाएगा महंगा, सरकार ने ग्रीन टैक्स का बनाया प्लान
Green Tax:यदि आपकी गाड़ी उत्तराखंड से बाहर रजिस्टर्ड है, तो आपको ग्रीन सेस का भुगतान करना होगा। ग्रीन सेस लागू होने से आपकी उत्तराखंड यात्रा (Uttarakhand Yatra) पहले से ज्यादा खर्च होगी।
The Chopal, Green Tax: यदि आपकी गाड़ी उत्तराखंड से बाहर रजिस्टर्ड है, तो आपको ग्रीन सेस का भुगतान करना होगा। ग्रीन सेस लागू होने से आपकी उत्तराखंड यात्रा पहले से ज्यादा खर्च करेगी।
Mussoorie Nainital यात्रा पर स्वच्छ कर
Uttarakhand सरकार ने राज्य से बाहर चलने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस लगाने की योजना बनाई है. यह जल्द ही लागू हो सकता है। यह सेस आय का एक नया स्रोत होगा और 20 से 80 रुपये होगा। यह चार्ज निजी और व्यावसायिक दोनों वाहनों पर लागू होगा। पर्यटन स्थलों पर बढ़ते यातायात को नियंत्रित करना और पर्यावरण को बचाना इस पहल का उद्देश्य है। यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है अगर आप नैनीताल या मसूरी की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। ग्रीन सेस के बारे में अधिक जानकारी और अपडेट प्राप्त करें।
सेस लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई:
टू-व्हीलर, इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों, एंबुलेंस और दमकल सेवाओं को उत्तराखंड में सेस से छूट मिलेगी। सेस लगाने की प्रक्रिया के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है, जॉइंट कमिश्नर (ट्रांसपोर्ट) सनत कुमार सिंह ने बताया। दिसंबर के अंत तक वे इस नई व्यवस्था को लागू करना चाहते हैं। बाद में, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे बाहर रजिस्टर्ड वाहनों को पहचानेंगे, और शुल्क सीधे वाहन मालिकों के FASTag वॉलेट से कटेगा।
किस वाहन को अधिक चार्ज लगेगा?
संयुक्त आयुक्त ने नए शुल्कों की घोषणा की: थ्री व हेलर से 20 रुपये, फोर व हेलर से 60 रुपये, मध्यम साइज व हेवी व हेलर से 60 रुपये होंगे। ग्रीन सेस एक दिन की एंट्री (entry) के लिए होगा, लेकिन वाहन मालिक लॉन्ग टर्म पास ले सकते हैं। तिमाही पास के लिए दोगुना रोजाना चार्ज देना होगा और सालाना पास के लिए छह गुना। यह व्यवस्था पर्यावरण संरक्षण की ओर एक प्रयास है।
उत्तराखंड जाना क्या बदलेगा?
दिल्ली, उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों से उत्तराखंड जाने पर आपको हाईवे पर टोल टैक्स देना होगा। उत्तराखंड राज्य के बॉर्डर से जुड़े क्षेत्रों में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे लगाने का नया प्रणाली अब लागू की जा रही है। ये कैमरे बाहरी वाहनों को पहचान कर फास्टैग से ग्रीन सेस काटेंगे, जो यात्रा को महंगा बना सकता है। यह प्रणाली दिसंबर से लागू होगी, विशेष रूप से नव वर्ष के दौरान वाहनों पर लागू होगी।